जयपुर. राजस्थान कांग्रेस में सचिन पायलट के पूर्ववर्ती मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के समय हुए भ्रष्टाचार की जांच गहलोत सरकार के 4 साल निकल जाने के बाद भी नहीं होने के आरोप के साथ अनशन के चलते मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ओर सचिन पायलट के बीच राजनीतिक द्वंद फिर शुरू हो चुकी है. हालांकि इस बार मुख्यमंत्री अशोक गहलोत या राजस्थान में गहलोत समर्थक विधायकों ने किसी तरह की कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. लेकिन एआईसीसी की ओर से प्रदेश कांग्रेस प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने पायलट को अनशन से रोकने के लिए बयान जारी किया और उसमें साफ लिखा कि अगर अनशन हुआ तो उसे पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. इस बयान से पायलट प्रदेश प्रभारी रंधावा से नाराज हैं.
यही कारण है की 12 अप्रैल से 14 अप्रैल तक दिल्ली में राजनीति सचिन पायलट के इर्द-गिर्द घूमती भी रही और इस मामले में रंधावा के साथ ही संगठन महामंत्री वेणुगोपाल,मध्यप्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ, कांग्रेस राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खडगे से लेकर राहुल गांधी तक नज़र बनाये हुए थे. बहरहाल बीते 2 दिनों से इस मामले में कोई हलचल नहीं थी लेकिन आज से फिर राजस्थान कांग्रेस में चल रही पायलट वर्सेस गहलोत के ताजा विवाद पर चर्चा होगी. जहां एक ओर रंधावा आज से संभाग वार विधायकों से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ बैठक करके फीडबैक करेंगे और सरकार कैसे रिपीट हो सकती है इसी पर भी विधायकों से चर्चा करेंगे. तो वहीं दूसरी ओर सचिन पायलट आज यानी सोमवार सुबह 11 बजे जयपुर के शाहपुरा के परमानंद धाम पर धार्मिक कार्यक्रम में और 2 बजे झुंझुनू जिले की खेतड़ी विधानसभा में टिब्बा बसाई में शहीद श्योराम गुर्जर की प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम में हिस्सा लेंगे. जिसे सीधे तौर पर 11 अप्रैल के अनशन के बाद पायलट का पहला शक्ति प्रदर्शन माना जा रहा है.
रंधावा बोले पायलट और गहलोत का मामला प्रभारी के नाते देख रहा हूं मैं, कमलनाथ की बात केवल मीडिया की चर्चा
इस मामले में जब 10 अप्रैल को रात करीब 11 बजे सुखजिंदर सिंह रंधावा की ओर से बयान जारी कर यह कहा गया कि अगर सचिन पायलट अनशन करते हैं तो वह पार्टी विरोधी गतिविधि माना जाएगा. उसके बाद से ही सचिन पायलट रंधावा से काफी नाराज बताए जा रहे हैं. यही वजह है कि पायलट ने दिल्ली में पार्टी महासचिव वेणुगोपाल और वरिष्ठ नेता कमलनाथ से बातचीत की लेकिन रंधावा से नहीं. कहा जा रहा है कि इस मामले में रंधावा की जगह वेणुगोपाल और कमलनाथ को भी पायलट को मनाने का जिम्मा सौंपा गया है, लेकिन रविवार रात को जयपुर पहुंचे रंधावा ने साफ कह दिया राजस्थान का कांग्रेस प्रभारी मैं हूं. इस नाते इस मामले को प्रभारी के तौर पर मैं ही देख रहा हूं. साथ ही उन्होंने कहा कि कमलनाथ को क्या इस तरह का कोई आदेश जारी हुआ है यदि है तो वो आदेश मुझे या मीडिया का दिखा दें.
पढ़ें पायलट का अनशन, वसुंधरा राजे बहाना! गहलोत पर निशाना, सचिन के ये हैं आरोप
आज अजमेर संभाग के कांग्रेस और कांग्रेस समर्थित विधायकों का वन टू वन, 18 को उदयपुर ,कोटा ,भरतपुर और 19 को बीकानेर और जयपुर
राजस्थान में इस बार कांग्रेस पार्टी में ही सरकार कैसे रिपीट हो इसे लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और पूर्व मुख्यमंत्री सचिन पायलट अपनी बात कहते रहते हैं लेकिन दोनों के तरीके बिल्कुल अलग अलग होते हैं. जहां पायलट के मुद्दे भ्रष्टाचार और सत्ता में बैठे चेहरों के बदलाव को सरकार रिपीट होने का मंत्र बता रहे हैं, तो वही गहलोत अपनी योजनाओं के जरिए जनता के बीच जाकर सरकार दोहराना चाहते हैं. पायलट अपने मुद्दे को लेकर अनशन कर चुके हैं, तो गहलोत आज से प्रभारी रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के साथ बैठकर अजमेर और जोधपुर संभाग के सभी विधायकों के साथ वन टू वन बैठक करते नजर आएंगे. कल यानी मंगलवार 18 अप्रैल को उदयपुर, कोटा और भरतपुर में वहीं 20 अप्रैल को बीकानेर और जयपुर संभाग के विधायकों से वन टू वन चर्चा होगी.
टोंक जिले के विधायकों से भी आज है चर्चा, पायलट का है झुंझुनू का कार्यक्रम लेकिन पायलट समर्थक विधायक रहेंगे या नहीं इस पर होगी सबकी नजर
आज से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा के कांग्रेस और पायलट समर्थित विधायकों के साथ वन टू वन मीटिंग का कार्यक्रम है. पहले दिन अजमेर संभाग का नंबर है ऐसे में टॉक जहां से सचिन पायलट विधायक हैं उन्हें भी आज ही फीडबैक कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन पायलट का झुंझुनू में शहीद के प्रतिमा का अनावरण कार्यक्रम पहले से तय है. ऐसे में पायलट इस कार्यक्रम में नहीं पहुंचेंगे, लेकिन नजर इस बात पर रहेगी कि अजमेर संभाग में आने वाले पायलट समर्थक विधायक इस फीडबैक कार्यक्रम में शामिल होंगे या नहीं.