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जयपुर में गंदगी फैलाने वाले निजी संस्थानों पर दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा

जिले में गंदगी और मच्छरों का लार्वा फैलाने वाले निजी संस्थानों के विरुद्ध आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी. साथ ही आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा. ऐसे लोग जो ज्यादा पानी खींचने के लिए बूस्टर का उपयोग करते हैं. उन लोगों के खिलाफ इस्तगासा पेश होगा. इसके लिए एक आदेश जिला कलेक्टर ने जारी किया है.

गंदगी फैलाने वाले निजी संस्थानों पर दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा
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Published : Jul 15, 2019, 10:12 PM IST

जयपुर. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट में अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे. बैठक में कलेक्टर ने नगर निगम और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

जयपुर में गंदगी फैलाने वाले निजी संस्थानों पर दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा

कलेक्टर ने कहा कि निजी संस्थान या परिसरों द्वारा लार्वा और गंदगी के कारण जन स्वास्थ्य पर असर पड़ने की स्थिति से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आईपीसी की धारा 269 में ऐसा कार्य जिसमें संक्रामक रोग फैलाने की आशंका हो, उसमें छह महीने की सजा का प्रावधान है. इस प्रकार का काम करने पर धारा 270 के तहत दो साल की सजा का प्रावधान है.

समीक्षा बैठक में पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की समीक्षा करने के दौरान अवैध रूप से बूस्टर लगाकर दूसरों के घर तक पेयजल आपूर्ति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा. पहले ऐसे व्यक्ति को नोटिस दिया जाएगा और समझाने पर भी तो वे नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ इस्तगासा पेशकर आईपीसी के तहत कार्रवाई होगी. साथ ही छह माह की सजा होगी.

इसके लिए सभी आठों पेयजल सप्लाई जोन में टीमें भेजकर आकस्मिक निरीक्षण करने का निर्देश भी दिए. कलेक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह होने वाली बैठक में बूस्टर के उपयोग की शिकायत वाले क्षेत्रों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

जयपुर. जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव सोमवार को जिला कलेक्ट्रेट में अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे. बैठक में कलेक्टर ने नगर निगम और चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए.

जयपुर में गंदगी फैलाने वाले निजी संस्थानों पर दर्ज होगा आपराधिक मुकदमा

कलेक्टर ने कहा कि निजी संस्थान या परिसरों द्वारा लार्वा और गंदगी के कारण जन स्वास्थ्य पर असर पड़ने की स्थिति से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी. आईपीसी की धारा 269 में ऐसा कार्य जिसमें संक्रामक रोग फैलाने की आशंका हो, उसमें छह महीने की सजा का प्रावधान है. इस प्रकार का काम करने पर धारा 270 के तहत दो साल की सजा का प्रावधान है.

समीक्षा बैठक में पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की समीक्षा करने के दौरान अवैध रूप से बूस्टर लगाकर दूसरों के घर तक पेयजल आपूर्ति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाएगा. पहले ऐसे व्यक्ति को नोटिस दिया जाएगा और समझाने पर भी तो वे नहीं मानते हैं तो उनके खिलाफ इस्तगासा पेशकर आईपीसी के तहत कार्रवाई होगी. साथ ही छह माह की सजा होगी.

इसके लिए सभी आठों पेयजल सप्लाई जोन में टीमें भेजकर आकस्मिक निरीक्षण करने का निर्देश भी दिए. कलेक्टर ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह होने वाली बैठक में बूस्टर के उपयोग की शिकायत वाले क्षेत्रों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए.

Intro:जयपुर। जयपुर जिले मे गंदगी और मच्छरों का लार्वा फैलाने वाले निजी संस्थानों के विरुद्ध आईपीसी की धारा के तहत कार्रवाई की जाएगी और आपराधिक मुकदमा दर्ज कराया जाएगा। साथ ही ऐसे लोग जो ज्यादा पानी खींचने के लिए बूस्टर का उपयोग करते हैं ऐसे लोगों के खिलाफ इस्तगासा पेश होगा। इसके लिए एक आदेश जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जारी किया है। जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव सोमवार को जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में अलग-अलग विभागों की समीक्षा बैठक ले रहे थे। बैठक में जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने
नगर निगम व चिकित्सा स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को इस संबंध में कार्रवाई करने के निर्देश भी दिए।


Body:जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव ने कहा कि निजी संस्थान या परिसरों द्वारा लार्वा एवं गंदगी इनकी के कारण जन स्वास्थ्य पर असर पड़ने की स्थिति से निपटने के लिए कड़ी कार्रवाई की जाएगी। भारतीय दंड संहिता की धारा 269 में ऐसा कार्य जिसमें संक्रामक रोग फैलाने की आशंका हो, उसमे 6 महीने की सजा का प्रावधान है। इसी प्रकार का काम करने पर धारा 270 के तहत 2 साल की सजा का प्रावधान है।



Conclusion:समीक्षा बैठक में पेयजल सप्लाई की व्यवस्था की समीक्षा करने के दौरान अवैध रूप से बूस्टर लगाकर दूसरों के घर तक पेयजल आपूर्ति बाधित करने वाले लोगों के खिलाफ भी अभियान चलाया जाए पहले तो ऐसे व्यक्ति को पहले नोटिस दिया जाएगा और समझाने पर भी तो वह नहीं मानता है तो उसके खिलाफ़ इस्तगासा पेश ऐसे लोगों के खिलाफ धारा सीआरपीसी की 133 के तहत कार्रवाई होगी और इसमें 6 महीने तक की सजा का प्रावधान है
इसके लिए सभी आठो पेयजल सप्लाई जोन में टीमें भेजकर आकस्मिक निरीक्षण करने का निर्देश भी दिया। जिला कलेक्टर जगरूप सिंह यादव ने जलदाय विभाग के अधिकारियों को प्रत्येक सप्ताह होने वाली बैठक में बूस्टर के उपयोग की शिकायत वाले क्षेत्रों में की गई कार्रवाई की रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं।


बाईट जिला कलेक्टर जागरूप सिंह यादव
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