जयपुर. झालाना लेपर्ड सफारी में इलेक्ट्रिक वाहन काफी सुरक्षित है. वन विभाग ने अन्य वाहनों को बंद करने से सफारी में वातावरण प्रदूषण मुक्त हो रहा है. वहीं गाड़ियां ध्वनि रहित होने से वन्यजीव डिस्टर्ब नहीं होते हैं. जिससे टूरिस्ट भी नजदीक से वन्यजीवों की साइटिंग कर पाते हैं.
दरअसल, झालाना लेपर्ड सफारी में हाल ही में वन विभाग ने इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलाई थीं. जिससे सफारी में वन्य जीवों के डिस्टर्वेंस कम हो गया है. वहीं टूरिस्ट भी नजदीक से वन्यजीवों की साइटिंग कर पाते हैं. वहीं इन वाहनों के प्रयोग से पर्यावरण प्रदूषण को रोकने में काफी मदद मिल रही है.
शुरुआती दौर में वन विभाग ने 6 इलेक्ट्रिक गाड़ियां चला हैं. बताया जा रहा है कि आने वाले समय में लेपर्ड और टाइगर रिजर्व में इनका उपयोग किया जाएगा. इलेक्ट्रिक गाड़ियों से मालिकों को भी काफी फायदा हो रहा है.
बता दें कि इलेक्ट्रिक गाड़ियों से खर्चा भी कम आता है. इससे पहले पेट्रोल से चलने वाली जिप्सियों पर एक राउंड के 300 रुपये का ईंधन खर्च होता था. अब वही इलेक्ट्रिक गाड़ियों में एक राउंड पर मात्र 40 रुपये ही खर्चा आ रहा है. यानी 100 रुपये में इलेक्ट्रिक गाड़ियां 3 राउंड लगा लेती हैं. इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलने से फायदा तो हो रहा है लेकिन इलेक्ट्रिक गाड़ियों में खर्चा कम आने के बावजूद पर्यटकों के टिकट चार्ज कम नहीं किए गए हैं. अभी भी पुरानी दरों पर ही टिकट चार्ज वसूला जा रहा है. जबकि इलेक्ट्रिक गाड़ियां चलने से ईंधन खर्चा 6 से 7 गुना कम हुआ है. यानी एक गाड़ी पर 200-250 रुपये की बचत हो रही है. लेकिन इसका फायदा टूरिस्टों को नहीं मिल पा रहा है.
झालाना लेपर्ड सफारी में चल रही इलेक्ट्रिक गाड़ियों और जिप्सीओं में प्रति गाड़ी 2358 रुपये चार्ज वसूला जा रहा है. यानी प्रति व्यक्ति 393 रुपये टिकट चार्ज रखा गया है. एक गाड़ी में 6 टूरिस्ट सफारी कर सकते हैं. जिसमें 5 साल तक के बच्चों को फ्री रखा गया है. आने वाले समय में जिप्सीओ को बंद करके ई व्हीकल चलाने की भी योजना बनाई जा रही है.
झालाना लेपर्ड सफारी में कुल 6 ई-व्हीकल और 10 जिप्सियां चलाई जा रही हैं. सुबह 6:00 बजे से 8:45 बजे तक और शाम को 4:15 बजे से 7:00 बजे तक सफारी करवाती है. एक बार मे 4 इलेक्ट्रिक व्हीकल और 6 जिप्सियों की एंट्री होती है.