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नाइजीरियन अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा - जयपुर पुलिस

जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक नाइजीरियन अंतरराज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा है. पुलिस ने इनके कब्जे से कई एटीएम कार्ड, पीओएस मशीन सहित अहम दस्तावेज जब्त किए है. इस गिरोह की ओर से देशभर में अरबों रुपए की ठगी किए जाने की जानकारी सामने आ रही है.

साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा
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Published : Jul 5, 2019, 10:20 PM IST

जयपुर. साइबर टीम ने एक ऐसी नाइजीरियन गैंग का खुलासा किया है, जो एक खूबसूरत महिला के फोटो के थ्रू सोशल साइट्स से लोगों को दोस्ती के जाल में फंसाकर बैंक अकाउंट से लाखों रुपए की जपत लगा देते. जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस नाइजीरियन अंतर राज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा है.

साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा

पुलिस के शिकंजे में आए आरोपी नागालैंड की यांगगेरूतला और नाइजीरिया के माइक रिची, जेम्स और डेविड हैं. जिनके कब्जे से पुलिस ने कई एटीएम कार्ड, पीओएस मशीन, लैपटॉप, फोन सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए है.

दरअसल पीड़ित परिवादी सुरेश कुमार ने साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उससे फेसबुक पर एक महिला ने दोस्ती की और महिला ने खुद को बिजनेस में बताया. उसके बाद महिला ने खुद को इंडिया घुमाने का कहकर कुछ दिनों बाद महिला दिल्ली पहुंच गई. जहां उसने पीड़ित सुरेश को एयरपोर्ट से कॉल किया कि उसके पास विदेशी मुद्रा है, लेकिन विदेशी मुद्रा के दस्तावेज नहीं है. ऐसे में कस्टम अधिकारी उसे गिरफ्तार कर सकते हैं. ऐसे में महिला ने सुरेश से अकाउंट में रुपए मंगवाए.

वहीं गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों ने एयरपोर्ट से ही फर्जी कस्टम अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल किया कि महिला को जेल जाने से बचाना है तो जल्दी अकाउंट में पैसे जमा करवा दो. ऐसे में झांसे में आकर सुरेश ने अकाउंट में 18 बार ट्रांजेक्शन कर 20 लाख रुपए जमा करवा दिए. ऐसे में बाद में जब ठगी का अहसास हुआ, तब पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी.

जिसके बाद पुलिस ने टेक्निकल टीम की मदद से इस गिरोह को दिल्ली से दबोचा. वहीं जांच में सामने आया कि गिरोह ने टेन टू टेन फ्रुड सप्लायर नाम से फर्जी दुकान खोल रखी थी. जिसमें सिर्फ पीओएस मशीन लगा रखी थी. गिरोह ने सिर्फ केवल अपने इस्तेमाल के लिए दुकान खोल रखी थी. बीते 5 महीने में करीब ढाई करोड़ रुपए इस पीओएस मशीन से निकाले गए है.

पुलिस के अनुसार इस फर्म के नाम से करीब 7 बैंक अकाउंट मिले है. गिरोह ने देशभर में कई लोगों से अरबों रुपए की ठगी की है. फिलहाल गैंगे के सदस्यों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है.

जयपुर. साइबर टीम ने एक ऐसी नाइजीरियन गैंग का खुलासा किया है, जो एक खूबसूरत महिला के फोटो के थ्रू सोशल साइट्स से लोगों को दोस्ती के जाल में फंसाकर बैंक अकाउंट से लाखों रुपए की जपत लगा देते. जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस नाइजीरियन अंतर राज्यीय साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा है.

साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश, महिला सहित 4 आरोपियों को दबोचा

पुलिस के शिकंजे में आए आरोपी नागालैंड की यांगगेरूतला और नाइजीरिया के माइक रिची, जेम्स और डेविड हैं. जिनके कब्जे से पुलिस ने कई एटीएम कार्ड, पीओएस मशीन, लैपटॉप, फोन सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए है.

दरअसल पीड़ित परिवादी सुरेश कुमार ने साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी कि उससे फेसबुक पर एक महिला ने दोस्ती की और महिला ने खुद को बिजनेस में बताया. उसके बाद महिला ने खुद को इंडिया घुमाने का कहकर कुछ दिनों बाद महिला दिल्ली पहुंच गई. जहां उसने पीड़ित सुरेश को एयरपोर्ट से कॉल किया कि उसके पास विदेशी मुद्रा है, लेकिन विदेशी मुद्रा के दस्तावेज नहीं है. ऐसे में कस्टम अधिकारी उसे गिरफ्तार कर सकते हैं. ऐसे में महिला ने सुरेश से अकाउंट में रुपए मंगवाए.

