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खुशखबरीः गहलोत सरकार ने कर्जमाफी के लिए सहकारिता विभाग को जारी किए 1150 करोड़ रुपए

राजस्थान सरकार ने वित्त विभाग द्वारा बैंक गारंटी देने और सहकारिता विभाग को ऋण माफी के लिए एक किश्त के रूप में 11 सौ 50 करोड़ रुपए जारी करने पर सहमति व्यक्त की है.

वित्त विभाग की पहल, Initiative of Finance Department
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Published : Aug 23, 2019, 9:35 PM IST

जयपुर. प्रदेश में एक दिन पहले आधा दर्जन जिला कलेक्टरों द्वारा खरीफ फसलों के लिए कृषि ऋण के बजट की कमी पर चिंता जताई गई थी. जिस पर प्रदेश के वित्त विभाग ने बैंक गारंटी देने और सहकारिता विभाग को ऋण माफी के लिए एक किश्त के रूप में 11 सौ 50 करोड़ रुपए जारी करने पर सहमति व्यक्त की है.

वित्त विभाग द्वारा बैंकों को मिलेगा 11 सौ 50 करोड़ रुपए

दरअसल, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के ऋण माफ करने के बाद केंद्रीय और राज्य सहकारी बैंकों की स्थिति खराब हो गई है. वहीं सहकारी बैंक अपने पुराने ऋण चुकाने और किसानों को नए ऋण देने की स्थिति में नहीं है. साथ ही नाबार्ड ने अपने नियमों के चलते इस साल रिफाइनेंस करने पर रोक लगा दी है. नाबार्ड के नियमों के अनुसार पिछले साल के 5 हजार करोड़ रुपए के लोन जब तक बैंक को नहीं दिए जाएंगे तब तक इन्हें नाबार्ड रिफाइनेंस नहीं करेगा.

पढ़ें- राजस्थान में थमा बारिश का दौर, कई इलाके रह गए बिन पानी के

अब राज्य सरकार ने यह तय किया है कि 5 हजार करोड़ रुपए की गारंटी बैंक को देगी. जिससे कि सहकारी बैंकों को ऋण मिल सके. राज्य सरकार को अभी तक 17.30 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 88 लाख किसानों को सौ करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया है. अभी भी बैंकों को खरीफ ऋण के वितरण के लिए करीब 8 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है. ऐसे में अगर नाबार्ड से इन बैंकों को रिफाइनेंस करवाने के लिए बैंकों को 5 हजार करोड़ का लक्ष्य पूरा करना होगा. जिसके बाद फिर से बैंकों को नाबार्ड से फ्री फाइनेंस हो पाए. इस बार राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के लिए 10 हजार करोड़ वितरण का लक्ष्य रखा हुआ है.

जयपुर. प्रदेश में एक दिन पहले आधा दर्जन जिला कलेक्टरों द्वारा खरीफ फसलों के लिए कृषि ऋण के बजट की कमी पर चिंता जताई गई थी. जिस पर प्रदेश के वित्त विभाग ने बैंक गारंटी देने और सहकारिता विभाग को ऋण माफी के लिए एक किश्त के रूप में 11 सौ 50 करोड़ रुपए जारी करने पर सहमति व्यक्त की है.

वित्त विभाग द्वारा बैंकों को मिलेगा 11 सौ 50 करोड़ रुपए

दरअसल, राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के ऋण माफ करने के बाद केंद्रीय और राज्य सहकारी बैंकों की स्थिति खराब हो गई है. वहीं सहकारी बैंक अपने पुराने ऋण चुकाने और किसानों को नए ऋण देने की स्थिति में नहीं है. साथ ही नाबार्ड ने अपने नियमों के चलते इस साल रिफाइनेंस करने पर रोक लगा दी है. नाबार्ड के नियमों के अनुसार पिछले साल के 5 हजार करोड़ रुपए के लोन जब तक बैंक को नहीं दिए जाएंगे तब तक इन्हें नाबार्ड रिफाइनेंस नहीं करेगा.

