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चीन-भारत ​सैनिकों की भिड़ंत पर संसद में हंगामा, केंद्रीय मंत्री ने कहा-एफसीआरए पर सवाल से बचना चाहती थी कांग्रेस - ​सैनिकों की भिड़ंत पर संसद में हंगामा

चीन और भारत सेना के बीच हुई भिड़ंत के बाद संसद में जहां एक और हंगामा बरपा. वहीं केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि हंगामा इसलिए बरपा क्योंकि राजीव गांधी फाउंडेशन की एफसीआरए की सुविधा क्यों बंद करने के संबंध में एक प्रश्न लगाया गया था. कांग्रेस इस सवाल से बचना चाहती (Gajendra Singh Shekhawat on Indo China clash) थी.

Gajendra Singh Shekhawat on Indo China clash, says Congress want to escape question related to RGF
चीन-भारत ​सैनिकों की भिड़ंत पर संसद में हंगामा, केंद्रीय मंत्री ने कहा-एफसीआरए पर सवाल से बचना चाहती थी कांग्रेस
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Published : Dec 13, 2022, 8:23 PM IST

Updated : Dec 13, 2022, 8:52 PM IST

शेखावत का दावा: इसलिए विपक्ष ने संसद में मचाया हंगामा...

जयपुर. अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों की भिड़ंत के मुद्दे पर संसद में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष की ओर से उठाई जा रहे इस मुद्दे पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा (Gajendra Singh Shekhawat on Indo China clash) कि 5 दिन पुराने मामले पर इसलिए हंगामा किया जा रहा है क्योंकि सदन में राजीव गांधी फाउंडेशन की एफसीआरए की सुविधा बंद करने के संबंध में एक प्रश्न लगाया गया था. उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने लाठी-डंडों से उन्हें खदेड़ दिया. एक इंच भी जमीन नहीं दी गई.

लाठी-डंडों से भगाया चीनी सैनिकों को: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ मामले में कहा कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को 1 इंच भी जमीन नहीं लेने दी. शेखावत ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि 8 और 9 दिसंबर की मध्यरात्रि को चीनी सैनिकों ने कब्जे की कोशिश की, लेकिन भारत की शक्तिशाली सेना ने लाठी-डंडो से पीटकर उन्हें वहां से भगाया. भारत का एक भी सैनिक हताहत नहीं हुआ हैं. रक्षमंत्री ने संसद में यह बयान दिया है कि भारत की एक इंच भी जमीन नहीं दी गई है.

पढ़ें: गजेंद्र सिंह शेखावत का हमला...कहा- पीने का पानी देने के लिए गहलोत सरकार पर पैसे नहीं, भ्रष्टाचार के लिए मोबाइल जैसी रेवड़ियां बांटी जा रही हैं

सवाल से बचने के लिए किया हंगामा: शेखावत ने संसद में हंगामे की वजह का खुलासा किया और कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन की एफसीआरए की सुविधा बंद करने के संबंध में एक प्रश्न लगाया गया (Question on Rajiv Gandhi Foundation FCRA facility) था. इसके जवाब से कांग्रेस घिरने वाली थी. इसलिए 5 दिन पुराने मामले पर जबरन सदन में हंगामा किया गया. जबकि सबको पता है कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को 1 इंच भी जमीन नहीं लेने दी. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2007 के बीच में चीन के दूतावास से 1.35 करोड़ और जाकिर फाउंडेशन से 50 लाख अनुदान राशि प्राप्त की हुई थी.

यह फाउंडेशन सामाजिक सरोकार के काम करने वाली संस्था है, लेकिन जब फाउंडेशन से 1.35 करोड़ का हिसाब पूछा गया, तो उन्होंने लिखा है कि भारत और चीन के संबधों के अध्ययन के लिए निवेश किया है. अब चीन से निवेश का क्या सामाजिक सरोकार था, यह देखने वाली बात है. उन्होंने कहा कि चीन ने हजारों​ किमी की भूमि पर कब्जा किया. नेहरू ने जो चीन को गिफ्ट किया, उसका अध्ययन करना चाहिए. इसलिए कांग्रेस ने हल्ला मचाकर सदन की कार्रवाई को बाधित करने का काम किया है.

