जयपुर. इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का राजस्थान में विकास होने के उद्देश्य से अब देश भर के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों को नेशनल सेमिनार के तहत जयपुर में आमंत्रित किया गया है. इस आयोजन के पोस्टर का विमोचन करते जयपुर शहर सांसद रामचरण बोहरा ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के कार्यकाल में इलेक्ट्रोपैथी एक्ट को विधानसभा में पारित किया गया था, लेकिन पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार ने इस पर कोई काम नहीं किया. न तो बोर्ड बना न इस चिकित्सा पद्धति का विकास हो सका. अब राजस्थान में दोबारा भारतीय जनता पार्टी की सरकार है. ऐसे में इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड के गठन को लेकर मुख्यमंत्री से मुलाकात करके उन्हें सारे विषय की जानकारी दी है. साथ ही 22 वर्षों से किए जा रहे सेमिनार के बारे में भी बताया है. राष्ट्रीय सेमिनार में भारत के उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ आएंगे.
उन्होंने बताया कि इलेक्ट्रोपैथी एक ऐसी चिकित्सा पद्धति है जिसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है. वनस्पति और फूलों के रस से इसकी दवाइयां तैयार होती हैं. कोशिश यही है कि ये चिकित्सा पद्धति हर आम आदमी तक पहुंचे. जिस तरह से जन औषधि केंद्र खोले गए हैं, उसी तर्ज पर इलेक्ट्रोपैथी की दवाइयां भी जन औषधि केंद्र तक पहुंचे. जो अल्प आय वाले लोग हैं, उन लोगों को विशेष रूप से इसका फायदा मिल सके.
जयपुर में 11 जनवरी को सेमिनार : राजस्थान इंटरनेशनल केंद्र पर होने वाले इस सेमिनार की जानकारी देते हुए इलेक्ट्रोहोम्योपैथी चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष हेमंत सेठिया ने बताया कि राजस्थान के इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सकों की ओर से 11 जनवरी को इस पद्धति के जनक डॉ काउंट सीजर मैटी के जन्म दिवस पर विश्व इलेक्ट्रोपैथी दिवस के रूप में प्रतिवर्ष कार्यक्रम होता है. इस बार ये जयपुर में होने वाला है. दिन भर के इस कार्यक्रम का उद्घाटन उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ करेंगे. इसमें तीन टेक्निकल सेशन भी होंगे. जिसमें रीनल डिसऑर्डर और इलेक्ट्रोपैथी अप्रोच पर किए गए रिसर्च चिकित्सकों के सामने रखे जाएंगे. इलेक्ट्रोपैथी बोर्ड को लेकर उन्होंने कहा कि प्रदेश में नई भाजपा की सरकार आई है. नए मुख्यमंत्री खुद जमीन से जुड़े व्यक्ति हैं, ऐसे में वो इलेक्ट्रोपैथी चिकित्सा पद्धति का काम जरुर आगे बढ़ाएंगे.