जयपुर. इन्वेस्ट राजस्थान समिट में सीएम अशोक गहलोत की ओर से उद्योगपति गौतम अडानी की तारीफ (Gehlot reaction on trolling for praising adani) करने के बाद सियासत गरमाई हुई है. विपक्ष के हमलों के बीच सीएम अशोक गहलोत ने रविवार को फिर पलटवार करते हुए कहा कि इसका जवाब कल राहुल गांधी और उन्होंने दे दिया है. गहलोत ने कहा कि समिट में जो 3000 लोग आए थे, वो सब कांग्रेस के लोग थे क्या?
समिट में जो लोग आए वो किसी भी पार्टी के हो सकते हैं. उनमें ये कहकर छांट नहीं सकते कि तुम (Gehlot Counterattack on BJP) बीजेपी के हो और तुम कांग्रेस के. इन्वेस्टमेंट करने के लिए कोई व्यक्ति आए तो सरकार की ड्यूटी है कि सरकारी कायदे कानून से उनको स्वीकृतियां दें. गहलोत ने कहा कि लेकिन 'मोदी जी' पर आरोप ये है कि उनकी नीतियां ऐसी हैं, जिससे कुछ लोगों को ही फायदा मिल रहा है.
राहुल गांधी पिछले 8 साल से बोल रहे हैं, उसका जवाब मोदी क्यों नहीं देते? राहुल गांधी लगातार सवाल उठाते हैं कि कुछ लोग फायदा उठा रहे हैं. सब को फायदा क्यों नहीं मिल रहा है, जो दिखता भी है. उसका जवाब वो देते नहीं हैं. गहलोत ने कहा कि मुद्दा बनाया जा रहा है कि राहुल गांधी अडानी के खिलाफ बोलते हैं और राजस्थान सीएम ने उन्हें इन्वेस्टमेंट के लिए बुला लिया, यह राजनीति लड़ाने की है.
इन्वेस्टमेंट समिट को लेकर सीएम अशोक गहलोत ने बीजेपी नेताओं पर (BJP on Rajasthan Invest summit) पलटवार करते हुए कहा कि बीजेपी के नेता कुछ न कुछ बोलते रहते हैं. वो जनता को गुमराह कर रहे हैं. ये बीजेपी के लिए भारी पड़ेगा. इन्वेस्टमेंट सम्मेलन को लेकर जो नेता बोल रहे हैं, उनको शर्म भी नहीं आती. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब वे मुख्यमंत्री थे, तब वाइब्रेंट गुजरात कराते थे. तब भी 20-25 परसेंट इन्वेस्टमेंट आया होगा. हमने तो पहले ही एमओयू साइन कर दिए वरना तो ऐसी कांफ्रेंस के दौरान जल्दबाजी में एमओयू साइन होते हैं. इसमें से कितने प्रोजेक्ट आएंगे, इन्वेस्टमेंट आएंगे या नहीं ये तो समय बताएगा.
किशनबाग सैंड ड्यून पार्क का अवलोकन करने पहुंचे सीएम : अशोक गहलोत ने विपक्ष की ओर से उठ (Gehlot on being trolled by Opposition) रहे सवालों का जवाब दिया. साथ ही किशनबाग वानिकी परियोजना की तारीफ करते हुए यहां विविध मरुस्थलीय वनस्पतियों, पुरातन चट्टानों, मरुस्थलीय टीलों और राजस्थानी पद्धति से बने मचानों के बारे में जानकारी ली. उन्होंने पार्क के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया. इस दौरान मुख्यमंत्री ने पार्क के रेतीले क्षेत्र में उगाई गई स्वदेशी वनस्पति, प्रदेश के अलग-अलग जिलों से लाई गई पहाड़ी तथा भूमिगत चट्टानों, जीवाश्म और उनके माध्यम से राज्य के प्राकृतिक इतिहास के वर्णन की सराहना की.
गहलोत ने पार्क में रेगिस्तानी रोई (झाडीनुमा जंगल) में उगने वाली विभिन्न प्रकार की झाड़ियों तथा अन्य (CM visit Kishanbagh Sand Dune Park) वनस्पतियों को देखा. उन्होंने कहा कि पार्क का भ्रमण करने पर पर्यटकों को पता चलता है कि राजस्थान की धरती बंजर न होकर विभिन्न प्रकार की झाड़ियां, घास व जैव-विविधता लिए हुए है. सैंकड़ों प्रजाति के पक्षी और जानवर इसके द्वारा पोषित होते हैं.
