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द्रव्यवती नदी के किनारे हो रहा अतिक्रमण, मंत्री धारीवाल बोले- JDA अपना काम कर रहा है

शहरवासियों को सावन में अच्छी बारिश की अपेक्षा है और अपेक्षा है कि इस बारिश से द्रव्यवती नदी में भी पानी का बहाव बढ़ेगा. लेकिन जेडीए प्रशासन की उदासीनता के चलते अब तक अंबाबाड़ी, हसनपुरा और गुर्जर की थड़ी क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं. ऐसे में द्रव्यवती नदी के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण के चलते सावन में पानी की आवक कैसे होगी, ये बड़ा सवाल है.

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Published : Jul 16, 2019, 9:04 PM IST

द्रव्यवती नदी के किनारे अतिक्रमण

जयपुर. राजधानी के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल 'द्रव्यवती' का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है. आलम ये है कि द्रव्यवती नदी के सहारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं. बावजूद इसके जयपुर विकास प्राधिकरण इन अतिक्रमण को हटाने को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए है.

द्रव्यवती नदी के किनारे अतिक्रमण

द्रव्यवती नदी के किनारों पर चौमूं पुलिया के पीछे अंबाबाड़ी के हिस्से में, गुर्जर थड़ी से लगते हुए इलाके और हसनपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण पसरा हुआ है. लेकिन सूबे के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल महज हसनपुरा क्षेत्र में मौजूद अतिक्रमण से वाकिफ हैं. हालांकि, मंगलवार को उन्होंने सवाल को टालने की कोशिश करते हुए कहा कि जेडीए अपना काम कर रहा है.

उधर, जेडीए प्रवर्तन दस्ते के मुख्य नियंत्रक रघुवीर सैनी ने माना कि द्रव्यवती के किनारों पर अतिक्रमण पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जोन 2 और जोन 5 को लिखा हुआ है. वहां से परफॉर्मा रिपोर्ट प्राप्त होते ही प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. बहरहाल, द्रव्यवती नदी का तकरीबन 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जेडीए प्रशासन दावा कर रहा है कि बचा हुआ काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन फिलहाल जेडीए के सामने सबसे बड़ी चुनौती द्रव्यवती नदी के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की है.

जयपुर. राजधानी के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल 'द्रव्यवती' का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है. आलम ये है कि द्रव्यवती नदी के सहारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें भी लगातार मिल रही हैं. बावजूद इसके जयपुर विकास प्राधिकरण इन अतिक्रमण को हटाने को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए है.

द्रव्यवती नदी के किनारे अतिक्रमण

द्रव्यवती नदी के किनारों पर चौमूं पुलिया के पीछे अंबाबाड़ी के हिस्से में, गुर्जर थड़ी से लगते हुए इलाके और हसनपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण पसरा हुआ है. लेकिन सूबे के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल महज हसनपुरा क्षेत्र में मौजूद अतिक्रमण से वाकिफ हैं. हालांकि, मंगलवार को उन्होंने सवाल को टालने की कोशिश करते हुए कहा कि जेडीए अपना काम कर रहा है.

उधर, जेडीए प्रवर्तन दस्ते के मुख्य नियंत्रक रघुवीर सैनी ने माना कि द्रव्यवती के किनारों पर अतिक्रमण पसरा हुआ है. उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जोन 2 और जोन 5 को लिखा हुआ है. वहां से परफॉर्मा रिपोर्ट प्राप्त होते ही प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी. बहरहाल, द्रव्यवती नदी का तकरीबन 85 फीसदी काम पूरा हो चुका है. जेडीए प्रशासन दावा कर रहा है कि बचा हुआ काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा. लेकिन फिलहाल जेडीए के सामने सबसे बड़ी चुनौती द्रव्यवती नदी के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की है.

Intro:जयपुर - शहर वासियों को सावन में अच्छी बारिश की अपेक्षा है। और अपेक्षा है कि इस बारिश से द्रव्यवती नदी में भी पानी का बहाव बढ़ेगा। लेकिन जेडीए प्रशासन की उदासीनता के चलते अब तक अंबाबाड़ी, हसनपुरा और गुर्जर की थड़ी क्षेत्र से अतिक्रमण नहीं हटाए गए हैं। ऐसे में द्रव्यवती के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण के चलते सावन में कैसे होगी द्रव्यवती में पानी की आवक।


Body:राजधानी के बड़े प्रोजेक्ट में शामिल द्रव्यवती का काम धीमी रफ्तार से चल रहा है। आलम ये है कि द्रव्यवती नदी के सहारे सरकारी भूमि पर अतिक्रमण की शिकायतें भी लगातार मिल रही है। बावजूद इसके जयपुर विकास प्राधिकरण इन अतिक्रमण को हटाने को लेकर उदासीन रवैया अपनाए हुए हैं। द्रव्यवती नदी के किनारों पर चौमू पुलिया के पीछे अंबाबाड़ी के हिस्से में, गुर्जर थड़ी से लगते हुए इलाके और हसनपुरा क्षेत्र में अतिक्रमण पसरा हुआ है। लेकिन सूबे के यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल महज हसनपुरा क्षेत्र में मौजूद अतिक्रमण से वाकिफ है। हालांकि उन्होंने सवाल को टालने की कोशिश करते हुए कहा कि जेडीए अपना काम कर रहा है।
बाईट - शांति धारीवाल, यूडीएच मंत्री

उधर, जेडीए प्रवर्तन दस्ते के मुख्य नियंत्रक रघुवीर सैनी ने माना कि द्रव्यवती के किनारों पर अतिक्रमण पसरा हुआ है। उन्होंने बताया कि इस संदर्भ में जोन 2 और जोन 5 को लिखा हुआ है। वहां से परफॉर्मा रिपोर्ट प्राप्त होते ही, प्रभावी कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
बाईट - रघुवीर सैनी, मुख्य नियंत्रक प्रवर्तन


Conclusion:बहरहाल, द्रव्यवती नदी का तकरीबन 85 फ़ीसदी काम पूरा हो चुका है। जेडीए प्रशासन दावा कर रहा है कि बचा हुआ काम भी जल्द पूरा कर लिया जाएगा। लेकिन फिलहाल जेडीए के सामने सबसे बड़ी चुनौती द्रव्यवती नदी के किनारों पर हो रहे अतिक्रमण को हटाने की है।
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