जयपुर.राजस्थान विश्वविद्यालय में पहली बार अंडर ग्रेजुएशन कोर्सेज में सेमेस्टर सिस्टम के तहत परीक्षाएं होंगी, जिसमें करीब 80 हजार रेगुलर और 65 हजार से 70 हजार नॉन कॉलेजिएट छात्र भाग लेंगे. विश्वविद्यालय के संघटक और सम्बद्ध कॉलेजों में दिसंबर के अंत में या जनवरी के पहले सप्ताह में पहले सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होंगी.
राजस्थान विश्वविद्यालय का शेड्यूल नई एजुकेशन पॉलिसी के प्रावधानों के तहत करीब एक महीना देरी से चल रहा है. विश्वविद्यालय प्रशासन का दावा है कि सेकंड सेमेस्टर की परीक्षाएं एनईपी के प्रावधानों के तहत ही होंगी. राजस्थान विश्वविद्यालय में राज्यपाल और सरकार की ओर से मिले निर्देशों के तहत इस सत्र में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू करनी थी,जिसके प्रयास मई महीने से ही शुरू कर दिए गए थे.
सेमेस्टर सिस्टम के तहत होंगे एग्जाम: राजस्थान विश्वविद्यालय में नेशनल एजुकेशन पॉलिसी के नोडल अधिकारी प्रो जीपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय कुलपति की ओर से कमेटी बनाई गई थी. इसके बाद एक ड्राफ्ट तैयार किया गया और अगस्त में एनईपी की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. इसके साथ ही विश्वविद्यालय से जुड़े संघटक और संबद्ध कॉलेजों में ये मैसेज भी प्रसारित किया कि इस बार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी लागू हो रही है. नई कुलपति प्रो अल्पना कटेजा ने इसे प्राथमिकता पर लिया और एक ओरिएंटेशन प्रोग्राम करते हुए सभी एफिलिएटिड कॉलेज और कांस्टीट्यूएंट कॉलेज के प्राचार्य और अध्यक्ष को बुलाकर एनईपी के बारे में जानकारी दी गई जिससे ये विषय सभी जगह सर्कुलेट हो गया और फिर नई एजुकेशन पॉलिसी के तहत ही सिलेबस तैयार करते हुए इसे इंप्लीमेंट किया गया.
दिसंबर एंड या फिर जनवरी फर्स्ट वीक में एग्जाम: नेशनल एजुकेशन पॉलिसी में 1 दिसंबर से 15 दिसंबर तक पहले सेमेस्टर का एग्जाम होने का प्रावधान है. इसके बाद 16 दिसंबर से 31 दिसंबर तक अवकाश और फिर 1 जनवरी से सेकेंड सेमेस्टर शुरू होकर, उसकी कक्षाएं 30 अप्रैल तक होने और फिर सेकेंड सेमेस्टर की परीक्षाएं 1 मई से 15 मई तक कराकर डेढ़ महीने के हॉलीडेज का प्रावधान है. इसे लेकर प्रो जीपी सिंह ने कहा कि राजस्थान विश्वविद्यालय के संघटक और संबद्ध कॉलेजों में पहली बार नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 लागू हो रही है इसलिए कुछ देरी हुई है. हालांकि विश्वविद्यालय प्रशासन का प्रयास है कि दिसंबर एंड या जनवरी के पहले सप्ताह में परीक्षाएं करा दें और एग्जाम बाद की छुट्टियों को कम करते हुए अगला सेमेस्टर शुरू कर उसकी परीक्षाएं समय पर कराई जाए ताकि अगला सेमेस्टर समय पर चालू हो सके.
उन्होंने बताया कि राजस्थान विश्वविद्यालय में लगभग 80 हजार रेगुलर छात्र हैं और लगभग 65 हजार से 70 हजार नॉन कॉलेजिएट स्टूडेंट होते हैं जिनके एग्जाम की व्यवस्था की जानी है. उन्होंने ये भी स्पष्ट किया कि रेगुलर स्टूडेंट के पहले सेमेस्टर के एग्जाम दिसंबर और दूसरे सेमेस्टर के मई में होने हैं, जबकि नॉन कॉलेजिएट के लिए परीक्षा पैटर्न में थोड़ी अलग व्यवस्था की गई है. इनमें कुछ सब्जेक्ट ऐसे हैं जिसमें दोनों सेमेस्टर के एग्जाम मई में एक साथ कराने का प्रयास किया है. इसके अलावा नॉन कॉलेजिएट के मिड टर्म एग्जाम भी नहीं होते, इसलिए उनके कंटिन्यू असेसमेंट प्रोग्राम नहीं होंगे. ऐसे में उनके मिड टर्म एग्जाम के मार्क्स मुख्य परीक्षा में ही जोड़े जाएंगे.