जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने आधुनिक ज्ञान-विज्ञान और प्रौद्योगिकी से जुड़े समाजिक उपयोगी विषयों का पाठ्यक्रम अंग्रेजी के साथ-साथ हिन्दी में भी तैयार करने का आह्वान किया है. उन्होंने मेवाड़ के महाराणा कुम्भा के भारतीय कलाओं के योगदान के अंतर्गत भारतीय शिल्प शास्त्र, संगीत के प्राचीन ग्रंथों और स्थापत्य कला से जुड़े ज्ञान पर शोध और अनुसंधान के लिए भी व्यापक स्तर पर कार्य करने पर भी जोर दिया है.
मोहनलाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा नई शिक्षा नीति के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए उठाए गए कदमों, उच्च शिक्षा के लिए योजना में अग्रसर रहने, संविधान पार्क के जरिये संविधान जागरूकता के लिए की गई पहल, उच्च शिक्षा में बेहतर रैंकिग आदि के लिए विश्वविद्यालय के प्रयासों की सराहना भी की. उन्होंने कहा कि सभी विश्वविद्यालय श्रेष्ठ शिक्षा प्राप्त करने वाले छात्र ही तैयार नहीं करें, बल्कि ऐसे भावी नागरिक भी समाज को दें जो अपने ज्ञान का उपयोग देश की समृद्धि और संपन्नता में करने के लिए प्रतिबद्ध हों. उन्होंने पूर्व में संविधान उद्देशिका एवं मूल कर्तव्यों का वाचन करवाया तथा संकायवार विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को ऑनलाइन पदक और उपाधियां प्रदान की.
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इस अवसर पर रक्षा मंत्रालय, भारत सरकार के विशिष्ट वैज्ञानिक और महानिदेशक, ब्रह्मोस, रक्षा अनुसंधान और विकास संस्थान, डॉ. सुधीर कुमार मिश्रा ने दीक्षांत भाषण में देश को शिक्षा और अनुसंधान में अग्रणी किए जाने के अधिकाधिक प्रयास किए जाने का आह्वान किया. उन्होंने देश में रक्षा क्षेत्र में ब्रह्मोस की भूमिका के बारे में भी अवगत कराया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अमेरिका सिंह ने मोहन लाल सुखाड़िया विश्वविद्यालय द्वारा शिक्षण और अनुसंधान, छात्र हित में किए जा रहे कार्यों आदि के बारे में विस्तार से अवगत कराया. राज्यपाल के सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविंद राम जायसवाल ने भी ऑनलाइन समारोह में भाग लिया.