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जयपुर में इसरो की प्रदर्शनी...अंतरिक्ष की दुनिया को करीब से देखेंगे छात्र - Science exhibition in Jaipur

जयपुर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में आज से तीन दिवसीय इसरो एग्जीबिशन का आयोजन किया जा (ISRO organises Science exhibition in Jaipur) रहा है. इसके जरिए छात्रों को अंतरिक्ष की दुनिया को नजदीक से देखने का मौका मिलेगा. प्रदर्शनी में रॉकेट, उपग्रहों के वृत्तचित्र सहित चंद्रयान, मंगलयान सहित कई मिशन के मॉडल्स मौजूद रहे.

ISRO organises Science exhibition in Jaipur
ISRO organises Science exhibition in Jaipur
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Published : Nov 30, 2022, 10:37 PM IST

Updated : Nov 30, 2022, 10:44 PM IST

जयपुर. राजधानी की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय इसरो एग्जीबिशन का आयोजन किया (ISRO organises Science exhibition in Jaipur) जा रहा है. एग्जीबिशन का उद्घाटन अंतरिक्ष आयोग भारत सरकार के सदस्य पद्मश्री डॉ. एएस किरण कुमार ने किया. तीन दिनों तक आयोजित होने वाली इस एग्जीबिशन में मुख्य आकर्षण हाल ही में लॉन्च किए गए इसरो के रॉकेट और उपग्रहों के वृत्तचित्र और प्रदर्शनियां, लाइव वाटर रॉकेट लॉन्च रहे.

इसके साथ ही यहां कार्यशालाएं, राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं. इस मौके पर इसरो के कई साइंटिस्ट भी कैंपस में मौजूद रहे और बच्चों को स्पेस मिशन, इसरो और कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स से रूबरू करवाया. स्टूडेंट्स अंतरिक्ष दुनिया को करीब से देखें और भविष्य में इसरो के साथ जुड़कर बतौर साइंटिस्ट करियर बनाएं इसी उद्देश्य से करीब 4 साल बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जयपुर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से साइंस एग्जीबिशन आयोजित की.

पढे़ं. राजस्थान विश्वविद्यालय में गुलदाउदी की प्रदर्शनी शुरू, 40 से ज्यादा किस्मों के 3700 पौधे किए गए है तैयार

भारत में अब तक सफलतापूर्वक छोड़े गए 104 सैटेलाइट की कहानी इसरो ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बच्चों (Science exhibition in Jaipur for school students) के बीच पेश की. प्रदर्शनी में इसरो की वैन भी आकर्षण का केंद्र रही. इसमें इसरो के अलग-अलग स्पेस मिशन के डिस्प्ले मॉडल्स लगाए गए थे. इनमें नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन, इंडियन रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन, इंडियन सैटेलाइट कम्युनिकेशन एप्लीकेशन, चंद्रयान, मंगलयान सहित कई मिशन के मॉडल्स मौजूद रहे.

पढ़ें. ISRO का ओशनसैट, आठ अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचा, जानें क्या है खासियत?

पद्मश्री डॉ. एएस किरण कुमार ने बताया कि विक्रम साराभाई को इसरो की आज की आधुनिकता का श्रेय जाता है. पीएसएलवी की मदद से इसरो ने 34 देशों की 400 से भी अधिक सैटेलाइटस को लॉन्च किया है. इसरो ने पीएसएलवी की मदद से 104 सैटेलाइट लॉन्च कर अंतरिक्ष में छोड़े हैं. साधनों की कमी के बावजूद इसरो ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से कई इतिहास रचे. चंद्रयान, मंगलयान, इंडियन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के पीछे की कहानी भी बच्चों को बताने के उद्देश्य से इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है.

बता दें कि तीन दिनों तक आयोजित होने जा रही इस एग्जीबिशन में जयपुर और आसपास के जिलों के करीब 104 स्कूलों के करीब 16 हजार से ज्यादा बच्चे पहुंचेंगे. इस एग्जिबिशन के जरिए इसरो किस तरह कार्य करता है, रॉकेट लॉन्च कैसे किया जाता है और ऐसे कई सवालों के जवाब जानने का मौका मिलेगा.

