जयपुर. पूर्व राजमाता पद्मिनी देवी के पीहर (सिरमौर जिला) नाहन के राजघराने पर गुरु गोविंद सिंह की विशेष कृपा रही है. गुरु महाराज कुछ समय के लिए नाहन में पद्मिनी देवी के पिता के घर पधारे थे, जहां उनका विशेष आदर-सत्कार किया गया. गुरु महाराज ने वहां कुछ समय रुककर तप भी किया था और जाते समय उन्होंने आशीर्वाद स्वरूप एक तलवार राज परिवार को भेंट स्वरूप दी. साथ ही नाहन में गुरुद्वारा बनाने की इच्छा भी जाहिर की थी.
गुरु गोविंद सिंह की पसंद पर नदी किनारे गुरुद्वारा बनाया गया, जो आज पवित्र 'पांवटा साहिब गुरुद्वारा' कहा जाता है. वहीं, विवाह संस्कार के बाद जब पद्मिनी देवी जयपुर आईं तो उन्हें सिख धर्म के गुरुओं के प्रति पीहर जैसा ही विशेष आदर भाव दिख. इसलिए वो गुरु गोविंद सिंह की ओर से भेंट की गई तलवार यहां ले आईं और अपने मंदिर में विराजित कराई. इस तलवार की हर रोज पूरे विधि-विधान के साथ पूजा की जाती है.
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गुरु गोविंद सिंह जयंती के मौके पर हर वर्ष इस आमजन के दर्शन के लिए भी पूजा स्थल से बाहर निकाला जाता है. बुधवार को गुरु गोविंद सिंह जयंती मनाते हुए इस परंपरा का निर्वहन किया गया. खुद जयपुर राज के पूर्व राजघराने से आने वाली उपमुख्यमंत्री दीया कुमारी ने 339 साल पुरानी गुरु गोविंद सिंह की तलवार की पूजा अर्चना की. इस दौरान ओएसडी रामू रामदेव ने बताया कि गुरु गोविंद सिंह ने अपना ये प्रसाद सिरमौर राज परिवार को दिया था. अपने प्रवास के दौरान गुरु गोविंद सिंह वहां करीब एक महीना रुके थे और वहां साधना भी की थी. वहां से जब पद्मिनी देवी जी शादी कर जयपुर पधारे, उसके बाद गुरु गोविंद सिंह की ये तलवार भी जयपुर लाई गई, तभी से यहां इस तलवार को मंदिर में विराजित कर हर दिन विधि-विधान के साथ इसकी पूजा की जाती है.
उन्होंने बताया कि साल में एक बार गुरु गोविंद सिंह जयंती पर आम जनता के दर्शन के लिए भी इस तलवार को सिटी पैलेस में ही सार्वजनिक किया जाता है. गुरु गोविंद सिंह ने जिस तरह सनातन धर्म संस्कृति की रक्षा के लिए अपना बलिदान दिया. अपने पूरे परिवार और बच्चों का बलिदान दिया. उसे हिंदुस्तान कभी भुला नहीं सकता. उन्हीं के जन्मदिन के अवसर पर हर वर्ष प्रकाश पर्व मनाया जाता है. वहीं, सिटी पैलेस की एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी रमा दत्त ये बताया कि गुरु गोविंद सिंह की तलवार पूजनीय है. आज गुरु गोविंद सिंह की जयंती है, इसलिए इसे पूजा स्थल से पब्लिक के दर्शन के लिए भी निकाला गया है. आज पूरे दिन पैलेस में आने वाले सभी देशी विदेशी पर्यटकों को उन के इतिहास के बारे में भी बताते हैं, साथ ही यहां गुरबाणी का भी आयोजन किया जाएगा.