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कर्मचारी संघ का सीजे को पत्र: एफआईआर दर्ज करना कानूनी प्रक्रिया, अन्य मांगों पर नहीं हुआ निर्णय

न्यायिक अधिकारी के घर कोर्ट कर्मचारी की जलने से हुई मौत के बाद सामूहिक (Employees Union wrote To CJ) अवकाश पर चल रहे कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए हाईकोर्ट प्रशासन ने जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखा है. इस पर कर्मचारी संघ ने भी सीजे को पत्र लिखकर मांगों पर सहानुभूति विचार करने के लिए कहा है.

कर्मचारी संघ का सीजे को पत्र
कर्मचारी संघ का सीजे को पत्र
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Published : Dec 13, 2022, 8:46 PM IST

जयपुर. न्यायिक अधिकारी के घर कोर्ट कर्मचारी की जलने से हुई मौत के मामले में सामूहिक (Self immolation at Judge residence) अवकाश खत्म नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हाईकोर्ट प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखा है. इसके बाद अब कर्मचारी संघ ने सीजे को पत्र भेजा है.

राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की ओर से सीजे को भेजे पत्र में कहा गया है कि किसी भी गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज होना एक कानूनी प्रक्रिया है. वह भी घटना के करीब 28 दिनों के बाद दर्ज हुई है, जो कि अत्यंत ही खेदजनक है. इसके अलावा न्यायिक कर्मचारियों की ओर से आश्रित परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा, एक आश्रित को सरकारी नौकरी की मांग की जा रही है. साथ ही बस्ता प्रथा की आड़ में कराई जाने वाली बेगारी खत्म करने सहित अन्य मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश लेकर सत्याग्रह किया जा रहा है.

पढ़ें. जज के घर में कर्मचारी ने किया आत्मदाह

इसके बावजूद भी अब तक इन मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्रार जनरल की ओर से कर्मचारियों की संवैधानिक मांगों को कुचलने के आशय से जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. संघ की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि आरजी के इस पत्र को लेकर कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है. इसके अलावा हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अब तक कर्मचारी संगठन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है. ऐसे में उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए.

पढ़ें. न्यायिक अधिकारी के घर आत्मदाह का मामला, सामूहिक अवकाश पर रहे अधीनस्थ अदालतों के कर्मचारी...कामकाज ठप

दूसरी ओर रजिस्ट्रार जनरल की ओर से प्रदेश के सभी डीजे को दिए निर्देश के बाद निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारियों ने कार्यालय आदेश जारी कर कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटकर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी डीजे को पत्र भेजा था कि घटना को लेकर हत्या की एफआईआर दर्ज हो चुकी है. ऐसे में कर्मचारियों की मुख्य मांग पूरी हो गई है. इसलिए निर्देश दिए जाते हैं कि कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से काम पर लौटना सुनिश्चित करें. कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो फिर मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मालूम हो की एनडीपीएस मामलों की विशेष कोर्ट में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा का जला हुआ शव 10 नवंबर को इसी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी कृष्ण स्वरूप चलाना के घर की छत पर मिला था. न्यायिक कर्मचारी मामले की सीबीआई जांच, न्यायिक अफसर को एपीओ करने, मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए मुआवजा सहित एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर बीते 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं. गत दिनों पुलिस ने मृतक की बहन की शिकायत पर एनडीपीएस कोर्ट के जज कृष्ण स्वरूप चलाना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था.

जयपुर. न्यायिक अधिकारी के घर कोर्ट कर्मचारी की जलने से हुई मौत के मामले में सामूहिक (Self immolation at Judge residence) अवकाश खत्म नहीं करने वाले कर्मचारियों के खिलाफ हाईकोर्ट प्रशासन ने कड़ी कार्रवाई करने के लिए सभी जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखा है. इसके बाद अब कर्मचारी संघ ने सीजे को पत्र भेजा है.

राजस्थान न्यायिक कर्मचारी संघ की ओर से सीजे को भेजे पत्र में कहा गया है कि किसी भी गंभीर मामले में एफआईआर दर्ज होना एक कानूनी प्रक्रिया है. वह भी घटना के करीब 28 दिनों के बाद दर्ज हुई है, जो कि अत्यंत ही खेदजनक है. इसके अलावा न्यायिक कर्मचारियों की ओर से आश्रित परिवार को पचास लाख रुपए का मुआवजा, एक आश्रित को सरकारी नौकरी की मांग की जा रही है. साथ ही बस्ता प्रथा की आड़ में कराई जाने वाली बेगारी खत्म करने सहित अन्य मांगों को लेकर सामूहिक अवकाश लेकर सत्याग्रह किया जा रहा है.

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इसके बावजूद भी अब तक इन मांगों को लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है. वहीं दूसरी ओर रजिस्ट्रार जनरल की ओर से कर्मचारियों की संवैधानिक मांगों को कुचलने के आशय से जिला एवं सत्र न्यायाधीशों को पत्र लिखकर कड़ी कार्रवाई करने की बात कही है. संघ की ओर से भेजे पत्र में कहा गया है कि आरजी के इस पत्र को लेकर कर्मचारियों में गहरा रोष व्याप्त है. इसके अलावा हाईकोर्ट प्रशासन की ओर से अब तक कर्मचारी संगठन को वार्ता के लिए नहीं बुलाया गया है. ऐसे में उनकी मांगों पर सहानुभूति पूर्वक विचार किया जाए.

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दूसरी ओर रजिस्ट्रार जनरल की ओर से प्रदेश के सभी डीजे को दिए निर्देश के बाद निचली अदालतों के पीठासीन अधिकारियों ने कार्यालय आदेश जारी कर कर्मचारियों को तुरंत काम पर लौटकर अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करने को कहा है. बता दें कि बीते दिनों हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल ने सभी डीजे को पत्र भेजा था कि घटना को लेकर हत्या की एफआईआर दर्ज हो चुकी है. ऐसे में कर्मचारियों की मुख्य मांग पूरी हो गई है. इसलिए निर्देश दिए जाते हैं कि कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से काम पर लौटना सुनिश्चित करें. कर्मचारी काम पर नहीं लौटते हैं तो फिर मामले में कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

मालूम हो की एनडीपीएस मामलों की विशेष कोर्ट में पदस्थापित कर्मचारी सुभाष मेहरा का जला हुआ शव 10 नवंबर को इसी कोर्ट के न्यायिक अधिकारी कृष्ण स्वरूप चलाना के घर की छत पर मिला था. न्यायिक कर्मचारी मामले की सीबीआई जांच, न्यायिक अफसर को एपीओ करने, मृतक के परिजनों को पचास लाख रुपए मुआवजा सहित एक आश्रित को सरकारी नौकरी देने की मांग को लेकर बीते 18 नवंबर से सामूहिक अवकाश पर चल रहे हैं. गत दिनों पुलिस ने मृतक की बहन की शिकायत पर एनडीपीएस कोर्ट के जज कृष्ण स्वरूप चलाना के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया था.

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