जोधपुर. प्रदेश सहित शहर में सर्दी का असर देखने को मिल रहा है. लोग ने सर्दी से बचने के लिए इंतजाम करना शुरू कर दिया है. ठीक इसी तरह से जोधपुर शहर का मचिया बायोलॉजिकल पार्क जहां सैकड़ों जीव-जंतु रहते हैं और इनको सर्दी से बचाने के लिए वन विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है. इस पार्क के सभी पिंजरों के बाहर की तरफ वन विभाग द्वारा टाट के पर्दे लगाए गए हैं. ये पर्दे बाहर से आने वाली ठंडी हवाओं को पिंजरों तक पहुंचने से रोकते हैं.
इसके अलावा पिंजरों के अंदर जमीन पर घास लगी चादर भी बिछाई गई है. जमीन पर बिछी यह घास जानवरों को गर्मी देती है और जानवार आराम से सोते हैं. सहायक वन सरंक्षक केके व्यास ने मुताबिक, सर्दी को देखते हुए विभाग द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए गए हैं और समय समय पर उनकी जांच भी की जा रही है. सभी जानवरों के पिंजरों के बाहर 2-2 कर्मचारियों को तैनात किया गया है जो उनका ध्यान रखते है और जरूरत के अनुसार जो भी कमी हो उसको पूरा करने के लिए अधिकारियों को बताते हैं.
सहायक वन सरंक्षक ने बताया कि कोरोना को देखते हुए भी जानवरों का ध्यान रखा जा रहा है. हालांकि, अभी मचिया बायोलॉजिकल पार्क में दर्शक कम आ रहे हैं, लेकिन फिर भी सभी को सेनेटाइज कर के ही प्रवेश दिया जा रहा है. ऐसा कोरोना वायरस को के संक्रमण को देखते हुए किया जा रहा है.
जीव जंतुओं के लिए लगाए गए हीटर...
क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक पंवार ने बताया कि माचिया बायोलॉजिकल पार्क में कुछ जीव-जंतु ऐसे हैं जिन्हें सर्दी सहन नहीं होती है जैसे कि खरगोश, लायन, टाइगर, पेंथर, बत्तख इनके लिए अलग से व्यवस्था की गई है. इन सभी के पिंजरों में अलग से गर्म हीटर लगाए गए हैं जिससे कि यह लोग सर्दी की चपेट में ना आए और स्वस्थ रहें. साथ ही अन्य जीव-जंतु जैसे चिंकारा हिरण, ब्लैक बक, अजगर जैसे जंतुओं के पिंजरों के बाहर की तरफ टॉप लगाई गई है जिससे कि ठंडी हवाओं से यह सर्दी की चपेट में ना सके.
डॉक्टर्स कर रहे नियमित जांच...
यहां रहने वाले सभी जीव-जंतुओं की देखभाल और जांच करने वाले डॉक्टर ज्ञान प्रकाश कहते हैं कि समय-समय पर सभी जानवरों का हेल्थ चेकअप भी किए जा रहे हैं. किसी प्रकार की कोई बीमारी ना आए साथ ही कोरोना को देखते हुए सभी जानवरों का विशेष रूप से ध्यान रखा जा रहा है. बायोलॉजिकल पार्क के डॉक्टर ज्ञान प्रकाश आगे करते हैं कि अगर कोई भी जानवर बीमार होता है तो उसे माचिया बायोलॉजिकल पार्क के पास ही बने रेस्क्यू सेंटर में ले जाकर उसका इलाज किया जाता है. ठीक होने पर उसे पुनः पार्क में शिफ्ट किया जाता है.
जानवरों की बढ़ाई जारही है इम्यूनिटी...
क्षेत्रीय वन अधिकारी अशोक पंवार कहते हैं कि हर साल की तरह इस वर्ष भी सर्दी आते ही सभी जानवरों के खाने में बदलाव किया गया है. सर्दी से बचने सहित अन्य बीमारियों से बचने के लिए और जानवरों के शरीर में रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी बनी रहे इसको ध्यान में रखते हुए जानवरों के खाने में लहसुन की मात्रा बढ़ा दी गई है. साथी कुछ जानवरों के डाइट में भी बढ़ोतरी की गई है. जीव-जंतुओं को सर्दी सहित अन्य बीमारियों की चपेट में ना आए इक्को ध्यान में रखते हुए हल्दी पाउडर को भी खाने में मिलाया जाता है.
ये भी पढ़ें: Jaipur Special: आपके खरीदे हुए सोने-चांदी के आभूषण कितने शुद्ध हैं ? इन आसान तरीकों से करें पहचान
ये भी पढ़ें: स्पेशल: डेढ़ साल में बनने वाले फ्लाईओवर में तीन साल बाद भी काम पूरा नहीं, जनता परेशान
कोरोना वायरस के दौरान प्रदेश के बाकी जगह की तरह माचिया बायोलॉजिकल पार्क में भी पर्यटकों की कमी देखी जा रही है. पर्यटकों के ज्यादा नहीं आने की वजह से माचिया बायोलॉजिकल पार्क के रेवेन्यू में कभी दर्ज की गई है, लेकिन इसका असर यहां रहने वाले जानवरों को नहीं पड़ने दिया जा रहा है. पार्क प्रशासन पूरी तरह से इसका ध्यान रख रहा है. यहां जीव-जतुंओं को सभी तरह की सुविधाएं दी जा रही है साथ ही उनके स्वथ्य का भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है.