जोधपुर. बीकानेर को सोलर हब बनाने के लिए शर्तों के बावजूद लगातार पेड़ों की कटाई कर पर्यावरण को नुकसान पहुंचाया जा रहा है. इसे लेकर राजस्थान हाईकोर्ट में दायर जनहित याचिका में सुनवाई के बाद वन, राजस्व और ऊर्जा विभाग के सचिवों से शपथ पत्र मांगा है. अन्यथा अगली सुनवाई पर हाजिर रहने के निर्देश दिए गए हैं. वहीं कोर्ट ने पेड़ों की अवैध कटाई करने पर रोक के साथ उप संरक्षक को मॉनिटरिंग करने के निर्देश दिए हैं.
एक्टिंग सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस कुलदीप माथुर की डबल बैंच के समक्ष अखिल भारतीय विश्नोई महासभा के अध्यक्ष देवेन्द्र बुडिया और जीव रक्षा संस्थान बीकानेर के अध्यक्ष मोख राम की ओर से जनहित याचिका पेश की गई. अधिवक्ता सीएस कोटवानी ने याचिका पेश कर बताया कि राज्य सरकार, राजस्व विभाग, वन विभाग और ऊर्जा विभाग की ओर से सोलर प्लांट लगाने के लिए बीकानेर के जैमलसर, खाजूवाला, दंतौर, किसनसर, 750 आरडी पूगल, रत्नीसर और कवनी में अनुमति दी थी. विभिन्न शर्तों का पालन नहीं किया जा रहा है और सोलर प्लांट लगाने से पहले जमीन पर उगी खेजड़ी, जाल, रोहिड़ा, बेर व केर सहित अन्य पेड़-पौधों की अवैध रूप से कटाई की जा रही है.
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अधिवक्ता सीएस कोटवानी ने याचिका पेश कर बताया कि इससे हिरणों के साथ ही स्थानीय जैव विविधता को नुकसान हो रहा है. कांटेदार जाली में फंसने से हिरणों की मौत हो रही है और पूरे पारिस्थितिकी तंत्र को क्षतिग्रस्त किया जा रहा है. कोर्ट ने प्रारम्भिक सुनवाई के बाद सभी 11 प्रतिवादियों को नोटिस जारी किया. अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह, सुनील बेनीवाल और पंकज शर्मा ने नोटिस स्वीकार किए.
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कोर्ट ने याचिका में लगाए गए आरोपों को लेकर वन विभाग, राजस्व विभाग और ऊर्जा विभाग के सचिवों से अगली सुनवाई पर शपथ पत्र मांगा है. कोर्ट ने कहा कि यदि शपथ पत्र पेश नहीं किए जाएं, तो विभाग के सचिव व्यक्तिगत रूप से 1 मई को हाजिर रहें. कोर्ट ने प्रतिवादी संख्या 8 उप संरक्षक वन द्वितीय चरण आईजीएनपी बीकानेर को निर्देश दिए हैं कि वनों की अवैध कटाई ना हो, इसको लेकर मॉनिटरिंग करने का उनका व्यक्तिगत उत्तरदायित्व होगा. यदि पेड़ों की अवैध कटाई या गतिविधियों का कोई मामला सामने आए, तो उसकी सूचना और रिपोर्ट बिना किसी देरी के तुरंत कोर्ट को पेश करें.