जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने विधानसभा चुनाव के नामांकन पत्र में चार करोड़ 44 लाख रुपए की देनदारी की जानकारी छिपाने और लोन की किस्त नहीं चुकाने के मामले में किशनपोल (High court sought answer from MLA Amin Kagzi) विधानसभा से एमएलए अमीन कागजी, राज्य निर्वाचन आयोग और राज्य के मुख्य सचिव से जवाब मांगा है. जस्टिस इन्द्रजीत ने यह आदेश आईआईएफएल होम फाइनेंस लिमिटेड की याचिका पर दिए.
याचिका में कहा गया कि याचिकाकर्ता कंपनी ने राज्य के विधानसभा चुनाव से पहले 31 जुलाई 2017 को अमीन कागजी को सांगानेर की सांगा आशियाना विलाज योजना में 4.44 करोड़ रुपए का हाउसिंग लोन दिया था. चुनाव के कुछ महीने बाद से ही अमीन कागजी ने लोन की किस्त चुकाना बंद कर दिया. इसी दौरान याचिकाकर्ता कंपनी को पता चला कि कागजी ने विधानसभा चुनाव के लिए भरे नामांकन पत्र में भी अपनी लोन की जवाबदेही की जानकारी नहीं दी और यह तथ्य नामांकन पत्र में छिपाया. ऐसे में कागजी ने चुनाव के लिए भरे नामांकन पत्र के साथ दिए शपथ पत्र में जानबूझकर लोन की जानकारी को छिपाया और गलत तथ्य दिया.
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कंपनी ने इस संबंध में 8 जुलाई 2022 और 3 अगस्त को राज्य के सीएस व भारतीय निर्वाचन आयोग को भी शिकायत की, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसलिए मामले में आवश्यक कार्रवाई करवाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने अमीन कागजी सहित अन्य अधिकारियों से जवाब तलब किया है.
अमीन कागजी ने वर्ष 2018 विधानसभा चुनाव में किशनपोल क्षेत्र से चुनाव लड़ा था. चुनाव में उन्होंने जीत हासिल की थी. आरोप है कि इस चुनाव में कागजी ने अपनी संपत्ति से जुड़े गलत तथ्य चुनाव आयोग के समक्ष पेश किए थे और कई जानकारियां छिपाईं थी जिसका कोर्ट में केस चल रहा है.