जयपुर/दौसा. अरुणाचल प्रदेश में चीन सेना की घुसपैठ को भारतीय सेना ने भले ही (India China Face Off) नाकाम कर दिया हो, लेकिन कांग्रेस पार्टी इस मुद्दे पर भाजपा और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल खड़े कर रही है. कांग्रेस के प्रवक्ता पवन खेड़ा ने गुरुवार को राजस्थान के दौसा में प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से यह सवाल पूछा कि क्या कारण है कि प्रधानमंत्री चीन पर चुप्पी साधे हैं और चीन की कंपनियों को लगातार देश में व्यापार करने की अनुमति दे रहे हैं.
पवन खेड़ा ने कहा कि हम संसद में भी यह चिंता उठाना चाहते हैं, लेकिन संसद में हमें नहीं बोलने दिया जाता. उन्होंने कहा कि हम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से (Pawan Khera Alleged Modi Government) सवाल करते हैं कि उन्होंने 20 जून 2020 को चीन को क्लीन चिट क्यों दी थी, जिसके बाद चीन यह समझने लग गया है कि भारत का प्रधानमंत्री अपनी छवि भारत से ऊपर मानता है. पवन खेड़ा ने आगे पूछा कि क्या कारण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 18 बार चीन के राष्ट्रपति से मिलते हैं.
कांग्रेस प्रवक्ता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे तो उन्होंने गुजरात में मैंडरिन भाषा को कंपलसरी करने की कोशिश की, जिसका कांग्रेस ने विरोध किया तो चीन की कंपनियों के साथ लगातार बड़े-बड़े करार क्यों किए जा रहे हैं ? प्रधानमंत्री मोदी का चीन से क्या रिश्ता और क्या दबाव है जो आप चीन के आगे मुंह नहीं खोलते हो और जो मुंह खोलते हो तो चीन को क्लीन चिट देते हो.
पवन खेड़ा ने कहा कि चीन की यूसी वेबसाइट मोबाइल कंपनी, जिसे सरकार ने देश की संप्रभुता के लिए खतरा माना उसी कंपनी को भाजपा ने लोकसभा चुनाव में इस्तेमाल किया तो वहीं डोंगफेंग कंपनी जिसे विश्व बैंक, अमेरिका, यूरोप में ब्लैक लिस्ट किया, उस कंपनी को भारत सरकार ने बॉर्डर स्टेट जम्मू-कश्मीर में स्मार्ट मीटर लगाने का ठेका दे दिया. पवन खेड़ा ने कहा कि हम सवाल पूछते हैं कि ब्लैक लिस्टेड कंपनी को जम्मू-कश्मीर के सभी नागरिकों का डाटा क्यों दिया गया. कांग्रेस ने आरोप लगाया कि चीनी कंपनी को मोदी सरकार ने पैसे भी दिए और बॉर्डर स्टेट के नागरिकों का डाटा भी दिया. पवन खेड़ा ने पीएम केयर्स फंड में भी चीनी कंपनियों की ओर से पैसे लेने के आरोप लगाए और कहा कि पीएम केयर्स फंड में किसने पैसा दिया, इसके बारे में आज तो कुछ भी सामने नहीं आएगा लेकिन जब हमारी सरकार आएगी तब यह जरूर सामने आएगा.
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उन्होंने आगे कहा कि हम भी मोदी सरकार को लगातार चेतावनी देते हैं और विशेषज्ञ सेवानिवृत्त फौज के अधिकारी भी कि चीन लगातार भारतीय सीमाओं में घुसपैठ कर रहा है. उन्होंने कहा कि 1 साल पहले पेंटागन के सेटेलाइट ने भी पिक्चर रिलीज की कि कैसे 101 घरों का गांव अरुणाचल में चीन ने स्थापित कर लिया है, उसको नजरअंदाज किया गया और 15 ऐसे इलाके हैं जिनका नाम चीन ने बदल दिया उसे भी सरकार ने नजरअंदाज किया. ऐसे में या तो सरकार किसी दबाव में है या किसी मजबूरी में, जिसके चलते वह चुप है. लेकिन कांग्रेस और विपक्षी दल इस पर चुप नहीं बैठेंगे.
वहीं, इस मामले पर बोलते हुए जयराम रमेश ने कहा कि पाकिस्तान और चाइना में ट्रेड की अलग-अलग पॉलिसी है. उन्होंने कहा कि (Congress on Tawang Clash) देश की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कहा था कि जहां आतंकवाद हो वहां व्यापार नहीं किया जा सकता, लेकिन यह पॉलिसी केवल पाकिस्तान पर लागू है, चाइना पर नहीं. चाइना व्यापार और घुसपैठ दोनों साथ कर रहा है. इतना ही नहीं, व्यापार का मतलब भी हो यह होता है कि 2 देशों के बीच आयात और निर्यात दोनों हो, जबकि चाइना केवल आयात कर रहा है, निर्यात नहीं.