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Heritage Nagar Nigam row : जांच होने तक महापौर और पार्षदों के निलंबन की उठी मांग, ग्रेटर निगम प्रकरण का दिया हवाला

हैरिटेज नगर निगम की महापौर और पार्षदों के खिलाफ एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने माणक चौक थाने में मामला दर्ज कराया है. ऐसे में अब ग्रेटर नगर निगम के प्रकरण को याद दिलाते हुए जांच प्रभावित न हो, इसलिए महापौर और पार्षदों को निलंबित करने की मांग उठ रही है. जबकि महापौर ने जांच में दूध का दूध और पानी का पानी होने की बात कही है.

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Published : Jun 30, 2023, 1:05 PM IST

Updated : Jun 30, 2023, 1:15 PM IST

महापौर और पार्षदों के निलंबिन की उठी मांग

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में 16 जून को महापौर, पार्षदों और एडिशनल कमिश्नर के बीच जो विवाद हुआ वो अब थाने तक जा पहुंचा है. आरोप है कि महापौर और पार्षदों ने वर्मा से तू-तड़ाक और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें बंधक बनाकर, जबरन एक फाइल (बीट पत्रावली) पर साइन कराने का प्रयास किया. जानकारों के अनुसार इस मामले में अब पुलिस जांच के साथ-साथ स्वायत्त शासन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है. इसकी जिम्मेदारी डीएलबी एडिशनल डायरेक्टर चांदमल वर्मा को सौंपी गई है. साथ ही बीट वाली फाइल को भी मंगवाया गया है. वहीं मामले में अब महापौर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्होंने एडिशनल कमिश्नर के साथ किसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया. बाकी जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

उधर, हैरिटेज नगर निगम में बीजेपी की मेयर प्रत्याशी रही वरिष्ठ पार्षद कुसुम यादव ने सीएम अशोक गहलोत को ग्रेटर नगर निगम का मामला याद दिलाते हुए कहा कि जब महापौर सौम्या गुर्जर पर अधिकारी ने आरोप लगाए गए थे तब आरोपों की पुष्टि होने से पहले ही महापौर और पार्षदों को निलंबित कर दिया जाता है. अब तो हैरिटेज नगर निगम प्रकरण में तो वीडियो और नामजद एफआईआर सामने है. ऐसे में जांच किसी तरह से प्रभावित न हो, इसलिए महापौर मुनेश गुर्जर को अविलंब निलंबित किया जाना चाहिए. ये कार्रवाई बीजेपी-कांग्रेस से ऊपर उठकर न्याय के लिए किया जाना चाहिए.

वहीं ग्रेटर नगर निगम में निलंबन से वापसी करने वाले बीजेपी पार्षद पारस जैन ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम में हुए प्रकरण में राज्य सरकार ने दुर्भावनावश महापौर और उनके अलावे 2 पार्षदों को निलंबित कर दिया गया था. सरकार ने बीजेपी पार्षद होने के चलते ये रुख अख्तियार किया और अब हैरिटेज नगर निगम के मामले में सरकार चुप क्यों है ? उन्होंने मांग की कि इस मामले की भी न्यायिक जांच हो और जांच पूरी होने तक हैरिटेज नगर निगम की मेयर और पार्षदों को भी निलंबित किया जाए. इस मामले में राज्य सरकार का फैसला क्या रहता है, ये पूरे प्रदेश की जनता देख रही है.

पढ़ें हैरिटेज नगर निगम विवाद : एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने महापौर मुनेश व पार्षदों पर दर्ज करवाया मुकदमा

इनके खिलाफ होगी जांच : मेयर मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारुकी, वरिष्ठ पार्षद उमर दराज, पार्षद नीरज अग्रवाल, शफी कुरैशी, सुनीता मावर, अंजली ब्रह्मभट्ट, आयशा सिद्धकी, राबिया गुडएज, फरीद कुरेशी, मोहम्मद अख्तर, मेयर पति सुशील गुर्जर और दो समर्थक शेखर बसंत अग्रवाल और फूलचंद को आरोपी बनाया गया है. जिनके खिलाफ जांच होगी.