वहीं गिरोह से जुड़े अन्य सदस्यों ने एयरपोर्ट से ही फर्जी कस्टम अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल किया कि महिला को जेल जाने से बचाना है तो जल्दी अकाउंट में पैसे जमा करवा दो. ऐसे में झांसे में आकर सुरेश ने अकाउंट में 18 बार ट्रांजेक्शन कर 20 लाख रुपए जमा करवा दिए. ऐसे में बाद में जब ठगी का अहसास हुआ, तब पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी.

जिसके बाद पुलिस ने टेक्निकल टीम की मदद से इस गिरोह को दिल्ली से दबोचा. वहीं जांच में सामने आया कि गिरोह ने टेन टू टेन फ्रुड सप्लायर नाम से फर्जी दुकान खोल रखी थी. जिसमें सिर्फ पीओएस मशीन लगा रखी थी. गिरोह ने सिर्फ केवल अपने इस्तेमाल के लिए दुकान खोल रखी थी. बीते 5 महीने में करीब ढाई करोड़ रुपए इस पीओएस मशीन से निकाले गए है.

पुलिस के अनुसार इस फर्म के नाम से करीब 7 बैंक अकाउंट मिले है. गिरोह ने देशभर में कई लोगों से अरबों रुपए की ठगी की है. फिलहाल गैंगे के सदस्यों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा होने की उम्मीद है.

Intro:जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने एक नाइजीरियन अंतरराज्य साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित तीन आरोपियों को दबोचा है. पुलिस ने इनके कब्जे से कई एटीएम कार्ड, पीओएस मशीन सहित अहम दस्तावेज जब्त किए है. इस गिरोह ने देशभर में अरबो रुपए की ठगी की है...


Body:एंकर : साइबर टीम ने एक ऐसी नाइजीरियन गैंगे का खुलासा किया है. जो एक खूबसूरत महिला के थ्रू सोशल साइट्स से लोगो को दोस्ती के जाल में फंसाकर बैंक अकाउंट से लाखों रुपए की जपत लगा जाते. जयपुर की साइबर क्राइम थाना पुलिस ने इस नाइजीरियन अंतरराज्य साइबर ठग गिरोह का पर्दाफाश करते हुए एक महिला सहित तीन आरोपियों को दबोचा है. पुलिस के शिकंजे में आए आरोपी नागालैंड की यांगगेरूतला और नाइजीरिया के माइक रिची, जेम्स और डेविड है. जिनके कब्जे से पुलिस ने कई एटीएम कार्ड, पीओएस मशीन, लैपटॉप, फोन सहित अन्य दस्तावेज जब्त किए है.

दरअसल पीड़ित परिवादी सुरेश कुमार ने साइबर थाने में एक रिपोर्ट दर्ज करवाई थी. कि उसे फेसबुक पर एक महिला ने दोस्ती की और महिला ने खुद को बिजनेस में बताया. उसके बाद महिला ने खुद को इंडिया घुमाने का कहकर कुछ दिनों बाद महिला दिल्ली पहुंच गई. जहां उसने पीड़ित सुरेश को एयरपोर्ट से कॉल किया कि उसके पास विदेशी मुद्रा है लेकिन विदेशी मुद्रा के दस्तावेज नहीं है. ऐसे में कस्टम अधिकारी उसे गिरफ्तार कर सकते हैं. ऐसे में महिला ने सुरेश से अकाउंट में रुपए मंगवाए.

वही गिरोह से जुड़े अन्य सदस्य एयरपोर्ट से ही फर्जी कस्टम अधिकारी बनकर पीड़ित को कॉल किया कि महिला जेल को जेल जाने से बचाना है तो जल्दी अकाउंट में पैसे जमा करवा दो. ऐसे में झांसे में आकर सुरेश ने अकाउंट में 18 बार ट्रांसेक्शन कर 20 लाख रुपए जमा करवाएं. ऐसे में बाद में जब ठगी का अहसास हुआ तब पीड़ित ने पुलिस को सूचना दी.

जिसके बाद पुलिस ने टेक्निकल टीम की मदद से इस गिरोह को दिल्ली से दबोचा. वही जांच में सामने आया कि गिरोह ने टेन टू टेन फ्रुड सप्लायर नाम से फर्जी दुकान खोल रखी थी, जिसमें सिर्फ पीओएस मशीन लगा रखी थी. सिर्फ गिरोह ने केवल अपने इस्तेमाल के लिए दुकान खोल रखी थी. पिछले 5 महीने में करीब ढाई करोड़ रुपए इस पीओएस मशीन से निकाले गए है. इस फर्म के नाम से करीब 7 बैंक अकाउंट मिले है. गिरोह ने पूरे देशभर में कई लोगों से अरबों रुपए की ठगी की है. फिलहाल गैंगे के सदस्यों से पूछताछ में कई और वारदातों का खुलासा होने की संभावना है.

बाइट- मोहर सिंह, आरपीएस, साइबर अपराध थाना


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