जयपुर. राजस्थान आवासन मंडल की ओर से विधायक नगर पूर्व में बनाए गए कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान का शुक्रवार को लोकार्पण किया गया. सीएम अशोक गहलोत और विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने इसका उद्घाटन किया. इस दौरान यूडीएच शांति धारीवाल और नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ सहित कई कैबिनेट मंत्री और विधायक मौजूद रहे. इस दौरान सीपी जोशी ने सदन के आखिरी दिन कनक्लूड करने का मौका नहीं मिलने की बात कहते हुए समारोह की मंच से अपनी बात रखी.
उन्होंने कहा कि आज सबसे ज्यादा डिवोल्यूशन लोकल बॉडीज और पंचायत राज पर हो रहा है, लेकिन उन्हें डेवोल्यूशन में क्या प्रॉब्लम आ रही है, उस पर कभी चर्चा नहीं की गई. सरकार चलाने के लिए चीफ सेक्रेटरी, सेक्रेटरी और अधिकारी जबकि पंचायत को चलाने के लिए अवधारणा ही नहीं बनी. पंचायत को एंपावर करने के लिए सोचा ही नहीं कि किस तरह के मैनपावर की आवश्यकता है. हम कानून बनाकर देश को आगे बढ़ाने का काम कर रहे हैं, लेकिन कभी रूल्स को इंटरप्रेट ही नहीं किया और जब तक जनप्रतिनिधि रूल्स के बारे में नहीं समझेंगे, रूल्स को अमेंडमेंट करने के बारे में नहीं समझेंगे, तब तक लोकतंत्र मजबूत नहीं होगा.
उन्होंने कहा कि ये क्लब एक प्लेटफार्म होना चाहिए, जिसके माध्यम से डेमोक्रेसी को एंगेज करने के लिए चुने हुए प्रतिनिधि एक्सपर्ट्स के माध्यम से नॉलेज लेकर अपनी प्रभावशाली भूमिका कमेटी और विधानसभा में अदा कर सकें. ये एक संस्था है जिससे स्वस्थ जनप्रतिनिधि मिलेगा। यहां यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने वर्ल्ड क्लास इंफ्रास्ट्रक्चर तो बना दिया, लेकिन वर्ल्ड क्लास सोच नहीं तो गवर्नेंस में जो इंपैक्ट होना चाहिए, वो इंपैक्ट नहीं जाएगा. मोहनलाल सुखाड़िया और भैरो सिंह शेखावत के समय एंटी डिफेक्शन बिल नहीं था. डेमोक्रेसी में किस तरह से डीसेंसी होती है, डिफरेंस ऑफ ऑपिनियन होता है, पर व्यक्ति के जीवन में एक दूसरे के साथ किस तरह से राजस्थान का निर्माण का काम करना है, ये राजस्थान की परंपरा रही है. उस परंपरा को एंगेज करने में ये क्लब एक अहम भूमिका निभाएगा.
इस दौरान उन्होंने कहा कि इस देश में जिस तरह का वातावरण है, जिस तरह से पॉलिटिकल चीज बदल रही है, उसमें राजस्थान विधानसभा ने एक आदर्श प्रस्तुत किया है कि यहां डिबेट करते हैं, डिस्कस करते हैं और अपनी चीजों का निर्णय करते हैं. उन्होंने कहा कि डेमोक्रेसी की बड़ी इंटरेस्टिंग चीज है कि अध्यक्ष शपथ नहीं लेता है, लेकिन एक असेंबली के स्पीकर के पास स्वायत्तता भी नहीं है जिसकी मांग कर रहे हैं. इसका उदाहरण बताते हुए उन्होंने कहा कि पहली बार विधानसभा को यूट्यूब पर लाइव करने का काम किया तो उसके वायर की कॉस्ट ₹100000 थी. तब कहा गया कि प्रस्ताव लिखकर फाइनेंस को भेजें, जब ₹100000 स्वीकृत होंगे तब ये वायर लगा सकते हैं. ऐसे में जब तक विधानसभा के सेक्रेटेरिएट को वित्तीय स्वायत्तता नहीं होगी, तब तक बहुत अच्छे ढंग से अध्यक्ष और असेंबली का सेक्रेटेरिएट अपनी भूमिका का निर्वहन नहीं कर सकेगा.