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मुख्यमंत्री ने कहा कि किशनबाग पर्यटकों के साथ-साथ विद्यार्थियों, शोधकर्ताओं और भूगोलवेत्ताओं के लिए भी एक अद्भुत स्थल है. यहां आमजन अपने परिवार के साथ आकर सुकून भरा समय बिता सकते हैं. पार्क में आमजन को प्रकृति से जुड़ी विभिन्न प्रकार की रोचक जानकारी भी मिलती है. उन्होंने कहा कि किशनबाग को निर्माताओं के की ओर से एक रचनात्मक ढंग से बनाया गया है. यहां प्रबंधन का शानदार कार्य किया गया है. साथ ही गाइड्स की जानकारी भी उत्कृष्ट स्तर की है. इस दौरान उन्होंने किशनबाग में घूमने आए आमजन से मुलाकात की और उनके अनुभव को जाना.
टूरिज्म के लिए रखा 1000 करोड़ का बजटः सीएम गहलोत ने कहा कि टूरिज्म को लेकर के जो 1000 करोड़ का बजट रखा है , वो आज तक के इतिहास में कभी नहीं हुआ. सरकार ने टूरिज्म की पॉलिसी बना दी. इंडस्ट्री का दर्जा दिया है. ये ऐतिहासिक काम है. 40 साल पहले पर्यटन मंत्री के तौर पर उन्होंने कहा था कि पर्यटन को उद्योग का दर्जा दो ताकि बिजली, पानी, लैंड कन्वर्जन जैसी सुविधाओं में छूट मिले. इससे टूरिज्म इंडस्ट्री बढ़ेगी. लेकिन आज स्थिति बनी है कि वो खुद मुख्यमंत्री हैं और उनके हाथों से ही इसे मूर्त रूप मिल गया. मुख्यमंत्री ने कहा कि टूरिज्म उद्योग के लोगों को काफी सहूलियत मिली है. जो विभिन्न तरह की छूट दी गई है उससे काफी राहत मिली है. कई जगह पर प्रिंसिपल अमाउंट खत्म किया है. जितने भी टूरिस्ट दुनिया से आएंगे, उन्हें यहां दिखाने के लिए बहुत कुछ है. हर राज्य में बहुत कुछ है. राजस्थान तो इस मामले में बेमिसाल है.
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उन्होंने कहा कि पूरे देश के लोग जयपुर का नाम सुनते ही यहां आना पसंद करते हैं. भले ही ये मैरिज डेस्टिनेशन के नाम से जाना जाता है या फिर कांफ्रेंस के नाम पर. जयपुर अब लोगों की पसंद बन रहा है. इसी तरह जोधपुर, जैसलमेर, अजमेर, कोटा के हर एक जिले की यहां अलग पहचान है. इसी कारण से राजस्थान में टूरिज्म की अलग पहचान बनी है.
केंद्र को करनी चाहिए मदद : उन्होंने जयपुर में मेट्रो ट्रेन को लेकर कहा कि मेट्रो का जो फेज सीतापुरा से अंबाबाड़ी बनना था, उसकी डीपीआर में देरी हो गई है. मेट्रो में उन्हें भारत सरकार का सहयोग नहीं मिल सका. भारत सरकार को प्रोएक्टिव होकर उन राज्यों की मदद करनी चाहिए. मेट्रो के मामले में भी भारत सरकार को आगे आकर के राज्यों को मदद करनी चाहिए. तब जाकर विकास हो पाएगा. उन्होंने कहा कि सरकार से ईआरसीपी, पीने के पानी के लिए भी सहयोग नहीं मिल पा रहा.
उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोरोना प्रबंधन की पूरे देश मे सराहना हुई. राजीव गांधी ग्रामीण ओलंपिक खेलों में भी किसी तरह की राजनीति नहीं हुई. जिसमें बीजेपी और कांग्रेस ने भाग लिया. हम किसी तरह की राजनीति नहीं करते, यही सोच रखनी चाहिए. इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि हम तीन लाख नौकरियां दे रहे हैं. हालांकि सरकार सभी को नौकरियां नहीं दे सकती. इस कारण से प्राइवेट सेक्टर में नौकरियां देना चाहते हैं. वहीं सीएम ने बारिश से फसलों को हुई खराबे पर कहा कि इस बारे में कल ही आदेश जारी कर दिया की गिरदावरी शुरू की जाए और जल्द ही लोगों को रिलीफ मिले. यह हमारे लिए चिंता का विषय बना हुआ है.