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Dengue Cases in Rajasthan : तेजी से पैर पसार रहा डेंगू, 3624 केस आए सामने, नए स्ट्रेन ने बढ़ाई चिंता...ये रखें सावधानी

प्रदेश के अस्पतालों में मौसमी बीमारियों के मरीजों की संख्या तेजी से बढ़ी है. इनमें सबसे ज्यादा डेंगू का स्ट्रेन डी2 पैर पसार रहा है. अब तक डेंगू के 3624 पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और 6 लोगों की मौत हो चुकी है. जानिए कितना घातक है डेंगू का ये स्ट्रेन और कैसे रखें सावधानी...

Dengue Cases in Rajasthan
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 9, 2023, 8:29 PM IST

तेजी से पैर पसार रहा डेंगू.

जयपुर. प्रदेश में अब डेंगू का डंक डराने लगा है. डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. इसमें भी डेंगू का स्ट्रेन डी2 के एक्टिव मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है. वर्तमान में प्रदेश में डेंगू के 3624 पॉजिटिव मामले हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हो चुकी है. डेंगू का ये स्ट्रेन सबसे ज्यादा पैर जयपुर और कोटा में पसार रहा है.

6 लोगों की डेंगू से मौत : एसएमएस अस्पताल के एडीशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि अकेले एसएमएस अस्पताल में मौसमी बीमारियों की ओपीडी करीब 1500 को पार कर रही हैं. 150 से 250 सैंपल हर दिन लिए जा रहे हैं, इनमें से 20 से 25 मामले पॉजिटिव निकलते हैं. इसके साथ ही अब तक प्रदेश में 6 लोगों की डेंगू से मौत भी हुई है. इनमें जयपुर के 2, झुंझुनू का 1, कोटा का 1, टोंक का 1 और दौसा का 1 मरीज शामिल है.

Dengue Cases in Rajasthan
यहां इतने डेंगू के मरीज

पढ़ें. हर दूसरे साल कोटा में डेंगू का जानलेवा खतरा, सरकारी सिस्टम के चलते उपचार में पॉजिटिव, लेकिन रिकॉर्ड में नेगेटिव

स्ट्रेन डी2 की मोर्टेलिटी रेट ज्यादा : मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. भारती मल्होत्रा ने बताया कि डेंगू की बीमारी का रिस्‍क जुलाई से अक्‍टूबर में बना रहता है. बारिश के बाद जलभराव की स्थिति होने के कारण भी मच्‍छर तेजी से पनपते हैं. इस कारण डेंगू और मच्‍छर जनित दूसरे रोग का रिस्‍क बढ़ता है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज की जांच में डेंगू के घातक स्ट्रेन डी2 की मोर्टेलिटी रेट बाकी स्ट्रेन से ज्यादा बताई जा रही है. दूसरे स्ट्रेन की तुलना में डेंगू का डी2 स्ट्रेन तेजी से फैलता है और प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है.

Dengue Cases in Rajasthan
फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी पर जोर

पढ़ें. Ground Report : राजस्थान में डेंगू-मलेरिया के बढ़ते मामलों ने बढ़ाई टेंशन, डेंगू के 1198 तो मलेरिया के 803 पॉजिटिव केस आए सामने

डी2 स्ट्रेन में कॉम्प्लिकेशन रेट ज्यादा : डॉ. भारती ने बताया कि डेंगू के 4 स्ट्रेन होते हैं. इन चारों स्ट्रेन में डी2 ही सबसे घातक होता है. बाकी तीनों स्ट्रेन से होने वाला फीवर सामान्य डेंगू फीवर होता है और उनका कॉम्प्लिकेशन रेट भी कम होता है, जबकि डी2 स्ट्रेन में कॉम्प्लिकेशन रेट ज्यादा होती है. इसमें तेज बुखार आता है, पेट दर्द, उल्टी होती है. इस स्ट्रेन में डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हेमेरिजक फीवर देखने को मिलता है. इन दिनों जो भी सैंपल सामने आ रहे हैं, उनमें डी2 के केसेज सबसे ज्यादा हैं. साथ ही उनकी पॉजिटिविटी रेट भी ज्यादा हैं. ऐसे में उन्होंने पेशेंट्स को तुरन्त डॉक्टर्स की मदद लेने की हिदायत दी.

ये सावधानियां बरतें : शहर में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिहाज से जिला प्रशासन अपने प्रयास कर रहा है. निगम प्रशासन फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी पर जोर दे रहा है. ये रोग एडीज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. ऐसे में निगम प्रशासन ने आम जनता से भी एहतियात बरतते हुए मच्छरदानी का इस्तेमाल, घरों के नजदीक जलजमाव रोकने की भी अपील की है.

