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प्रदेश के 390 निजी कॉलेजों को आयुक्तालय से नोटिस, रद्द हो सकती है NOC

प्रदेश के निजी कॉलेजों में फर्जीवाड़े लगातार सामने आ रहे हैं. हाल ही ही कॉलेज आयुक्तालय ने प्रदेश के निजी कॉलेजों को नोटिस जारी किया है. दरअसल, निजी कॉलेजों में 390 ऐसे व्यख्याता हैं. जो एक से अधिक कॉलेजों में एक ही समय पर अध्ययन करवा रहे हैं.

प्रदेश के 390 निजी कॉलेजों को नोटिस
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Published : Jul 22, 2019, 7:58 PM IST

जयपुर. इस मामले को लेकर कॉलेज आयुक्तालय ने बीस दिन के अंदर सभी कॉलेजों के लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही 390 व्याख्याताओं के साथ नियम अनुसार योग्यता धारी नवीन शैक्षणिक स्टाफ को नियुक्त करने की बात कही गई है. जल्दी ही इसकी सूची आवश्यक दस्तावेजों सहित आयुक्तालय को भेजनी होगी.

ऐसे में अगर 30 दिन की अवधि के भीतर नए सिरे से शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई तो राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था विनियम 1993 के नियम सात के तहत कॉलेजों की एनओसी रद्द कर दी जाएगी.

प्रदेश के 390 निजी कॉलेजों को नोटिस

यूजीसी के नियम का उल्लंघन
प्रदेश में 2, 957 निजी और सरकारी कॉलेज हैं, जिसमें 14 लाख 49 हजार 691 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. ऐसे में एक ही शिक्षक का एक से ज्यादा शिक्षण संस्थान में कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता तो प्रभावित होती ही है. साथ ही यूजीसी के बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एथिक्स का उल्लंघन भी है. इतना ही नहीं कई शिक्षकों ने कॉलेजों में सिर्फ नाम ही जुड़ावा रखा है और वेतन लाभ दोनों जगहों लिया जा रहा है.

कॉलेज आयुक्तलाय के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि कॉलेज आयुक्तलाय की जांच में निजी कॉलेजों के दस्तावेजों को जांचा है, जिसमें सामने आया है की एक शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में कार्यरत हैं. इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है.

जयपुर. इस मामले को लेकर कॉलेज आयुक्तालय ने बीस दिन के अंदर सभी कॉलेजों के लिखित में स्पष्टीकरण मांगा है. साथ ही 390 व्याख्याताओं के साथ नियम अनुसार योग्यता धारी नवीन शैक्षणिक स्टाफ को नियुक्त करने की बात कही गई है. जल्दी ही इसकी सूची आवश्यक दस्तावेजों सहित आयुक्तालय को भेजनी होगी.

ऐसे में अगर 30 दिन की अवधि के भीतर नए सिरे से शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई तो राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था विनियम 1993 के नियम सात के तहत कॉलेजों की एनओसी रद्द कर दी जाएगी.

प्रदेश के 390 निजी कॉलेजों को नोटिस

यूजीसी के नियम का उल्लंघन
प्रदेश में 2, 957 निजी और सरकारी कॉलेज हैं, जिसमें 14 लाख 49 हजार 691 विद्यार्थी अध्ययनरत हैं. ऐसे में एक ही शिक्षक का एक से ज्यादा शिक्षण संस्थान में कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता तो प्रभावित होती ही है. साथ ही यूजीसी के बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एथिक्स का उल्लंघन भी है. इतना ही नहीं कई शिक्षकों ने कॉलेजों में सिर्फ नाम ही जुड़ावा रखा है और वेतन लाभ दोनों जगहों लिया जा रहा है.

कॉलेज आयुक्तलाय के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि कॉलेज आयुक्तलाय की जांच में निजी कॉलेजों के दस्तावेजों को जांचा है, जिसमें सामने आया है की एक शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में कार्यरत हैं. इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है.

Intro:जयपुर- प्रदेश के निजी कॉलेजों के फर्जीवाड़ा लगातार सामने आ रहा है। हालही ही कॉलेज आयुक्तलाय ने प्रदेश के निजी कॉलेजों को नोटिस जारी किया है। दरअसल, निजी कॉलेजों में 390 ऐसे व्यख्याता है जो एक से अधिक कॉलेजों में एक ही समय पर अध्ययन करवा रहे है। इस मामले को लेकर कॉलेज आयुक्तलाय ने बीस दिन के अंदर सभी कॉलेजों के लिखित में स्पष्टिकरण मांगा है।


Body:साथ ही 390 व्याख्याताओं के साथ नियम अनुसार योग्यता धारी नवीन शैक्षणिक स्टाफ को नियुक्त करने की बात कही गई है। जल्दी ही इसकी सूची आवश्यक दस्तावेजों सहित आयुक्तालय को भेजनी होगी। अगर 30 दिन की अवधि के भीतर नए सिरे से शैक्षणिक स्टाफ की नियुक्ति नहीं की गई तो राजस्थान गैर सरकारी शैक्षिक संस्था विनियम 1993 के नियम 7 के तहत कॉलेजों की एनओसी रद्द कर दी जाएगी।

यूजीसी के नियम का उल्लंघन
प्रदेश में 2957 निजी और सरकारी कॉलेज है जिसमें 14 लाख 49 हजार 691 विद्यार्थी अध्ययनरत है। ऐसे में एक ही शिक्षक का एक से ज्यादा शिक्षण संस्थान में कार्यरत होने से शिक्षा की गुणवत्ता तो प्रभावित होती ही है साथ ही यूजीसी के बोर्ड ऑफ प्रोफेशनल एथिक्स का उल्लंघन भी है। इतना ही नहीं कई शिक्षकों ने कॉलेजों में सिर्फ नाम ही जुड़ावा रखा है और वेतन लाभ दोनों जगहों लिया जा रहा है।

कॉलेज आयुक्तलाय के आयुक्त प्रदीप कुमार बोरड़ ने बताया कि कॉलेज आयुक्तलाय की जांच मे निजी कॉलेजों के दस्तावेजों को जांचा है जिसमें सामने आया है कि एक शिक्षक एक से अधिक कॉलेज में कार्यरत है, इन सभी कॉलेजों को नोटिस जारी किया गया है।

बाईट- प्रदीप कुमार बोरड़, आयुक्त, कॉलेज आयुक्तलाय


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