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SMS Injection Stolen: सात दिन बाद चला चोरी का पता, अब मेडिकल स्टाफ से हो रही पूछताछ - मेडिकल स्टाफ से हो रही पूछताछ

Injections worth Lakhs Stolen from SMS Hospital, राजस्थान के बड़े अस्पतालों में शुमार SMS से लाखों के इंजेक्शन की चोरी हो गई और इसका पता 7 दिन बाद चला. चोरी की रिपोर्ट दर्ज करा दी गई है.

SMS Injection Stolen
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Published : Mar 3, 2023, 12:17 PM IST

जयपुर. एसएमएस अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक आईसीयू से इंजेक्शन चोरी होने का मामला सामने आया है. एक दो नहीं बल्कि 7 इंजेक्शन्स चोरी किए गए हैं. इन 7 इंजेक्शनों की कीमत करीब साढ़े तीन लाख रुपए है. मामला अस्पताल के बांगड़ परिसर का है. इंजेक्शन चोरी का मुकदमा एसएमएस पुलिस थाने में दर्ज हुआ है. थानाधिकारी नवरत्न धोलिया ने बताया कि विभाग के एचओडी अरविंद व्यास की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है.

पुलिस की ओर से मामले की जांच की जा रहीं है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जहां यह इंजेक्शन रखे होते है. वहां डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ जाता है. अन्य व्यक्ति वहां नहीं जाता है और न ही यह इंजेक्शन सामान्य तौर पर किसी के काम आते है. ऐसे में मेडिकल स्टाफ से पूछताछ की जाएगी. पता किया जा रहा है कि आखिर इसके लिए सीधे सीधे कौन जिम्मेदार है और कोताही किस की ओर से की गई.

पढ़ें-एसएमएस अस्पताल की कैथ लैब में लगी आग, समय रहते पाया काबू

ब्रेन स्ट्रोक मरीजों के लिए अहम- चिकित्सकों ने अनुसार ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को यह इंजेक्शन लगाया जाता है. इससे खून के थक्के को घोला जा सकता है. साथ ही खून का प्रवाह फिर शुरू करने के लिए यह जरूरी होता है. जिससे दिमाग के हिस्से को पूर्ण या आंशिक रूप से नष्ट होने से बचाया जा सकता है. हालांकि इस बात पर निर्भर करता है कि इंजेक्शन लक्षण प्रारंभ होने के कितने समय बाद लगा है.

7 दिन बाद हुई चोरी की जानकारी- बेशकीमती इंजेक्शन्स की चोरी की रिपोर्ट बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की. पुलिस जांच में सामने आया है कि मेडिकल स्टाफ ने 22 फरवरी को इन इंजेक्शनों को आखिरी बार देखा था. इसके बाद एक मार्च को इंजेक्शनों को देखा तो सामने आया कि इंजेक्शन चोरी हो गए हैं. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

जयपुर. एसएमएस अस्पताल में ब्रेन स्ट्रोक आईसीयू से इंजेक्शन चोरी होने का मामला सामने आया है. एक दो नहीं बल्कि 7 इंजेक्शन्स चोरी किए गए हैं. इन 7 इंजेक्शनों की कीमत करीब साढ़े तीन लाख रुपए है. मामला अस्पताल के बांगड़ परिसर का है. इंजेक्शन चोरी का मुकदमा एसएमएस पुलिस थाने में दर्ज हुआ है. थानाधिकारी नवरत्न धोलिया ने बताया कि विभाग के एचओडी अरविंद व्यास की तरफ से मुकदमा दर्ज कराया गया है.

पुलिस की ओर से मामले की जांच की जा रहीं है. पुलिस की प्रारंभिक जांच में सामने आया कि जहां यह इंजेक्शन रखे होते है. वहां डॉक्टर व मेडिकल स्टाफ जाता है. अन्य व्यक्ति वहां नहीं जाता है और न ही यह इंजेक्शन सामान्य तौर पर किसी के काम आते है. ऐसे में मेडिकल स्टाफ से पूछताछ की जाएगी. पता किया जा रहा है कि आखिर इसके लिए सीधे सीधे कौन जिम्मेदार है और कोताही किस की ओर से की गई.

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ब्रेन स्ट्रोक मरीजों के लिए अहम- चिकित्सकों ने अनुसार ब्रेन स्ट्रोक के मरीज को यह इंजेक्शन लगाया जाता है. इससे खून के थक्के को घोला जा सकता है. साथ ही खून का प्रवाह फिर शुरू करने के लिए यह जरूरी होता है. जिससे दिमाग के हिस्से को पूर्ण या आंशिक रूप से नष्ट होने से बचाया जा सकता है. हालांकि इस बात पर निर्भर करता है कि इंजेक्शन लक्षण प्रारंभ होने के कितने समय बाद लगा है.

7 दिन बाद हुई चोरी की जानकारी- बेशकीमती इंजेक्शन्स की चोरी की रिपोर्ट बाद पुलिस ने पड़ताल शुरू की. पुलिस जांच में सामने आया है कि मेडिकल स्टाफ ने 22 फरवरी को इन इंजेक्शनों को आखिरी बार देखा था. इसके बाद एक मार्च को इंजेक्शनों को देखा तो सामने आया कि इंजेक्शन चोरी हो गए हैं. जिसके बाद अस्पताल प्रशासन में हड़कंप मच गया.

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