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जवाबदेही कानून पर निराशा ! गहलोत सरकार महंगाई राहत कैम्प पर सवाल, योजनाएं अच्छी लेकिन जवाबदेही किसकी ? - Gehlot govt accountability bill row in rajasthan

गहलोत सरकार आम जनता को राहत देने के लिए 24 अप्रैल से महंगाई राहत कैंप लगाने जा रही है. सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने सीएम गहलोत की मौजूदगी में कहा कि योजनाएं अच्छी हैं लेकिन इन्हें लागू करने के लिए जवाबदेही जरूरी है. ये जवाबदेही अकाउंटिबिलिटी बिल के जरिये होगी, सरकार इस पर बिल लाए.

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Published : Apr 17, 2023, 11:36 AM IST

Updated : Apr 17, 2023, 11:43 AM IST

सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय के सवाल

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए अपने आखरी बजट में जन कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की भरमार की. चुनावी साल लिहाजा गहलोत सरकार ने हर वर्ग को राहत भरे पैकेज दिए. अब इनका सीधा लाभ देने के लिए महंगाई राहत कैम्प लगाए जाएंगे. 24 अप्रैल से शुरू होने वाले इन कैम्प के प्रचार प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. अब इन्हीं कार्यक्रमों में ये सवाल भी उठ रहा है कि जब तक अधिकारियों और कर्मचारियों को जवाबदेही तय नही होगी तब तक कैसे इन योजनाओं का लाभ आम जनता को मिलेगी? .

तीन बार पब्लिक डोमेन में फिर भी लागू नही : साल 2011 से जिस पब्लिक सर्विस गारंटी एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट जिसे हम आम भाषा मे जवाबदेही कानून भी कहते हैं. उसको लेकर सामाजिक संगठनों में घोर निराशा है. 12 साल से जिस कानूनों के कानून का इंतजार था अब उसको लेकर निराशा होने लगी है. उम्मीद थी कि गहलोत सरकार बजट सत्र में इस बिल को लेकर आएगी लेकिन विधानसभा सत्र के अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के साथ ही वो उम्मीद भी टूट गई है. तीन बार जनता के सुझाव लेने के लिए पब्लिक डोमेन में आए इस बिल के मसौदे को अंतिम रूप तो मिल चुका है, लेकिन बिल को लागू करने में सरकार पीछे हट रही है.

शिविर में उठी मांग : तीन दिन पहले राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में जनता का पैसा, जनता को थीम पर बजट घोषणाओं को लेकर हुई कार्यशाला में जवाबदेही कानून की मांग उठी. सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि ये पहली बार है कि सरकार जनता का पैसा जनता को मिले इस थीम पर काम कर रही है. जो बजट में सरकार ने महंगाई से राहत देने के लिए घोषणा की और उन्हें लागू करने जा रही है. इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी. पेंशन की मांग हम लगातार करते आ रहे है अब वो सम्मानजनक रूप से बुजुर्गों को मिलेगी. सामाजिक सुरक्षा हर नागरिक का अधिकार है वो मिलना चाहिए. इसके साथ अरुणा रॉय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में ये सवाल उठाया कि जवाबदेही कानून की मांग लगातार हो रही है लेकिन उसे लागू नही किया जा सका. रॉय ने तो यहां इशारों ही इशारों में यहां तक कह दिया कि ईमानदार और काम करने वाले अफसर भी चाहते हैं कि जवाबदेही कानून लागू हो. अरुणा रॉय ने कहा कि सीएम गहलोत की योजनाएं आमजन को राहत देने वाली है, लेकिन इनका लाभ जनमानस को तब तक नहीं मिलेगा जब तक इन्हें लागू करने के लिए जवाबदेही तय नहीं होगी. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग भी किया कि जवाबदेही कानून को जल्द लागू किया जाए .

