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शिक्षा मंत्री मदन दिलावर बोले- केवल भवन पर नाम लिख देने से विद्यालय नहीं बन जाता - एसआईटी का गठन

शिक्षा विभाग का दायित्व संभालने के साथ ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने कहा, ''केवल भवन पर नाम लिख देने से वो विद्यालय नहीं हो जाता, जब तक उसमें पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षक न हो.'' साथ ही उन्होंने छात्रों को क्वालिटी एजुकेशन देने की भी बात कही.

Rajasthan Education Minister Madan Dilawar
Rajasthan Education Minister Madan Dilawar
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 6, 2024, 4:23 PM IST

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से खास बातचीत

जयपुर. केवल भवन पर नाम लिख देने से वो विद्यालय नहीं हो जाता, जब तक उसमें पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षक न हो. शिक्षा विभाग का दायित्व संभालने के साथ ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में खोले गए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर सवाल उठाते हुए ये बात कही. साथ ही उन्होंने छात्रों को संस्कारों को समाहित करने वाली क्वालिटी एजुकेशन देने की भी बात कही.

क्वालिटी एजुकेशन पर होगा हमारा ध्यान : प्रदेश के शिक्षा महकमे को मदन दिलावर के रूप में उसका नया मुखिया मिल गया. शनिवार को विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक चर्चा के दौरान उन्होंने विभाग की बारीकियां को समझने की कोशिश की. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षा मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने की बात कहते हुए कहा, ''शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा देने का काम करता है. इसलिए बच्चों का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है और संस्कारों को समाहित करने वाली क्वालिटी एजुकेशन देने पर विभाग का ध्यान रहेगा.''

इसे भी पढ़ें - SPECIAL : प्रदेश में सरकारी स्कूलों के बच्चों को विदेशी भाषाएं सिखाने की तैयारी, सरकार तक पहुंचा प्रस्ताव

पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों की होगी समीक्षा : आगे उन्होंने कहा, ''पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों पर समीक्षा की जाएगी, जो काम अच्छे थे, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा और जिससे बच्चों को हानि हो रही होगी, उन पर पुनर्विचार किया जाएगा.'' हालांकि, अच्छे और हानिकारक फैसलों के सवाल पर उन्होंने कहा, ''अभी विभाग संभाला है. सिर्फ अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक हुई है. इन विषयों पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई है. थोड़ा अध्ययन करने के बाद इस पर ज्यादा कुछ कह पाएंगे.''

नए स्कूल खोलना कोई बुरी बात नहीं : हालांकि, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को लेकर उन्होंने अपना पक्ष जरूर रखा. उन्होंने कहा, ''नए स्कूल खोलना कोई बुरी बात नहीं थी, लेकिन उससे पहले उन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करना बहुत जरूरी था. केवल भवन पर नाम लिख देने से वो विद्यालय नहीं हो जाता, जब तक उसमें पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षक न हो.'' वहीं, ट्रांसफर पॉलिसी और शिक्षकों के ट्रांसफर्स को लेकर दिलावर ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भी दिशा निर्देश दिए हैं, उसकी अक्षरशः पालना की जाएगी. जहां तक सवाल प्राथमिकताओं का है तो अभी विभाग को समझ रहे हैं, लेकिन स्कूली छात्रों की शिक्षा और स्कूलों में स्वच्छता प्राथमिकता में रहेगा.''

इसे भी पढ़ें - शिक्षक ने शिक्षा विभाग के निदेशक पर लगाए गंभीर आरोप, सरकार से SOG जांच की मांग

अधिकारियों संग की चर्चा : इससे पहले अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सिलेबस में किए गए बदलाव पर रिव्यू करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा, ''अगर दो और दो को पांच पढ़ाया जा रहा है तो वो पूरी तरह गलत है, जो घटनाएं घटित ही नहीं हुई यदि वो पढ़ाया जा रहा है तो बदलाव बेहद जरूरी है.'' वहीं, कांग्रेस शासन में हुए पेपर लीक के मसलों पर उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है, जो तथ्य एसआईटी की जांच में सामने आएंगे उसके हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी.''