तेजी से पैर पसार रहा डेंगू.

जयपुर. प्रदेश में अब डेंगू का डंक डराने लगा है. डेंगू के पॉजिटिव मरीजों की संख्या दिन-ब-दिन बढ़ रही है. इसमें भी डेंगू का स्ट्रेन डी2 के एक्टिव मरीजों ने चिंता बढ़ा दी है. वर्तमान में प्रदेश में डेंगू के 3624 पॉजिटिव मामले हैं, जबकि 6 लोगों की मौत हो चुकी है. डेंगू का ये स्ट्रेन सबसे ज्यादा पैर जयपुर और कोटा में पसार रहा है.

6 लोगों की डेंगू से मौत : एसएमएस अस्पताल के एडीशनल सुपरिटेंडेंट डॉ. प्रदीप शर्मा ने बताया कि अकेले एसएमएस अस्पताल में मौसमी बीमारियों की ओपीडी करीब 1500 को पार कर रही हैं. 150 से 250 सैंपल हर दिन लिए जा रहे हैं, इनमें से 20 से 25 मामले पॉजिटिव निकलते हैं. इसके साथ ही अब तक प्रदेश में 6 लोगों की डेंगू से मौत भी हुई है. इनमें जयपुर के 2, झुंझुनू का 1, कोटा का 1, टोंक का 1 और दौसा का 1 मरीज शामिल है.

Dengue Cases in Rajasthan
यहां इतने डेंगू के मरीज

पढ़ें. हर दूसरे साल कोटा में डेंगू का जानलेवा खतरा, सरकारी सिस्टम के चलते उपचार में पॉजिटिव, लेकिन रिकॉर्ड में नेगेटिव

स्ट्रेन डी2 की मोर्टेलिटी रेट ज्यादा : मेडिकल कॉलेज की माइक्रोबायोलॉजिस्ट डॉ. भारती मल्होत्रा ने बताया कि डेंगू की बीमारी का रिस्‍क जुलाई से अक्‍टूबर में बना रहता है. बारिश के बाद जलभराव की स्थिति होने के कारण भी मच्‍छर तेजी से पनपते हैं. इस कारण डेंगू और मच्‍छर जनित दूसरे रोग का रिस्‍क बढ़ता है. एसएमएस मेडिकल कॉलेज की जांच में डेंगू के घातक स्ट्रेन डी2 की मोर्टेलिटी रेट बाकी स्ट्रेन से ज्यादा बताई जा रही है. दूसरे स्ट्रेन की तुलना में डेंगू का डी2 स्ट्रेन तेजी से फैलता है और प्लेटलेट्स की संख्या तेजी से गिरती है.

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फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी पर जोर

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डी2 स्ट्रेन में कॉम्प्लिकेशन रेट ज्यादा : डॉ. भारती ने बताया कि डेंगू के 4 स्ट्रेन होते हैं. इन चारों स्ट्रेन में डी2 ही सबसे घातक होता है. बाकी तीनों स्ट्रेन से होने वाला फीवर सामान्य डेंगू फीवर होता है और उनका कॉम्प्लिकेशन रेट भी कम होता है, जबकि डी2 स्ट्रेन में कॉम्प्लिकेशन रेट ज्यादा होती है. इसमें तेज बुखार आता है, पेट दर्द, उल्टी होती है. इस स्ट्रेन में डेंगू शॉक सिंड्रोम और डेंगू हेमेरिजक फीवर देखने को मिलता है. इन दिनों जो भी सैंपल सामने आ रहे हैं, उनमें डी2 के केसेज सबसे ज्यादा हैं. साथ ही उनकी पॉजिटिविटी रेट भी ज्यादा हैं. ऐसे में उन्होंने पेशेंट्स को तुरन्त डॉक्टर्स की मदद लेने की हिदायत दी.

ये सावधानियां बरतें : शहर में मौसमी बीमारियों की रोकथाम के लिहाज से जिला प्रशासन अपने प्रयास कर रहा है. निगम प्रशासन फॉगिंग और एंटी लार्वा एक्टिविटी पर जोर दे रहा है. ये रोग एडीज मच्छर के काटने से होता है और ये मच्छर साफ पानी में पनपते हैं. ऐसे में निगम प्रशासन ने आम जनता से भी एहतियात बरतते हुए मच्छरदानी का इस्तेमाल, घरों के नजदीक जलजमाव रोकने की भी अपील की है.

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