पढ़ें: '4 साल पूरे होने तक 'नकारा, निकम्मी' सरकार जलसा मनाने लायक रहेगी या नहीं, यह तय नहीं'-गजेंद्र सिंह शेखावत

न्यायालय ने फोन टेपिंग की अनुमति नहीं दी: पिछले दिनों राजस्थान की सियासत में भूचाल लाने वाले फोन टेपिंग मामले में शेखावत ने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने मेरे चरित्र हनन का प्रयास किया. एसीबी ने जो एफआईआर दर्ज की उसे लेकर 2021 में न्यायालय में एप्लीकेशन लगाई गई कि हमें गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज का नमूना लेने के लिए परमिशन दी जाए.

इसके बाद खबर फैलाई गई कि कोर्ट ने प​रमिशन दे दी है और गजेंद्र सिंह की मुश्किले बढ़ने वाली है. जबकि न्यायालय का फैसला था कि 'अभियोजन अपनी इतर मंशाओं की पूर्ति के लिए न्यायालय के कंधों का सहारा लेना चाहता है. किसी भी कानून के तहत यह परमिशन नहीं दी जा सकती. इसके बाद भी एक साल तक सीएम और उनके सिपहसालारों ने मंच से मैं भाग रहा हूं, कहकर मेरे चरित्र हनन करने का दुष्प्रयास किया. अब उसकी अपील एक साल बाद की गई, जिस पर अब भी न्यायालय ने फैसला नहीं किया है. वहीं संजीवनी क्रेडिट सोसायटी मामले में उन्होंने कहा कि एसओजी ने जांच कर चार्जशीट फाइल की है. मुझ पर अगर कहीं चार्ज उल्लेखित हों, तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे.

पढ़ें: मोदी के मंत्री ने Indian Air Force Day 2022 पर लगाई पाक विमान की तस्वीर

90 प्रतिशत केंद्रीय फंड का रास्ता साफ: वहीं शेखावत ने इआरसीपी को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में फैसला लिया है कि अब प्रोजेक्ट के लिए 90 फीसदी फंड केंद्र सरकार वहन करेगी. राज्य सरकार को 10 फीसदी फंड खर्च करना होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य को भी थोड़े बदलाव करने होंगे. इसी के तहत काम आगे बढ़ पाएगा. शेखावत ने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट को रिवर इन्टरलिंकिंग में शामिल किया गया है. चम्बल-पार्वती-कालीसिंध लिंक से जोड़ने का एलान हुआ है. शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान में शामिल किया है. प्रायोरिटी लिंक में भी प्राथमिकता की गई है. राज्य सरकार ने 50 फीसदी डिपेन्डेबिलिटी पर प्रोजेक्ट भेजा है, अगर राज्य सरकार 75 फीसदी पर राजी हुई, तो ERCP का 90 फीसदी पैसा केन्द्र सरकार देगी. बता दें कि पहले भी 50 और 75 फीसदी को लेकर विवाद चलता रहा है.

राहुल की महिला शक्ति के वीडियो सामने हैं: मंत्री ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में महिला सशक्तिकरण के संदेश को लेकर भी कहा कि सोमवार को किस तरह से राहुल गांधी की यात्रा में महिलाओं को जोड़ा गया, यह सबके सामने है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अधिकार है कि वह यात्रा निकाले. इस यात्रा को लेकर कोई सवाल नहीं करूंगा, लेकिन उनसे यह जरूर कहना चाहूंगा कि जिस तरह से उनकी यात्रा में शामिल करने के लिए महिलाओं को जोड़ा गया था, उसके बाद उन महिलाओं को वहीं छोड़ दिया गया. उनको घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी नहीं की. यह महिला सशक्तिकरण की पहचान प्रदेश की सरकार की है और राहुल गांधी की भी.

