जयपुर. शिक्षा राज्य मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के निवास पर सोमवार को सांसद किरोड़ीलाल मीना के नेतृत्व में जमवारामगढ़ के स्कूल की कुछ बच्चियां अपनी फरियाद लेकर पहुंची. बच्चियों ने मांग की है कि इनकी पसंदीदा स्कूल प्रिंसिपल के तबादले को निरस्त करके वापस उसी स्कूल में लगाया जाए.
दरअसल, हुआ यूं कि स्थानीय विधायक गोपाल मीणा ने स्कूल की प्रिंसिपल का पिछले दिनों तबादला करवा दिया था. उसके बाद यह तमाम बच्चियां शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के सामने फरियाद लेकर आई थीं और बिरला ऑडिटोरियम के बाहर धरने पर भी बैठ गई थीं. मंत्री ने उन्हें आश्वासन दिया था की उनकी पसंदीदा प्रिंसिपल का तबादला निरस्त कर दिया जाएगा.
वहीं, इन बच्चियों की दलील थी कि स्कूल की प्रिंसिपल ने स्कूल का विकास करने के साथ ही नामांकन भी बढ़ाया और तमाम सुविधाएं दी जो एक निजी स्कूल में मिलती हैं. लेकिन अभी तक तबादला निरस्त नहीं हुआ. जिसके चलते सोमवार को शिक्षा मंत्री के नेतृत्व में तमाम बच्चियां राज्य के शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के पास पहुंची. स्कूल की इस बच्ची ने अपनी शर्ट पर एजुकेशन मिनिस्टर की नेम प्लेट भी लगा रखी है. जानकारों की माने तो स्कूल में बच्चों की एक असेंबली होती है उसी के तहत बच्चों को अलग-अलग पद दिए जाते हैं.
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हालांकि, इन बच्चियों के साथ भाजपा के सांसद किरोड़ी लाल मीणा भी आए थे. लेकिन, जब इन बच्चियों ने अपनी दलीलों के आगे शिक्षा मंत्री को निरुत्तर कर दिया तो आखिरकार शिक्षा मंत्री को इन बच्चियों को वादा करना पड़ा और तबादला निरस्त करने की बात कहनी पड़ी. मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जब भी प्रशासनिक सुधार विभाग मुख्यमंत्री गहलोत के पास फाइल भेजेगा तो ऐसे कई तबादले कैंसिल हो सकेंगे और कुछ नए स्कूल खुलने के बाद इस तरीके के मामलों में शिथिलता बरती जाएगी.
बहरहाल, एक बात तो साफ है कि कई बार बड़ी संख्या में हुए तबादलों में स्थानीय राजनीति इतनी हावी हो जाती है की टैलेंटेड टीचर्स को भी जगह छोड़कर दूर दराज में जाना पड़ता है. जिन्होंने कई दिन मेहनत करके स्कूल की स्थिति सुधारी हो. कारण साफ है कि स्थानीय विधायक और सत्तासीन पार्टी के नेताओं की दलील भी शिक्षा मंत्री को माननी पड़ती है.