जयपुर. शहर के अलग-अलग इलाकों में रहने वाली गुजराती महिला मजदूरों ने शुक्रवार को जयपुर कलेक्ट्रेट का घेराव किया. इस दौरान महिला मजदूरों ने सरकार से छत देने की गुहार लगाई. इस संबंध में महिलाओं ने मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी दिया. साथ ही जयपुर कलेक्ट्रेट पर सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की. बताया गया कि घेराव में शामिल सभी महिलाएं पिछले 40 सालों से शहर में रह रही है और अब तक इन्हें घर की छत नसीब नहीं हुई है. इस संबंध में राजस्थान निर्माण मजदूर पंचायत संगठन की ओर से मुख्यमंत्री के नाम अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण को ज्ञापन दिया गया.
दरअसल, राजस्थान निर्माण मजदूर पंचायत संगठन के बैनर तले प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल पारीक के नेतृत्व में गुजराती महिलाएं बड़ी संख्या में शास्त्री नगर स्थित टंकी के पास एकत्रित हुई. यहां से वो रैली के रूप में कलेक्ट्रेट पहुंची, जहां सैकड़ों महिलाओं ने नाराजगी जताते हुए कहा कि वे जयपुर में सालों से रह रही हैं. बावजूद इसके अब तक उन्हें छत नसीब नहीं हो पाई है. गुजराती महिला मजदूरों के करीब 500 परिवार जयपुर शहर के शास्त्री नगर, विद्याधर नगर, चांदपोल मानसरोवर, जवाहर नगर आदि इलाकों में किराए के मकानों में रहकर गुजर-बसर कर रहे हैं. ये परिवार फुटपाथ पर सामान बेचकर और फेरी लगाकर घर खर्च चलाते हैं. वहीं, मजदूरी कर ये महिलाएं इतना पैसा नहीं कमा पाती कि वो खुद का घर खरीद सके. मजदूरों ने न्यू संजय नगर भट्टा बस्ती स्थित राजीव गांधी पुनर्वास योजना में मकान के लिए आवेदन किया है. ऐसे में उनकी मांग है कि इस पुनर्वास योजना के तहत उन्हें घर मुहैया कराया जाए.
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राजस्थान निर्माण मजदूर पंचायत संगठन के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल पारीक ने कहा कि चुनाव से पहले गहलोत सरकार ने घोषणा किया था कि बेघरों को घर दिया जाएगा. लेकिन आज साढ़े चार साल बीतने के बाद भी इन बेघर महिलाओं को घर नहीं मिला है. उन्होंने मांग की कि न्यू संजय नगर भट्टा बस्ती की राजीव गांधी पुनर्वास योजना में सभी बेघरों को घर दिया जाए. पारीक ने चेतावनी देते हुए कहा कि यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो 10 जुलाई को हजारों मजदूर शहीद स्मारक पर एकत्रित होंगे और सीएम आवास कूच करेंगे.
महिला मजदूर अनीता जैन ने कहा कि हम लोग लंबे समय से घर के लिए प्रयास कर रहे हैं. लेकिन सरकार हमारी सुनवाई नहीं कर रही है या तो सरकार राजी खुशी हमें छत दे वरना हमें छीनकर छत लेनी होगी. अनिता ने कहा कि महिलाएं मजदूरी करके बामुश्किल किसी तरह से दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर पा रही है. ऐसे में वे घर का किराया देने में पूरी तरह से असमर्थ है. मुख्यमंत्री गहलोत को भी इस संबंध में कई बार ज्ञापन दिया जा चुका है और कलेक्टर कार्यालय के भी चक्कर लगातार काट रही हैं, लेकिन उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही है.
गुजराती महिलाओं की अध्यक्ष पूजा ने कहा कि मजदूर महिलाएं देवी पूजक गुजराती समाज से जुड़ी हुई है. खुद का घर नहीं होने से उन्हें कई तरह की परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. सरकार ने बेघरों को घर देने का वादा किया था, लेकिन अपना वादा पूरा नहीं कर पाई. आज के जमाने में इतनी कमाई भी नहीं होती कि वे अपना खुद का घर खरीद सके. ऐसे में उनकी मांग है कि सरकार राजीव गांधी पुनर्वास योजना के तहत उन्हें घर उपलब्ध कराएं. वहीं, कलेक्ट्रेट पर धरने में कई महिलाएं अपने छोटे-छोटे बच्चों को लेकर पहुंची थी. गर्मी के कारण इन महिलाओं को खासा दिक्कतें भी पेश आई.