शेखावत का दावा: इसलिए विपक्ष ने संसद में मचाया हंगामा...

जयपुर. अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में भारत और चीन के सैनिकों की भिड़ंत के मुद्दे पर संसद में जमकर हंगामा हुआ. विपक्ष की ओर से उठाई जा रहे इस मुद्दे पर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा (Gajendra Singh Shekhawat on Indo China clash) कि 5 दिन पुराने मामले पर इसलिए हंगामा किया जा रहा है क्योंकि सदन में राजीव गांधी फाउंडेशन की एफसीआरए की सुविधा बंद करने के संबंध में एक प्रश्न लगाया गया था. उन्होंने कहा कि चीनी सेना ने भारत की सीमा में घुसने की कोशिश की, लेकिन भारतीय सेना ने लाठी-डंडों से उन्हें खदेड़ दिया. एक इंच भी जमीन नहीं दी गई.

लाठी-डंडों से भगाया चीनी सैनिकों को: केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने अरुणाचल प्रदेश के तवांग क्षेत्र में चीनी सेना की घुसपैठ मामले में कहा कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को 1 इंच भी जमीन नहीं लेने दी. शेखावत ने मंगलवार को भाजपा मुख्यालय में प्रेस वार्ता में कहा कि 8 और 9 दिसंबर की मध्यरात्रि को चीनी सैनिकों ने कब्जे की कोशिश की, लेकिन भारत की शक्तिशाली सेना ने लाठी-डंडो से पीटकर उन्हें वहां से भगाया. भारत का एक भी सैनिक हताहत नहीं हुआ हैं. रक्षमंत्री ने संसद में यह बयान दिया है कि भारत की एक इंच भी जमीन नहीं दी गई है.

पढ़ें: गजेंद्र सिंह शेखावत का हमला...कहा- पीने का पानी देने के लिए गहलोत सरकार पर पैसे नहीं, भ्रष्टाचार के लिए मोबाइल जैसी रेवड़ियां बांटी जा रही हैं

सवाल से बचने के लिए किया हंगामा: शेखावत ने संसद में हंगामे की वजह का खुलासा किया और कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन की एफसीआरए की सुविधा बंद करने के संबंध में एक प्रश्न लगाया गया (Question on Rajiv Gandhi Foundation FCRA facility) था. इसके जवाब से कांग्रेस घिरने वाली थी. इसलिए 5 दिन पुराने मामले पर जबरन सदन में हंगामा किया गया. जबकि सबको पता है कि भारतीय सेना ने चीन की सेना को 1 इंच भी जमीन नहीं लेने दी. उन्होंने कहा कि राजीव गांधी फाउंडेशन को 2005 से 2007 के बीच में चीन के दूतावास से 1.35 करोड़ और जाकिर फाउंडेशन से 50 लाख अनुदान राशि प्राप्त की हुई थी.

यह फाउंडेशन सामाजिक सरोकार के काम करने वाली संस्था है, लेकिन जब फाउंडेशन से 1.35 करोड़ का हिसाब पूछा गया, तो उन्होंने लिखा है कि भारत और चीन के संबधों के अध्ययन के लिए निवेश किया है. अब चीन से निवेश का क्या सामाजिक सरोकार था, यह देखने वाली बात है. उन्होंने कहा कि चीन ने हजारों​ किमी की भूमि पर कब्जा किया. नेहरू ने जो चीन को गिफ्ट किया, उसका अध्ययन करना चाहिए. इसलिए कांग्रेस ने हल्ला मचाकर सदन की कार्रवाई को बाधित करने का काम किया है.

