जयपुर. इस मामले को लेकर कॉलेज आयुक्तालय ने बीस दिन के अंदर सभी कॉलेजों के लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही 390 व्याख्याताओं के साथ नियम अनुसार योग्यता धारी नवीन शैक्षणिक स्टाफ को नियुक्त करने की बात कही गई है. जल्दी ही इसकी सूची आवश्यक दस्तावेजों सहित आयुक्तालय को भेजनी होगी.
ऐसे में अगर 30 दिन की अवधि के भीतर नए सिरे से शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई तो राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था विनियम 1993 के नियम सात के तहत कॉलेजों की एनओसी रद्द कर दी जाएगी.
यूजीसी के नियम का उल्लंघन
प्रदेश में 2, 957 निजी और सरकारी कॉलेज हैं, जिसमें 14 लाख 49 हजार 691 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. ऐसे में एक ही शिक्षक का एक से ज्यादा शिक्षण संस्थान में कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता तो प्रभावित होती ही है. साथ ही यूजीसी के बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एथिक्स का उल्लंघन भी है. इतना ही नहीं कई शिक्षकों ने कॉलेजों में सिर्फ नाम ही जुड़ावा रखा है और वेतन लाभ दोनों जगहों लिया जा रहा है.
कॉलेज आयुक्तलाय के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि कॉलेज आयुक्तलाय की जांच में निजी कॉलेजों के दस्तावेजों को जांचा है, जिसमें सामने आया है की एक शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में कार्यरत हैं. इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है.