महापौर और पार्षदों के निलंबिन की उठी मांग

जयपुर. हैरिटेज नगर निगम में 16 जून को महापौर, पार्षदों और एडिशनल कमिश्नर के बीच जो विवाद हुआ वो अब थाने तक जा पहुंचा है. आरोप है कि महापौर और पार्षदों ने वर्मा से तू-तड़ाक और अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उन्हें बंधक बनाकर, जबरन एक फाइल (बीट पत्रावली) पर साइन कराने का प्रयास किया. जानकारों के अनुसार इस मामले में अब पुलिस जांच के साथ-साथ स्वायत्त शासन विभाग ने भी जांच शुरू कर दी है. इसकी जिम्मेदारी डीएलबी एडिशनल डायरेक्टर चांदमल वर्मा को सौंपी गई है. साथ ही बीट वाली फाइल को भी मंगवाया गया है. वहीं मामले में अब महापौर ने अपना पक्ष रखते हुए कहा है कि उन्होंने एडिशनल कमिश्नर के साथ किसी तरह की अभद्र भाषा का प्रयोग नहीं किया. बाकी जांच में दूध का दूध और पानी का पानी हो जाएगा.

उधर, हैरिटेज नगर निगम में बीजेपी की मेयर प्रत्याशी रही वरिष्ठ पार्षद कुसुम यादव ने सीएम अशोक गहलोत को ग्रेटर नगर निगम का मामला याद दिलाते हुए कहा कि जब महापौर सौम्या गुर्जर पर अधिकारी ने आरोप लगाए गए थे तब आरोपों की पुष्टि होने से पहले ही महापौर और पार्षदों को निलंबित कर दिया जाता है. अब तो हैरिटेज नगर निगम प्रकरण में तो वीडियो और नामजद एफआईआर सामने है. ऐसे में जांच किसी तरह से प्रभावित न हो, इसलिए महापौर मुनेश गुर्जर को अविलंब निलंबित किया जाना चाहिए. ये कार्रवाई बीजेपी-कांग्रेस से ऊपर उठकर न्याय के लिए किया जाना चाहिए.

वहीं ग्रेटर नगर निगम में निलंबन से वापसी करने वाले बीजेपी पार्षद पारस जैन ने कहा कि ग्रेटर नगर निगम में हुए प्रकरण में राज्य सरकार ने दुर्भावनावश महापौर और उनके अलावे 2 पार्षदों को निलंबित कर दिया गया था. सरकार ने बीजेपी पार्षद होने के चलते ये रुख अख्तियार किया और अब हैरिटेज नगर निगम के मामले में सरकार चुप क्यों है ? उन्होंने मांग की कि इस मामले की भी न्यायिक जांच हो और जांच पूरी होने तक हैरिटेज नगर निगम की मेयर और पार्षदों को भी निलंबित किया जाए. इस मामले में राज्य सरकार का फैसला क्या रहता है, ये पूरे प्रदेश की जनता देख रही है.

पढ़ें हैरिटेज नगर निगम विवाद : एडिशनल कमिश्नर राजेंद्र वर्मा ने महापौर मुनेश व पार्षदों पर दर्ज करवाया मुकदमा

इनके खिलाफ होगी जांच : मेयर मुनेश गुर्जर, डिप्टी मेयर असलम फारुकी, वरिष्ठ पार्षद उमर दराज, पार्षद नीरज अग्रवाल, शफी कुरैशी, सुनीता मावर, अंजली ब्रह्मभट्ट, आयशा सिद्धकी, राबिया गुडएज, फरीद कुरेशी, मोहम्मद अख्तर, मेयर पति सुशील गुर्जर और दो समर्थक शेखर बसंत अग्रवाल और फूलचंद को आरोपी बनाया गया है. जिनके खिलाफ जांच होगी.

Last Updated : Jun 30, 2023, 1:15 PM IST
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