पढ़ें: '4 साल पूरे होने तक 'नकारा, निकम्मी' सरकार जलसा मनाने लायक रहेगी या नहीं, यह तय नहीं'-गजेंद्र सिंह शेखावत

न्यायालय ने फोन टेपिंग की अनुमति नहीं दी: पिछले दिनों राजस्थान की सियासत में भूचाल लाने वाले फोन टेपिंग मामले में शेखावत ने सरकार को घेरा. उन्होंने कहा कि इस मामले में राज्य सरकार ने मेरे चरित्र हनन का प्रयास किया. एसीबी ने जो एफआईआर दर्ज की उसे लेकर 2021 में न्यायालय में एप्लीकेशन लगाई गई कि हमें गजेंद्र सिंह शेखावत की आवाज का नमूना लेने के लिए परमिशन दी जाए.

इसके बाद खबर फैलाई गई कि कोर्ट ने प​रमिशन दे दी है और गजेंद्र सिंह की मुश्किले बढ़ने वाली है. जबकि न्यायालय का फैसला था कि 'अभियोजन अपनी इतर मंशाओं की पूर्ति के लिए न्यायालय के कंधों का सहारा लेना चाहता है. किसी भी कानून के तहत यह परमिशन नहीं दी जा सकती. इसके बाद भी एक साल तक सीएम और उनके सिपहसालारों ने मंच से मैं भाग रहा हूं, कहकर मेरे चरित्र हनन करने का दुष्प्रयास किया. अब उसकी अपील एक साल बाद की गई, जिस पर अब भी न्यायालय ने फैसला नहीं किया है. वहीं संजीवनी क्रेडिट सोसायटी मामले में उन्होंने कहा कि एसओजी ने जांच कर चार्जशीट फाइल की है. मुझ पर अगर कहीं चार्ज उल्लेखित हों, तो पुलिस मुझे गिरफ्तार करे.

पढ़ें: मोदी के मंत्री ने Indian Air Force Day 2022 पर लगाई पाक विमान की तस्वीर

90 प्रतिशत केंद्रीय फंड का रास्ता साफ: वहीं शेखावत ने इआरसीपी को लेकर कहा कि केंद्र सरकार ने इस मामले में फैसला लिया है कि अब प्रोजेक्ट के लिए 90 फीसदी फंड केंद्र सरकार वहन करेगी. राज्य सरकार को 10 फीसदी फंड खर्च करना होगा. उन्होंने कहा कि इसके लिए राज्य को भी थोड़े बदलाव करने होंगे. इसी के तहत काम आगे बढ़ पाएगा. शेखावत ने कहा कि अब इस प्रोजेक्ट को रिवर इन्टरलिंकिंग में शामिल किया गया है. चम्बल-पार्वती-कालीसिंध लिंक से जोड़ने का एलान हुआ है. शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को नेशनल पर्सपेक्टिव प्लान में शामिल किया है. प्रायोरिटी लिंक में भी प्राथमिकता की गई है. राज्य सरकार ने 50 फीसदी डिपेन्डेबिलिटी पर प्रोजेक्ट भेजा है, अगर राज्य सरकार 75 फीसदी पर राजी हुई, तो ERCP का 90 फीसदी पैसा केन्द्र सरकार देगी. बता दें कि पहले भी 50 और 75 फीसदी को लेकर विवाद चलता रहा है.

राहुल की महिला शक्ति के वीडियो सामने हैं: मंत्री ने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में महिला सशक्तिकरण के संदेश को लेकर भी कहा कि सोमवार को किस तरह से राहुल गांधी की यात्रा में महिलाओं को जोड़ा गया, यह सबके सामने है. उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को अधिकार है कि वह यात्रा निकाले. इस यात्रा को लेकर कोई सवाल नहीं करूंगा, लेकिन उनसे यह जरूर कहना चाहूंगा कि जिस तरह से उनकी यात्रा में शामिल करने के लिए महिलाओं को जोड़ा गया था, उसके बाद उन महिलाओं को वहीं छोड़ दिया गया. उनको घर तक पहुंचाने की व्यवस्था भी नहीं की. यह महिला सशक्तिकरण की पहचान प्रदेश की सरकार की है और राहुल गांधी की भी.

Last Updated : Dec 13, 2022, 8:52 PM IST
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