जयपुर. राजधानी जयपुर में हथियारों की खरीद-फरोख्त के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. इसका मुख्य कारण आपसी रंजिश और बदला लेने की भावना है. जबकि छोटा-मोटा अपराध करने वाले बदमाश भी लोगों में डर बनाने के लिए हथियार रख रहे हैं. इसके अलावा बड़े पैमाने पर युवाओं में भी हथियार का क्रेज देखा जा रहा है और सोशल मीडिया पर हथियार के साथ फोटो पोस्ट करने के लिए ही कई युवा हथियारों की खरीद-फरोख्त के चंगुल में फंस रहे हैं. हालांकि, पुलिस का कहना है कि हथियारों की अवैध रूप से खरीद-फरोख्त को लेकर लगातार नजर रखी जा रही है और कोई भी ऐसी जानकारी मिलने पर तत्काल कार्रवाई कर अवैध हथियार बेचने, खरीदने और इन्हें अपने पास रखने वालों को दबोचा जा रहा है.
पुलिस का यह भी दावा है कि अवैध हथियार बेचने वालों पर सख्ती का असर अब धरातल पर भी दिखने लगा है और राजधानी में फायरिंग की घटनाओं में कमी आई है. दरअसल, पुलिस ने हथियार तस्करों के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के तहत अवैध हथियारों के साथ पकड़े गए पूछताछ में यह तथ्य सामने आया है कि कई बदमाश अपने विरोधियों से रंजिश के चलते या किसी से विवाद के कारण उसे ठिकाने लगाने के लिए अवैध रूप से हथियार खरीदकर अपने पास रखते हैं.
केस 01- सास के घर चोरी कर खरीदी अवैध पिस्टल: अपनी ही सास के घर चोरी कि वारदात को अंजाम देने के आरोपी विक्रम सिंह पंवार को जब 28 अगस्त को पुलिस ने पकड़ा, तो उसके पास एक अवैध पिस्टल भी मिली. उसने पुलिस को पूछताछ में बताया कि चोरी की वारदात में जो रकम मिली. वह उससे अवैध पिस्टल खरीदकर लाया था. किसी से रंजिश के चलते उसने अवैध हथियार खरीदने और अपने पास रखने की बात पुलिस को बताई है.
केस 02- पुलिस कमिश्नरेट की विशेष टीम ने 16 अगस्त को बस्सी इलाके से अकरम और राजेश को अवैध हथियार के साथ पकड़ा था. अकरम उत्तर प्रदेश का हिस्ट्रीशीटर है और यहां फरारी काट रहा था. पूछताछ में उसने बताया कि उसका भांकरोटा निवासी जावेद से विवाद चल रहा था और उसे ठिकाने लगाने के लिए वह उत्तर प्रदेश से हथियार लेकर आया था. उसने जयपुर में आधा दर्जन हथियार बेचने की बात भी कबूल की है.
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केस 03- सीएसटी ने अमित मंडा, अमित उर्फ पहलवान गुर्जर और धर्मेंद्र उर्फ लाला को 26 जुलाई को पकड़ा था. इनके पास 6 पिस्टल, 4 मैगजीन और 2 कारतूस मिले थे. पूछताछ में अमित मंडा ने बताया कि उसकी प्रदीप कोटपूतली से रंजिश है. इसी के चलते वह मध्यप्रदेश से हथियार खरीदकर लाया था.
ऑपेरशन आग: 630 हथियारों के साथ 864 बदमाशों को पकड़ा: पुलिस कमिश्नरेट की एएसपी (संगठित अपराध) रानू शर्मा का कहना है कि अवैध हथियार रखने, खरीदने और बेचने वाले बदमाशों के खिलाफ अभियान 'ऑपरेशन आग' चलाया जा रहा है. जिसमें अब तक 529 मुकदमे दर्ज कर 864 अपराधियों को पकड़ा जा चुका है. इनसे 630 हथियार बरामद हुए हैं. इनमें देसी कट्टे से लेकर पिस्टल, मैगजीन और कारतूस भी हैं. लगातार इसके तहत कार्रवाई की जा रही हैं. जिससे अपराध नियंत्रण में भी मदद मिली है.
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सोशल मीडिया पर धाक जमाने के लिए रखते हथियार: एएसपी रानू शर्मा का कहना है कि बहुत नौजवान भी हथियार मंगवाते मिले हैं. कई युवा केवल स्टेटस सिंबल के लिए ही हथियार रखते हैं और सोशल मीडिया पर फोटो शेयर करते हैं. पुलिस अब सोशल मीडिया पर भी बारीकी से निगाह रख रही है. हथियारों के साथ फोटो पोस्ट करने वालों को भी अरेस्ट किया जा रहा है. इनसे हथियार की खरीद-फरोख्त की भी जानकारी मिलती है.
छोटे शहरों से हथियार बेचने जयपुर आ रहे तस्कर: उनका कहना है कि ज्यादातर हथियार मध्यप्रदेश से आ रहे हैं. लेकिन पिछले कुछ दिनों से करौली, गंगापुर सिटी, दौसा और भरतपुर इलाके से भी हथियार लाए जाने के मामले सामने आए हैं. अवैध हथियार रखने का सीधा सा मतलब है कि किसी अपराध में उसका इस्तेमाल करने के लिए ही लाते हैं. इसके अलावा किसी से रंजिश होने पर बचाव या बदला लेने के लिए भी आपराधिक प्रवृत्ति के बदमाश हथियार ला रहे हैं. आसपास के छोटे शहरों से हथियार बेचने भी कई तस्कर जयपुर आते हैं. जिनकी भनक लगने पर उन्हें पकड़ा जाता है.