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पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती में अनियमितता को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने मांगा जवाब

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 14, 2023, 11:24 PM IST

आरपीएससी की पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2019 में अनियमितता को लेकर राजस्थान हाईकोर्ट ने आरपीएससी सचिव और पशुपालन निदेशक से जवाब तलब किया है.

Rajasthan High Court
राजस्थान हाईकोर्ट

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2019 की चयन प्रक्रिया में अनियमिता को लेकर आरपीएससी सचिव और पशुपालन निदेशक से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश संदीप बीसू व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने पशु चिकित्सा अधिकारी के 900 पदों के लिए भर्ती निकाली. जिसकी संवीक्षा परीक्षा 2 अगस्त, 2020 को आयोजित की गई. आयोग की ओर से 26 नवंबर, 2020 को जारी परीक्षा परिणाम में 1878 अभ्यर्थियों को पास किया गया, लेकिन न तो वर्गवार कट ऑफ जारी की गई और ना ही आरक्षण के प्रावधानों को लागू किया गया.

पढ़ें: अलवर में मेरिट होल्डर स्टूडेंटस को विश्वविद्यालय ने किया फेल, छात्रों ने कहा ऐसा कैसे हो सकता है

इसके अलावा अभ्यर्थियों के अकादमिक के अंकों को भी नहीं जोड़ा गया. वहीं साक्षात्कार से पूर्व पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल भी नहीं किया गया. इसके चलते याचिकाकर्ताओं को गलत तरीके से चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. जबकि उन्होंने अधिक अंक हासिल किए हैं. इसलिए उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने पशु चिकित्सा अधिकारी भर्ती 2019 की चयन प्रक्रिया में अनियमिता को लेकर आरपीएससी सचिव और पशुपालन निदेशक से जवाब तलब किया है. इसके साथ ही अदालत ने याचिकाकर्ता अभ्यर्थी को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है. जस्टिस इंद्रजीत सिंह ने यह आदेश संदीप बीसू व अन्य की याचिका पर दिए.

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि आरपीएससी ने पशु चिकित्सा अधिकारी के 900 पदों के लिए भर्ती निकाली. जिसकी संवीक्षा परीक्षा 2 अगस्त, 2020 को आयोजित की गई. आयोग की ओर से 26 नवंबर, 2020 को जारी परीक्षा परिणाम में 1878 अभ्यर्थियों को पास किया गया, लेकिन न तो वर्गवार कट ऑफ जारी की गई और ना ही आरक्षण के प्रावधानों को लागू किया गया.

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इसके अलावा अभ्यर्थियों के अकादमिक के अंकों को भी नहीं जोड़ा गया. वहीं साक्षात्कार से पूर्व पात्रता हासिल करने वाले अभ्यर्थियों को साक्षात्कार में शामिल भी नहीं किया गया. इसके चलते याचिकाकर्ताओं को गलत तरीके से चयन प्रक्रिया से बाहर कर दिया गया. जबकि उन्होंने अधिक अंक हासिल किए हैं. इसलिए उन्हें चयन प्रक्रिया में शामिल किया जाए. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब करते हुए याचिकाकर्ताओं को साक्षात्कार में शामिल करने को कहा है.

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