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Rajasthan High Court: गैर-आरएएस से आईएएस पदोन्नति के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित

गैर-आरएएस सेवा के अफसरों का पदोन्नति में कोटा तय करने के खिलाफ राजस्थान हाईकोर्ट में दायर याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा गया है.

HC reserves verdict in promotion of non RAS to IAS
गैर आरएएस से आईएएस पदोन्नति के खिलाफ याचिका पर फैसला सुरक्षित
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 25, 2023, 8:27 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आईएएस के पदों पर पदोन्नति के लिए गैर-आरएएस सेवा के अधिकारियों का कोटा तय करने के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

खंडपीठ ने गत 7 जुलाई को पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए केंद्र सरकार को कहा था कि वह राज्य सरकार की ओर से पदोन्नति के लिए भेजे अफसरों के नामों पर आगे की कार्रवाई ना करे. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत आईएएस सेवा के 66.67 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के administrative officers की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है. वहीं किसी अपवाद की स्थिति में इस 33.33 फीसदी कोटे में से पद अन्य सेवा के अधिकारियों से भरे जा सकते हैं.

पढ़ें: Rajasthan High Court: गैर आरएएस से आईएएस पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक जारी

इस प्रावधान के बावजूद राज्य की सरकार ने मनमर्जी से प्रत्येक वर्ष अन्य सेवा के अधिकारियों से IAS पोस्ट पर प्रमोशन की परंपरा बना ली है. पूर्व में गैर-आरएएस से प्रमोट हुए IAS का पद रिक्त होने पर राज्य की सरकार इस पद को गैर-आरएएस को ही प्रमोशन कर भरती है. याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया कि राजस्थान सरकार ने गत 17 फरवरी को सभी विभागों में लेटर प्रेषित कर अन्य सेवाओं से IAS सेवा में प्रमोशन के लिए एप्लीकेशन मांगी और स्क्रीनिंग कमेटी ने अन्य सेवा के अफसरों का चयन कर प्रमोशन के लिए UPSC को अपनी सिफारिश भेज दी है.

पढ़ें: Rajasthan High Court : गैर RAS से IAS के पदों पर की जा रही पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक

वहीं राजस्थान सरकार की ओर से सत्येन्द्र सिंह राघव, अतिरिक्त महाधिवक्ता, ने बताया कि राज्य की सरकार IAS प्रमोशन नियम-1954 के तहत इसी प्रकार से प्रमोशन करती आ रही है. इस नियम के तहत राज्य सरकार केंद्र सरकार की राय से अन्य सेवाओं के विशेषज्ञ अधिकारियों की IAS पद पर नियुक्ति कर सकती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने आईएएस के पदों पर पदोन्नति के लिए गैर-आरएएस सेवा के अधिकारियों का कोटा तय करने के खिलाफ दायर याचिका पर अपना फैसला सुरक्षित रख लिया है. सीजे एजी मसीह और जस्टिस समीर जैन की खंडपीठ ने यह आदेश राजस्थान प्रशासनिक सेवा परिषद व अन्य की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए.

खंडपीठ ने गत 7 जुलाई को पदोन्नति प्रक्रिया पर रोक लगाते हुए केंद्र सरकार को कहा था कि वह राज्य सरकार की ओर से पदोन्नति के लिए भेजे अफसरों के नामों पर आगे की कार्रवाई ना करे. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से अधिवक्ता तनवीर अहमद ने कहा कि ऑल इंडिया सर्विस एक्ट व उसके नियम-विनियम के तहत आईएएस सेवा के 66.67 प्रतिशत पद सीधी भर्ती से और 33.33 प्रतिशत राज्य के administrative officers की पदोन्नति से भरे जाने का प्रावधान है. वहीं किसी अपवाद की स्थिति में इस 33.33 फीसदी कोटे में से पद अन्य सेवा के अधिकारियों से भरे जा सकते हैं.

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इस प्रावधान के बावजूद राज्य की सरकार ने मनमर्जी से प्रत्येक वर्ष अन्य सेवा के अधिकारियों से IAS पोस्ट पर प्रमोशन की परंपरा बना ली है. पूर्व में गैर-आरएएस से प्रमोट हुए IAS का पद रिक्त होने पर राज्य की सरकार इस पद को गैर-आरएएस को ही प्रमोशन कर भरती है. याचिकाकर्ता की ओर से याचिका में कहा गया कि राजस्थान सरकार ने गत 17 फरवरी को सभी विभागों में लेटर प्रेषित कर अन्य सेवाओं से IAS सेवा में प्रमोशन के लिए एप्लीकेशन मांगी और स्क्रीनिंग कमेटी ने अन्य सेवा के अफसरों का चयन कर प्रमोशन के लिए UPSC को अपनी सिफारिश भेज दी है.

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वहीं राजस्थान सरकार की ओर से सत्येन्द्र सिंह राघव, अतिरिक्त महाधिवक्ता, ने बताया कि राज्य की सरकार IAS प्रमोशन नियम-1954 के तहत इसी प्रकार से प्रमोशन करती आ रही है. इस नियम के तहत राज्य सरकार केंद्र सरकार की राय से अन्य सेवाओं के विशेषज्ञ अधिकारियों की IAS पद पर नियुक्ति कर सकती है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद खंडपीठ ने याचिका पर फैसला सुरक्षित रख लिया है.

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