ETV Bharat / state

शुक्रवार को करें वैभव-लक्ष्मी की पूजा, होगी धन की वर्षा

हिन्दू मान्यताओं के अनुसार सप्ताह का हर दिन किसी न किसी देवी-देवता के पूजन के लिए निहित है. हर दिन की तरह आज किस भगवान की पूजा करने से आपको शुभ फल की प्राप्ति होगी. यह हम आपको आज की कड़ी में बताएंगे.

देवी लक्ष्मी का पूजन विधि, वैभव लक्ष्मी व्रत कैसे करें, jaipur news, maa laxmi pooja vidhi
author img

By

Published : Sep 6, 2019, 7:42 AM IST

जयपुर. शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन के लिए उपयुक्त माना जाता है. वैसे तो देवी लक्ष्मी के अनेकों स्वरूपों का पूजन किया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी के वैभव लक्ष्मी स्वरुप की आराधना की जाती है. देवी लक्ष्मी का पूजन सुख-समृद्धि, धन, वैभव और एश्वर्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है. मान्यता है कि पुरे विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन, वैभव और एश्वर्य की प्राप्ति होती है.

मां वैभव लक्ष्मी के इस व्रत को परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है. लेकिन मुख्य रूप से घर की महिलाएं ही इस व्रत को करती है. अगर घर में कोई विवाहित स्त्री न हो तो कुंवारी कन्या भी इस व्रत को कर सकती है. माना जाता है यदि घर का पुरुष यह व्रत करें तो इसका शीघ्र फल मिलता है.

पढ़ें- कश्मीरी युवक से मारपीट का मामला : गहन पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने किया घटनास्थल का मौका मुआयना

ऐसे करें वैभव-लक्ष्मी को प्रसन्न

इस व्रत को स्त्री या पुरुष, कोई भी कर सकता है. इस व्रत को करने से उपासक को धन और सुख-समृ्द्धि की प्राप्ति होती है. घर-परिवार में लक्ष्मी का वास बनाए रखने के लिए भी यह व्रत उपयोगी है. अगर कोई व्यक्ति माता वैभव लक्ष्मी का व्रत करने के साथ ही लक्ष्मी श्री यंत्र को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा करता है, तो उसके व्यापार में वृद्धि और धन में बढ़ोतरी होती है.

पढ़ें- अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के भरे गए नामांकन

मां वैभव-लक्ष्मी की पूजन विधि

किसी भी पूजा को शुरू करने से पहिले श्री गणेश का पूजन किया जाता हैं. उसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करनी शुरू करें. जिस मूर्ति में माता लक्ष्मी की पूजा की जानी है. उसे अपने पूजा घर में स्थान दें. मूर्ति में माता लक्ष्मी आवाहन करें. माता लक्ष्मी को अपने घर बुलाएं. अब माता लक्ष्मी को स्नान कराएं. स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर परिषद के कर्मचारियों ने मचाई लूट

अब माता लक्ष्मी को वस्त्र अर्पित करें. वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं. अब पुष्पमाला पहनाएं. इसके बाद सुगंधित इत्र चढ़ाकर कुमकुम से मां का तिलक कीजिए. अब माता को धूप और दीप अर्पित करें. माता लक्ष्मी को गुलाब के फूल विशेष प्रिय है. बिल्वपत्र और बिल्व फल अर्पित करने से भी महालक्ष्मी की प्रसन्नता होती है. 11 या 21 चावल अर्पित कर श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक जलाकर आरती करें. आरती के बाद परिक्रमा कर नेवैद्य अर्पित करें. आखिरी में 'ऊँ महालक्ष्मयै नमः' मंत्र का जप करते रहें.

जयपुर. शुक्रवार को लक्ष्मी पूजन के लिए उपयुक्त माना जाता है. वैसे तो देवी लक्ष्मी के अनेकों स्वरूपों का पूजन किया जाता है. इस दिन मां लक्ष्मी के वैभव लक्ष्मी स्वरुप की आराधना की जाती है. देवी लक्ष्मी का पूजन सुख-समृद्धि, धन, वैभव और एश्वर्य की प्राप्ति के लिए किया जाता है. मान्यता है कि पुरे विधि-विधान से देवी लक्ष्मी की पूजा करने से व्यक्ति को धन, वैभव और एश्वर्य की प्राप्ति होती है.

मां वैभव लक्ष्मी के इस व्रत को परिवार का कोई भी सदस्य कर सकता है. लेकिन मुख्य रूप से घर की महिलाएं ही इस व्रत को करती है. अगर घर में कोई विवाहित स्त्री न हो तो कुंवारी कन्या भी इस व्रत को कर सकती है. माना जाता है यदि घर का पुरुष यह व्रत करें तो इसका शीघ्र फल मिलता है.

पढ़ें- कश्मीरी युवक से मारपीट का मामला : गहन पूछताछ के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने किया घटनास्थल का मौका मुआयना

ऐसे करें वैभव-लक्ष्मी को प्रसन्न

इस व्रत को स्त्री या पुरुष, कोई भी कर सकता है. इस व्रत को करने से उपासक को धन और सुख-समृ्द्धि की प्राप्ति होती है. घर-परिवार में लक्ष्मी का वास बनाए रखने के लिए भी यह व्रत उपयोगी है. अगर कोई व्यक्ति माता वैभव लक्ष्मी का व्रत करने के साथ ही लक्ष्मी श्री यंत्र को स्थापित कर उसकी नियमित रूप से पूजा करता है, तो उसके व्यापार में वृद्धि और धन में बढ़ोतरी होती है.

पढ़ें- अलवर के मत्स्य विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव के भरे गए नामांकन

मां वैभव-लक्ष्मी की पूजन विधि

किसी भी पूजा को शुरू करने से पहिले श्री गणेश का पूजन किया जाता हैं. उसके बाद देवी लक्ष्मी की पूजा करनी शुरू करें. जिस मूर्ति में माता लक्ष्मी की पूजा की जानी है. उसे अपने पूजा घर में स्थान दें. मूर्ति में माता लक्ष्मी आवाहन करें. माता लक्ष्मी को अपने घर बुलाएं. अब माता लक्ष्मी को स्नान कराएं. स्नान पहले जल से फिर पंचामृत से और वापिस जल से स्नान कराएं.

पढ़ें- VIRAL VIDEO: अतिक्रमण हटाने के नाम पर नगर परिषद के कर्मचारियों ने मचाई लूट

अब माता लक्ष्मी को वस्त्र अर्पित करें. वस्त्रों के बाद आभूषण पहनाएं. अब पुष्पमाला पहनाएं. इसके बाद सुगंधित इत्र चढ़ाकर कुमकुम से मां का तिलक कीजिए. अब माता को धूप और दीप अर्पित करें. माता लक्ष्मी को गुलाब के फूल विशेष प्रिय है. बिल्वपत्र और बिल्व फल अर्पित करने से भी महालक्ष्मी की प्रसन्नता होती है. 11 या 21 चावल अर्पित कर श्रद्धानुसार घी या तेल का दीपक जलाकर आरती करें. आरती के बाद परिक्रमा कर नेवैद्य अर्पित करें. आखिरी में 'ऊँ महालक्ष्मयै नमः' मंत्र का जप करते रहें.

Intro:Body:

sadana


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.