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर से खास बातचीत

जयपुर. केवल भवन पर नाम लिख देने से वो विद्यालय नहीं हो जाता, जब तक उसमें पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षक न हो. शिक्षा विभाग का दायित्व संभालने के साथ ही शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के शासनकाल में खोले गए महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूलों पर सवाल उठाते हुए ये बात कही. साथ ही उन्होंने छात्रों को संस्कारों को समाहित करने वाली क्वालिटी एजुकेशन देने की भी बात कही.

क्वालिटी एजुकेशन पर होगा हमारा ध्यान : प्रदेश के शिक्षा महकमे को मदन दिलावर के रूप में उसका नया मुखिया मिल गया. शनिवार को विभागीय अधिकारियों के साथ परिचयात्मक चर्चा के दौरान उन्होंने विभाग की बारीकियां को समझने की कोशिश की. इस दौरान ईटीवी भारत से खास बातचीत में शिक्षा मंत्री ने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार की योजनाओं की समीक्षा करने की बात कहते हुए कहा, ''शिक्षा विभाग छात्रों को शिक्षा देने का काम करता है. इसलिए बच्चों का हित सरकार के लिए सर्वोपरि है और संस्कारों को समाहित करने वाली क्वालिटी एजुकेशन देने पर विभाग का ध्यान रहेगा.''

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पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों की होगी समीक्षा : आगे उन्होंने कहा, ''पूर्ववर्ती सरकार के फैसलों पर समीक्षा की जाएगी, जो काम अच्छे थे, उन्हें आगे बढ़ाया जाएगा और जिससे बच्चों को हानि हो रही होगी, उन पर पुनर्विचार किया जाएगा.'' हालांकि, अच्छे और हानिकारक फैसलों के सवाल पर उन्होंने कहा, ''अभी विभाग संभाला है. सिर्फ अधिकारियों के साथ परिचयात्मक बैठक हुई है. इन विषयों पर ज्यादा चर्चा नहीं हुई है. थोड़ा अध्ययन करने के बाद इस पर ज्यादा कुछ कह पाएंगे.''

नए स्कूल खोलना कोई बुरी बात नहीं : हालांकि, महात्मा गांधी इंग्लिश मीडियम स्कूल को लेकर उन्होंने अपना पक्ष जरूर रखा. उन्होंने कहा, ''नए स्कूल खोलना कोई बुरी बात नहीं थी, लेकिन उससे पहले उन स्कूलों में शिक्षकों की व्यवस्था करना बहुत जरूरी था. केवल भवन पर नाम लिख देने से वो विद्यालय नहीं हो जाता, जब तक उसमें पढ़ाने वाले अच्छे शिक्षक न हो.'' वहीं, ट्रांसफर पॉलिसी और शिक्षकों के ट्रांसफर्स को लेकर दिलावर ने कहा, ''प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जो भी दिशा निर्देश दिए हैं, उसकी अक्षरशः पालना की जाएगी. जहां तक सवाल प्राथमिकताओं का है तो अभी विभाग को समझ रहे हैं, लेकिन स्कूली छात्रों की शिक्षा और स्कूलों में स्वच्छता प्राथमिकता में रहेगा.''

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अधिकारियों संग की चर्चा : इससे पहले अधिकारियों के साथ चर्चा के दौरान उन्होंने पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के समय सिलेबस में किए गए बदलाव पर रिव्यू करने की बात कही. साथ ही उन्होंने कहा, ''अगर दो और दो को पांच पढ़ाया जा रहा है तो वो पूरी तरह गलत है, जो घटनाएं घटित ही नहीं हुई यदि वो पढ़ाया जा रहा है तो बदलाव बेहद जरूरी है.'' वहीं, कांग्रेस शासन में हुए पेपर लीक के मसलों पर उन्होंने कहा, ''मुख्यमंत्री ने एसआईटी का गठन किया है, जो तथ्य एसआईटी की जांच में सामने आएंगे उसके हिसाब से आगे कार्रवाई की जाएगी.''

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