जयपुर. पुलिस के साथ कानून व्यवस्था हो या फिर किसी भी तरह की आपदा, प्रदेश के 30 हजार से ज्यादा होमगार्ड के जवान हर मोर्चे पर पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिला कर खड़े रहते हैं. कोरोना काल मे फ्रंट लाइन में रहे ये जवान अब सड़कों पर उतरने को मजबूर हैं. 4 साल बाद भी वादा पूरा नहीं होने पर अब प्रदेश के होमगार्ड के जवान 28 दिसंबर को शहीद स्मारक पर धरना (Home Guard jawans protest for their demands) देंगे. सरकार ने मांगों पर सकारात्मक रुख नहीं दिखाया, तो वहीं से उग्र आंदोलन की रणनीति बनेगी.
क्यों आंदोलन को मजबूर हुए जवान: राजस्थान होमगार्ड कर्मचारी संगठन के प्रदेश अध्यक्ष झलकन सिंह राठौड़ ने बताया कि होमगार्ड जवान काफी लंबे समय से नियमित रोजगार की मांग करते आ रहे हैं. होमगार्ड जवानों को यदि जयपुर जिले को छोड़ दें, तो इसके अलावा राजस्थान के अन्य जिलों में वर्ष भर में मात्र तीन से चार माह ड्यूटी मिल पाती है. ऐसी स्थिति में होमगार्ड जवान अपने परिवार का पालन पोषण नहीं कर पा रहे हैं. होमगार्ड जवानों को आवश्यक ड्यूटियों के नाम पर बीच-बीच में पाबंद कर बुलाया लिया जाता है, जिससे वह अपने स्वरोजगार से भी वंचित हो जाते हैं. यह होमगार्ड जवानों के भविष्य से खिलवाड़ है.
पढ़ें: अंग्रेजों के जमाने के नवीनीकरण में उलझे होमगार्ड, जाने क्यों है नवीनीकरण का विरोध
झलकन ने बताया कि होमगार्ड जवानों ने राजस्थान के लगभग सभी विधायकों को ज्ञापन सौंपकर अपनी पीड़ा बताई. इनमें से लगभग 90 विधायक मंत्रियों ने मुख्यमंत्री को होमगार्ड रूल्स एक्ट 1962-63 में संशोधन कर नियमितीकरण करने के लिए पत्र लिखकर सिफारिश भी की है. लेकिन आज तक होमगार्ड जवानों की पीड़ा पर सरकार ने ध्यान नहीं दिया. मजबूरन अब इन जवानों को आंदोलन की राह पर जाना पड़ रहा है.
बजट घोषणा भी पूरी नहीं: झलकन सिंह ने बताया कि राजस्थान में बजट सत्र 2022 में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 12000 होमगार्ड जवानों को कानून व्यवस्था व सरकारी कार्यालयों में लगाने की घोषणा भी की थी, लेजिन आज तक वह भी लागू नहीं की गई. इन 4 वर्षों में होमगार्ड के न तो मानदेय में बढ़ोतरी की गई और न ही पूरा रोजगार दिया गया. जबकि सत्ता में आने से पूर्व नियमितीकरण का वादा भी किया गया था. झलकन ने कहा कि सरकार हमारी मांगों को विभाग को भेजती है और विभाग का जवाब होता है नियमों में प्रावधान नहीं है. इसलिए नहीं हो सकता. जबकि हमारी मांग नियमों में संशोधन की है, जिस पर निर्णय सरकार को लेना होगा.
पढ़ें: Special: नहीं सुन रही सरकार, नौकरी छोड़ सड़कों पर रेहड़ी लगाने को मजबूर होमगार्ड के जवान
28 दिसंबर को धरना: झलकन सिंह ने कहा कि होमगार्ड जवानों ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भी ज्ञापन दिया. लेकिन संतोषजनक जवाब नहीं मिला. इससे आक्रोशित जवान 28 दिसंबर को शहीद स्मारक पर धरना प्रदर्शन और आंदोलन करेंगे. फिर भी सरकार सकारात्मक निर्णय नहीं करती है, तो वहीं पर उग्र आंदोलन की घोषणा की जाएगी. झलकन ने कहा कि सरकार को चाहिए कि वह इनकी हर जायज मांग पर सकारात्मक निर्णय ले. उन्होंने कहा कि सरकार ने हमें 4 साल तक गुमराह किया है, लेकिन अब समय परिणाम का आ गया है.
ये हैं मांगे:
- मुख्यमंत्री की बजट घोषणा 2022 को लागू करते हुए होमगार्ड जवानों को परिवार के पालन पोषण के लिए 12 माह नियमित ड्यूटी दी जाए.
- होमगार्ड में प्रचलित नवीनीकरण प्रथा को बंद किया जाए. राज्य सरकार 58 वर्ष तक सेवा अवधि के आदेश जारी करे.
- होमगार्ड जवानों को ईएसआई, पीएफ की सुविधा मिले.
- सर्वोच्च न्यायालय के आदेश की पालना करते हुए अन्य राज्यों की भांति महंगाई भत्ता राजस्थान में भी लागू किया जाए.