पार्टी और सरकार का कमिटमेंट : सामाजिक कानून लागू नही होने से निराश सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे कहते हैं कि इस कानून को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र में कमिटमेंट था, सीएम गहलोत ने अपने तीन बजट में कहा कि बिल का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है लेकिन सरकार इस जवाबदेही कानून को किस दवाब में या किन कारणों से लागू नही कर पा रही है वो समझ से परे है. उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र में पूरी उम्मीद थी, सरकार ने अपने आखरी बजट में जनता के लिए कई अच्छी घोषणाएं की लेकिन जवाबदेही कानून पर कोई जवाब नही मिल रहा है कि आखिर क्यों ?

क्या है जवाबदेही कानून : जवाबदेही कानून का जो प्रस्ताव तैयार हुआ है उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति की समस्या का समाधान अगर कोई अधिकारी नहीं करता है तो उससे ऊंचे ओहदे का अधिकारी शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त कर पाबंद करेगा. पीड़ित व्यक्ति की शिकायत की सुनवाई समय सीमा में होगी, कानून लागू होता है तो आम जनता बेबाक रूप से अपनी बात रख सकेगी. इसके साथ आम आदमी को कलेक्टर या एसडीएम के सामने अपनी बात कहने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा. कानून के लागू होने से आम आदमी के पास संबंधित सेवा या सुविधा पाने के लिए सारे दस्तावेज हैं, तो उसे स्वत: ही अधिकार मिल जाएंगे. कानूनी रूप से भी वो उन अधिकारों का उपयोग करते हुए जवाब मांग सकता है. आम जनता के काम को करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी की जवाबदेही होगी. हर सरकारी विभागों या संस्थाओं की सोश्यल ऑडिट का होगा प्रावधान , ताकि कोई किसी काम को पेंडिंग नही रख सकेगा. आम जनता के काम को नही करने या लापरवाही करने पर सम्बन्धित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान भी इस कानून के।प्रारूप में है.

सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय के सवाल

जयपुर. प्रदेश की गहलोत सरकार आम जनता को महंगाई से राहत देने के लिए अपने आखरी बजट में जन कल्याणकारी योजनाओं की घोषणा की भरमार की. चुनावी साल लिहाजा गहलोत सरकार ने हर वर्ग को राहत भरे पैकेज दिए. अब इनका सीधा लाभ देने के लिए महंगाई राहत कैम्प लगाए जाएंगे. 24 अप्रैल से शुरू होने वाले इन कैम्प के प्रचार प्रसार के लिए कार्यक्रम आयोजित किये जा रहे हैं. अब इन्हीं कार्यक्रमों में ये सवाल भी उठ रहा है कि जब तक अधिकारियों और कर्मचारियों को जवाबदेही तय नही होगी तब तक कैसे इन योजनाओं का लाभ आम जनता को मिलेगी? .

तीन बार पब्लिक डोमेन में फिर भी लागू नही : साल 2011 से जिस पब्लिक सर्विस गारंटी एंड अकाउंटेबिलिटी एक्ट जिसे हम आम भाषा मे जवाबदेही कानून भी कहते हैं. उसको लेकर सामाजिक संगठनों में घोर निराशा है. 12 साल से जिस कानूनों के कानून का इंतजार था अब उसको लेकर निराशा होने लगी है. उम्मीद थी कि गहलोत सरकार बजट सत्र में इस बिल को लेकर आएगी लेकिन विधानसभा सत्र के अनिश्चित काल के लिए स्थगित होने के साथ ही वो उम्मीद भी टूट गई है. तीन बार जनता के सुझाव लेने के लिए पब्लिक डोमेन में आए इस बिल के मसौदे को अंतिम रूप तो मिल चुका है, लेकिन बिल को लागू करने में सरकार पीछे हट रही है.