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अब राज्य सरकार ने यह तय किया है कि 5 हजार करोड़ रुपए की गारंटी बैंक को देगी. जिससे कि सहकारी बैंकों को ऋण मिल सके. राज्य सरकार को अभी तक 17.30 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं. जिनमें से 88 लाख किसानों को सौ करोड़ रुपए का ऋण वितरित किया गया है. अभी भी बैंकों को खरीफ ऋण के वितरण के लिए करीब 8 हजार करोड़ रुपए की आवश्यकता है. ऐसे में अगर नाबार्ड से इन बैंकों को रिफाइनेंस करवाने के लिए बैंकों को 5 हजार करोड़ का लक्ष्य पूरा करना होगा. जिसके बाद फिर से बैंकों को नाबार्ड से फ्री फाइनेंस हो पाए. इस बार राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के लिए 10 हजार करोड़ वितरण का लक्ष्य रखा हुआ है.

Intro:राजस्थान सरकार के सामने आया खरीद का ऋण माफी का संकट कोऑपरेटिव बैंकों के पास नहीं है फंड कल ही कलेक्टरों ने जाहिर की थी मुख्य सचिव के सामने चिंता अगर ऋण नहीं वितरित हुआ समय पर तो हो सकती है लॉयन ऑर्डर की समस्या ऐसे में अब वित्त विभाग के जरिए राज्य सरकार बैंकों को देगी 11 50 करोड़ रुपए तो वही करोड की देगी सरकार बैंक गारंटी अब तक सरकार को मिले 17:30 लाख से ज्यादा खरीफ फसल के लोन के आवेदन इनमें से 880000 किसानों को दिया जा चुका है तेरी सौ करोड़ रुपए का फसली ऋण सरकार की मंशा इस बार 10,000 करोड़ का खरीफ में फसली ऋण देने की


Body:प्रदेश में 1 दिन पहले आधा दर्जन जिला कलेक्टरों द्वारा खरीफ फसलों के लिए कृषि ऋण के लिए बजट की कमी पर चिंता जताई जाने के एक दिन बाद प्रदेश के वित्त विभाग ने बैंक गारंटी देने और सहकारिता विभाग को ऋण माफी के लिए एक किस्त के रूप में 11 सो 50 करोड़ रुपए जारी करने पर सहमति व्यक्त की है दरअसल राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के किसानों के ऋण माफ करने के बाद केंद्रीय और राज्य सहकारी बैंकों की गणित खराब हो गई है एक हद तक अभी सहकारी बैंक अपने पुराने ऋण चुकाने और किसानों को नए ऋण देने की स्थिति में नहीं है वही नाबार्ड ने अपने नियमों के चलते इस साल रिफाइनेंस करने पर रोक लगा दी है नाबार्ड के नियमों के अनुसार पिछले साल के 5000 करोड़ रुपए के लोन जब तक यह बैंक के बांट नहीं देती है तब तक इन्हें नाबार्ड रिफाइनेंस नहीं करेगा अब राज्य सरकार ने यह तय किया है की हो 5000 करोड रुपए की बैंक गारंटी देगी जिससे कि सहकारी बैंकों को ऋण मिल सके राज्य सरकार को अभी तक 17:30 लाख से अधिक ऋण आवेदन प्राप्त हुए हैं जिनमें से 880000 किसानों को टीवी 100 करोड रुपए का ऋण वितरित किया गया है अभी भी बैंकों को खरीफ ऋण के वितरण के लिए करीब 8000 करोड रुपए की आवश्यकता है ऐसे में अगर नाबार्ड से इन बैंकों को रिफाइनेंस करवाना है तो साल के 5000 करोड़ रुपए का दिन का लक्ष्य बैंकों को पूरा करना होगा इसके बाद में फिर से बैंकों को नाबार्ड से फ्री फाइनेंस हो जाएगा इस बार राज्य सरकार ने खरीफ फसलों के लिए 10,000 करोड़ वितरण का लक्ष्य रखा हुआ है
पीटीसी अजीत


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