जयपुर. प्रदेश के बिजली उपभोक्ताओं पर सिक्योरिटी राशि की वसूली के बाद अब फ्यूल सरचार्ज (Fuel Surcharge In Rajasthan) के नाम पर 7 पैसे प्रति यूनिट तक की वसूली का करंट डिस्कॉम देने वाला है. संभवता अगले महीने से होने वाली बिलिंग में इसकी वसूली शुरू होगी जिसका सीधा असर प्रदेश के 1 करोड़ 47 लाख बिजली उपभोक्ताओं पर पड़ेगा. अगले 5 साल तक इस फ्यूल सरचार्ज के जरिए डिस्कॉम उपभोक्ताओं से 7,438 करोड रुपए की वसूली करेगा. अब बीजेपी ने इसी मामले को सदन में सरकार को घेरने की रणनीति बनाई (BJP criticize Gehlot Government) है.
दरअसल अडाणी पावर के चर्चित कोयला भुगतान मामले में बिजली वितरण कंपनियां अब उपभोक्ताओं से 5 साल तक 7 पैसे प्रति यूनिट की दर से वसूली करेगी. इस वसूली में 4,390 करोड़ रुपए तो केवल ब्याज के ही हैं. हाल ही में राज्य विद्युत नियामक आयोग ने डिस्कॉम की याचिका पर यह आदेश दिया है. यहां आपको बता दें कि डिस्कॉम और अडाणी पावर के बीच बिजली खरीद का अनुबंध है कंपनी ने प्रदेश के कव्वाली में 1320 मेगा वाट का बिजली उत्पादन प्लांट लगाया हुआ है यहां से डिस्कम्स को आपूर्ति की जा रही है.
कंपनी ने बिजली उत्पादन के लिए पिछले दिनों इंडोनेशिया से कोयला मंगवाया था. जिसके लिए अतिरिक्त भुगतान भी किया और फिर ये अतिरिक्त भुगतान की राशि डिस्कॉम से मांगी गई. डिस्कॉम ने इससे ये कहते हुए इनकार कर दिया कि अनुबंध में स्थिति राशि का भुगतान का कोई प्रावधान नहीं है. इसके खिलाफ कंपनी विनियामक आयोग और उच्च न्यायालय होते हुए सुप्रीम कोर्ट तक भी पहुंची थी.
डिस्कॉम ने करोड़ों की वसूली फ्यूल सरचार्ज समायोजन के रूप में करने के लिए पिछले दिनों याचिका दायर की थी. इस प्रक्रिया में बिजली उपभोक्ताओं की आपत्ति और सुझाव लेने की आवश्यकता नहीं होती. दूसरी तरफ टैरिफ के रूप में राशि बढ़ाने के प्रस्ताव होता है तब बिजली उपभोक्ताओं की आपत्ति सुनना नियम अनुसार जरूरी होता है मतलब फ्यूल सरचार्ज का रास्ता अपनाकर डिस्कॉम ने आपत्तियों से बचाव कर लिया.
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इससे पहले डिस्कॉम ने 2884.77 करोड़ रुपए का बोझ जनता पर डाला. तब ये राशि 5 पैसे प्रति यूनिट के आधार पर 3 साल तक लोगों के बिजली के बिलों के जरिए वसूली गई थी और अब एक नया भार डिस्कॉम ने उपभोक्ताओं पर डाल दिया है. अब इस बारे में ऊर्जा विभाग और डिस्कॉम से जुड़े अधिकारी बात करने से बच रहे हैं.
भाजपा ने लिया अडाणी का नाम: भाजपा ने प्रदेश सरकार की नीयत पर सवाल उठाए हैं. साथ ही इसे अडाणी की फर्म को Oblige करने की नीति करार दिया है. प्रतिपक्ष के उपनेता राजेंद्र राठौड़ (rajendra Rathore On Fuel Surcharge) का कहना है कि प्रदेश सरकार ने बिजली के बिलों में बढ़ोतरी न करने का वादा किया था लेकिन पहले फ्यूल टैक्स के नाम पर 24 पैसे प्रति यूनिट बढ़ा दिया फिर अडानी को भुगतान के लिए जनता पर सरचार्ज का भार डाला गया. उन्होंने कहा- इस बार तो अडानी को उपकृत करने के लिए जो अतिरिक्त भार बिजली उपभोक्ताओं पर डाला जा रहा है उसकी जितनी निंदा की जाए कम है. ये मामला जनता को परेशान करने वाला है. ऐसे में सरकार स्वयं इस भार को वहन करे वरना आगामी विधानसभा सत्र में इस मामले में सरकार को सदन में घेरा जाएगा.