शिविर में उठी मांग : तीन दिन पहले राजधानी जयपुर के बिड़ला ऑडिटोरियम में जनता का पैसा, जनता को थीम पर बजट घोषणाओं को लेकर हुई कार्यशाला में जवाबदेही कानून की मांग उठी. सामाजिक कार्यकर्ता अरुणा रॉय ने कहा कि ये पहली बार है कि सरकार जनता का पैसा जनता को मिले इस थीम पर काम कर रही है. जो बजट में सरकार ने महंगाई से राहत देने के लिए घोषणा की और उन्हें लागू करने जा रही है. इससे आम जनता को बड़ी राहत मिलेगी. पेंशन की मांग हम लगातार करते आ रहे है अब वो सम्मानजनक रूप से बुजुर्गों को मिलेगी. सामाजिक सुरक्षा हर नागरिक का अधिकार है वो मिलना चाहिए. इसके साथ अरुणा रॉय ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की मौजूदगी में ये सवाल उठाया कि जवाबदेही कानून की मांग लगातार हो रही है लेकिन उसे लागू नही किया जा सका. रॉय ने तो यहां इशारों ही इशारों में यहां तक कह दिया कि ईमानदार और काम करने वाले अफसर भी चाहते हैं कि जवाबदेही कानून लागू हो. अरुणा रॉय ने कहा कि सीएम गहलोत की योजनाएं आमजन को राहत देने वाली है, लेकिन इनका लाभ जनमानस को तब तक नहीं मिलेगा जब तक इन्हें लागू करने के लिए जवाबदेही तय नहीं होगी. साथ ही उन्होंने सरकार से मांग भी किया कि जवाबदेही कानून को जल्द लागू किया जाए .

पार्टी और सरकार का कमिटमेंट : सामाजिक कानून लागू नही होने से निराश सामाजिक कार्यकर्ता निखिल डे कहते हैं कि इस कानून को लेकर कांग्रेस के घोषणा पत्र में कमिटमेंट था, सीएम गहलोत ने अपने तीन बजट में कहा कि बिल का ड्राफ्ट तैयार हो चुका है लेकिन सरकार इस जवाबदेही कानून को किस दवाब में या किन कारणों से लागू नही कर पा रही है वो समझ से परे है. उन्होंने कहा कि इस बजट सत्र में पूरी उम्मीद थी, सरकार ने अपने आखरी बजट में जनता के लिए कई अच्छी घोषणाएं की लेकिन जवाबदेही कानून पर कोई जवाब नही मिल रहा है कि आखिर क्यों ?

क्या है जवाबदेही कानून : जवाबदेही कानून का जो प्रस्ताव तैयार हुआ है उसके अनुसार किसी भी व्यक्ति की समस्या का समाधान अगर कोई अधिकारी नहीं करता है तो उससे ऊंचे ओहदे का अधिकारी शिकायत निवारण अधिकारी नियुक्त कर पाबंद करेगा. पीड़ित व्यक्ति की शिकायत की सुनवाई समय सीमा में होगी, कानून लागू होता है तो आम जनता बेबाक रूप से अपनी बात रख सकेगी. इसके साथ आम आदमी को कलेक्टर या एसडीएम के सामने अपनी बात कहने का अधिकार प्राप्त हो सकेगा. कानून के लागू होने से आम आदमी के पास संबंधित सेवा या सुविधा पाने के लिए सारे दस्तावेज हैं, तो उसे स्वत: ही अधिकार मिल जाएंगे. कानूनी रूप से भी वो उन अधिकारों का उपयोग करते हुए जवाब मांग सकता है. आम जनता के काम को करने के लिए संबंधित विभाग के अधिकारी और कर्मचारी की जवाबदेही होगी. हर सरकारी विभागों या संस्थाओं की सोश्यल ऑडिट का होगा प्रावधान , ताकि कोई किसी काम को पेंडिंग नही रख सकेगा. आम जनता के काम को नही करने या लापरवाही करने पर सम्बन्धित अधिकारी या कर्मचारी के खिलाफ जुर्माने का प्रावधान भी इस कानून के।प्रारूप में है.

Last Updated : Apr 17, 2023, 11:43 AM IST
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