जयपुर. पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भाजपा नेताओं पर चुनाव जीतने के झूठ बोलने और देश को गुमराह करने का आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि इसकी कीमत हम सबको चुकानी पड़ेगी. आज देश के हालात बहुत गंभीर हैं. इसके साथ ही उन्होंने राजस्थान में मंत्रियों को विभाग का बंटवारा नहीं होने को लेकर भी भाजपा पर निशाना साधा. अशोक गहलोत शुक्रवार को दिल्ली से लौटने के बाद हवाई अड्डे पर मीडिया से बात कर रहे थे.
अशोक गहलोत बोले, चुनाव जीतने के लिए नेता अगर झूठ बोलने लगेंगे, तो क्या होगा. हमने अपनी हार विनम्रता के साथ स्वीकार की है. इनका (भाजपा का) जो फाउल खेलना था, ध्रुवीकरण करना था, हिंदू-मुसलमान की बात करना था, सनातन धर्म की बात करनी थी. ये पूरे देश को गुमराह कर रहे हैं. इसकी कीमत देश को ही चुकानी पड़ेगी. अगर हम समय पर नहीं संभले. जिसमें मीडिया की बहुत बड़ी भूमिका होती है. जो पूरी तरह असफल रहा है. ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई के डर से सही को सही या गलत को गलत कहने की हिम्मत खत्म हो गई है. देश में हालात बड़े गंभीर हैं.
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लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग पर चर्चा जल्द: लोकसभा चुनाव में सीट शेयरिंग के सवाल पर उन्होंने कहा कि कल हमारी (नेशनल अलायंस कमेटी) मीटिंग दिल्ली में कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ हुई है. हमने पहले राज्यों के साथ बैठकें की थी. हमने पहले चरण में अपने राज्यों के नेताओं से बातचीत कर ली थी. अब दूसरे चरण में वहां की INDIA गठबंधन की प्रमुख पार्टियों के साथ बातचीत शुरू हो रही है. यह मीटिंग सभवतः 7 से 9 जनवरी तक होगी. उम्मीद करते हैं कि बहुत स्मूदली सबके साथ सीट शेयरिंग का काम आगे बढ़ेगा.
विभागों के बंटवारे नहीं होने पर उठाए सवाल: अशोक गहलोत ने कहा कि यह मजाक बन रही है. जब भजनलाल शर्मा मुख्यमंत्री बने तो मैंने उन्हें शुभकामना दी थी. पहली बार विधायक बनना और मुख्यमंत्री बनना, यह उन्हें एक बहुत बड़ा अवसर मिला है. कम से कम उसी दृष्टिकोण से पार्टी हाईकमान को उनके साथ न्याय करना चाहिए. मुख्यमंत्री बनाना एक बात है. लेकिन जिस तरह से उनके साथ व्यवहार हो रहा है. हर चीज को आप रिमोट कंट्रोल से चला रहे हो.
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पीएम और गृहमंत्री के बिना पत्ता भी नहीं हिलता: अशोक गहलोत ने कहा कि चाहे मुख्य सचिव का मामला हो या डीजीपी का. डीजीपी (पूर्व डीजीपी उमेश मिश्रा) भले आदमी थे. उन्होंने वीआरएस ले लिया, वर्ना वो करीब 9 महीने और रहते. मंत्रिमंडल के गठन में 15 दिन लगा दिए. लेकिन अब 7 दिन होने के बाद भी मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. यह तो मजाक हो गई. यह अप क्या मैसेज देना चाहते हैं कि आपकी दादागिरी चले. यह भाजपा हाईकमान की दादागिरी है. प्रधानमंत्री और गृहमंत्री के बिना एक पत्ता भी नहीं हिलता है.
फोटो किसी की भी लगाओ, शासन तो शुरू करो: अशोक गहलोत ने कहा कि अब तक मंत्रियों को विभागों का बंटवारा नहीं हुआ है. जनता क्या सोच रही होगी. मंत्री कह रहे हैं कि जब तक विभाग नहीं मिलते, हम कमरों में जाते ही नहीं हैं. कोई मंत्री जा रहे हैं, तो खाली फोटो हटा रहे हैं. महात्मा गांधी की फोटो हटा दो, भीमराव अंबेडकर की फोटो हटा दो. गुरु गोलवलकर की फोटो लगा दो. कुछ भी करो लेकिन शासन तो शुरू करो. अभी तो मुख्यमंत्री को सीखने में भी समय लगेगा.