वहीं, इस दौरान सीएम अशोक गहलोत ने कहा कि पत्रकार, साहित्यकार, लेखक सबके लिए ऐसी जगह होती है जहां पर वो बैठकर चर्चाएं कर सकते हैं, चिंतन मनन से लाभ मिलता है, नया आईडिया आते हैं और वो इंप्लीमेंट भी होते हैं. दिल्ली में कॉन्स्टिट्यूशन क्लब देखते थे, खुशी की बात है कि आज राजस्थान में भी ऐसी संस्थान खड़ी हो गई है. इस दौरान उन्होंने मिशन 2030 का जिक्र करते हुए इससे बड़ी संख्या में प्रदेशवासियों और युवाओं के जोड़ने की बात कही. वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ की ओर से कह गए 35% विधायकों के ही रिपीट होने की की बात पर विधायकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप डरो मत ये राजेन्द्र राठौड़ डरा रहे हैं आपको कि 65% लोग वापस नहीं आते हैं.
राजेंद्र राठौड़ आप ये डराना बंद करो, पिछली बार भी आपने यही कहा था, कृपा करके बख्शो. जीतकर आने दो सबको, किसी का भी हौसला मत तोड़ो. मैं चाहूंगा कि अधिक से अधिक जीतकर आएं और जैसा स्पीकर सीपी जोशी ने कहा कि 35% से 65% तक ले आओ, ये आपकी हमारी सबकी जिम्मेदारी है. इस दौरान उन्होंने राजेंद्र राठौड़ की ओर इशारा करते हुए कहा कि आज वो सात-आठ बार एमएलए बन गए, मंत्री बन गए, स्पीकर जोशी का भी लम्बा राजनीतिक जीवन है. लेकिन यहां बहुत कम लोग बैठे है जो 1980 से एमएलए, एमपी बनते आए हैं. हेमाराम चौधरी, बीडी कल्ला, महादेव सिंह हैं, लेकिन बहुत कम लोग हैं, जो चुनाव जीत को मेंटेन कर रहे हैं. हर बार जब भी विधानसभा का गठन होता है तो विधायकों को पहले लेक्चर यही देते हैं कि अगर परशराम मदेरणा, मोहनलाल सुखाड़िया जैसे बड़े-बड़े नेता सात-आठ बार जीत कर आ सकते हैं, तो वो क्यों नहीं जीत के आ सकते. यह सोचना चाहिए कि किस तरह से काम करें ताकि रिपीट हो. उम्मीद करते हैं कि इस बार जो माहौल शानदार शासन राजस्थान में बना है, इसका फायदा मिलेगा. इस दौरान सीएम ने गिग वर्कर कानून का हवाला देते हुए कहा कि इस कानून को देश के दूसरे राज्यों और दूसरे मुल्कों में भी लागू किए जाने की बातें हो रही हैं.
इस दौरान सीएम ने कहा कि पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के समय राजस्थान हाउसिंग बोर्ड और रोडवेज को बंद करने के नारे लगते थे. लेकिन उनकी गवर्नमेंट आते ही हाउसिंग बोर्ड ने करोड़ कमाए, विधायक आवास का निर्माण हो गया, कॉन्स्टिट्यूशन क्लब बन गया, जो काम सुपुर्द किए गए वो सब काम हुए, लेकिन ये काम सीपी जोशी, शांति धारीवाल और विपक्ष के नेता गुलाबचंद कटारिया की मदद के बिना नहीं हो सकते थे.
इससे पहले यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि कॉन्स्टिट्यूशन क्लब की परिकल्पना साकार हुई है. 90 करोड़ रुपए खर्च कर एक वर्ल्ड क्लास स्ट्रक्चर बनाया गया है, जिसकी तारीफ की जानी चाहिए. यहां मनोरंजन के साथ-साथ पक्ष-विपक्ष में चर्चा हो सकेगी और ज्ञानवर्धन होगा. विधायक और पूर्व विधायकों को एक दूसरे से सीखने का मौका मिलेगा. वहीं, नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने एक बार फिर विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी की ओर से चलाए गए सदन की तारीफ की, साथ ही 35% विधायकों के ही विधानसभा में रिपीट होने की बात को दोहराया.