जयपुर. राजधानी की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी में तीन दिवसीय इसरो एग्जीबिशन का आयोजन किया (ISRO organises Science exhibition in Jaipur) जा रहा है. एग्जीबिशन का उद्घाटन अंतरिक्ष आयोग भारत सरकार के सदस्य पद्मश्री डॉ. एएस किरण कुमार ने किया. तीन दिनों तक आयोजित होने वाली इस एग्जीबिशन में मुख्य आकर्षण हाल ही में लॉन्च किए गए इसरो के रॉकेट और उपग्रहों के वृत्तचित्र और प्रदर्शनियां, लाइव वाटर रॉकेट लॉन्च रहे.

इसके साथ ही यहां कार्यशालाएं, राष्ट्रीय प्रश्नोत्तरी प्रतियोगिताएं आयोजित हो रही हैं. इस मौके पर इसरो के कई साइंटिस्ट भी कैंपस में मौजूद रहे और बच्चों को स्पेस मिशन, इसरो और कई साइंटिफिक एक्सपेरिमेंट्स से रूबरू करवाया. स्टूडेंट्स अंतरिक्ष दुनिया को करीब से देखें और भविष्य में इसरो के साथ जुड़कर बतौर साइंटिस्ट करियर बनाएं इसी उद्देश्य से करीब 4 साल बाद इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने जयपुर की एक प्राइवेट यूनिवर्सिटी के सहयोग से साइंस एग्जीबिशन आयोजित की.

पढे़ं. राजस्थान विश्वविद्यालय में गुलदाउदी की प्रदर्शनी शुरू, 40 से ज्यादा किस्मों के 3700 पौधे किए गए है तैयार

भारत में अब तक सफलतापूर्वक छोड़े गए 104 सैटेलाइट की कहानी इसरो ने डॉक्यूमेंट्री के माध्यम से बच्चों (Science exhibition in Jaipur for school students) के बीच पेश की. प्रदर्शनी में इसरो की वैन भी आकर्षण का केंद्र रही. इसमें इसरो के अलग-अलग स्पेस मिशन के डिस्प्ले मॉडल्स लगाए गए थे. इनमें नेविगेशन विद इंडियन कॉन्स्टेलेशन, इंडियन रिमोट सेंसिंग एप्लीकेशन, इंडियन सैटेलाइट कम्युनिकेशन एप्लीकेशन, चंद्रयान, मंगलयान सहित कई मिशन के मॉडल्स मौजूद रहे.

पढ़ें. ISRO का ओशनसैट, आठ अन्य उपग्रहों को सफलतापूर्वक कक्षा में पहुंचा, जानें क्या है खासियत?

पद्मश्री डॉ. एएस किरण कुमार ने बताया कि विक्रम साराभाई को इसरो की आज की आधुनिकता का श्रेय जाता है. पीएसएलवी की मदद से इसरो ने 34 देशों की 400 से भी अधिक सैटेलाइटस को लॉन्च किया है. इसरो ने पीएसएलवी की मदद से 104 सैटेलाइट लॉन्च कर अंतरिक्ष में छोड़े हैं. साधनों की कमी के बावजूद इसरो ने अपने दृढ़ निश्चय और मेहनत से कई इतिहास रचे. चंद्रयान, मंगलयान, इंडियन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट के पीछे की कहानी भी बच्चों को बताने के उद्देश्य से इस एग्जीबिशन का आयोजन किया गया है.

बता दें कि तीन दिनों तक आयोजित होने जा रही इस एग्जीबिशन में जयपुर और आसपास के जिलों के करीब 104 स्कूलों के करीब 16 हजार से ज्यादा बच्चे पहुंचेंगे. इस एग्जिबिशन के जरिए इसरो किस तरह कार्य करता है, रॉकेट लॉन्च कैसे किया जाता है और ऐसे कई सवालों के जवाब जानने का मौका मिलेगा.

Last Updated : Nov 30, 2022, 10:44 PM IST
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