जयपुर. राजस्थान में शिक्षा कर्मियों को अब 5 साल के लिए संविदा पर स्कूलों में लगाया जा रहा है. इसे लेकर समसा की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं. इन शिक्षाकर्मियों को पाठशाला सहायक/विद्यालय सहायक के पदों पर लगाया जाएगा. जयपुर जिले में 74 शिक्षा कर्मियों की सूची प्राप्त हुई है, जिन्हें कॉन्ट्रैक्ट बेस पर लगाने के आदेश जल्द जारी कर दिए जाएंगे. ये पाठशाला सहायक/विद्यालय सहायक शैक्षणिक के साथ-साथ गैर शैक्षणिक कार्य भी करेंगे.
प्रदेश में शैक्षिक पिछड़ेपन को दूर करने के लिए 1984 में राजस्थान शिक्षाकर्मी परियोजना की शुरुआत की गई थी. उस वक्त इसे प्रौढ़ शिक्षा निदेशालय कहा जाता था, जिसे वर्तमान में निदेशालय साक्षरता और सतत शिक्षा कहा जाता है. इसके प्रशासनिक नियंत्रण में पंचायत समिति किशनगढ़ और दूदू में प्रायोगिक तौर पर शिक्षाकर्मी परियोजना शुरू की गई थी. इसके परिणाम अच्छे आने पर वर्ष 1987 में शिक्षाकर्मी परियोजना के संचालन के लिए अलग से राजस्थान शिक्षाकर्मी बोर्ड का गठन किया गया.
शुरुआत में शिक्षाकर्मी परियोजना में राज्य के दूरस्थ और समस्याग्रस्त राजकीय विद्यालयों को अधिग्रहण कर उसमें स्थानीय गांव के शिक्षित युवकों को प्रशिक्षण देकर शिक्षाकर्मी के पद पर समाज सेवा करने की स्वीकृति प्रदान की जाती थी. इसके लिए एक निर्धारित प्रक्रिया के तहत उनका चयन होता था. वर्ष 1987 से वर्ष 30 जून 2005 तक शिक्षाकर्मी परियोजना का संचालन विदेशी सहायता और राजस्थान सरकार से प्राप्त अनुदान से हो रहा था. जुलाई 2005 के बाद से लगातार सरकार के गैर आयोजना मद से इसके लिए बजट उपलब्ध करवाया जा रहा था.
हालांकि, बीते साल दिसंबर में इस बोर्ड को सरकार ने भंग कर दिया था. वहीं, निदेशालय की ओर से जारी किए गए निर्देशों के मुताबिक शिक्षाकर्मी बोर्ड को भंग कर उसे राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद में समायोजित करने का फैसला लिया गया और बोर्ड में सृजित सभी पदों को भी खत्म कर दिया गया. अब शिक्षाकर्मी बोर्ड के तहत कार्यरत शिक्षाकर्मियों की सेवाएं शिक्षा विभाग में ली जाएंगी. निदेशालय ने इस संबंध में निर्देश दिए हैं, जिसके मुताबिक इन कार्मिकों को अब संविदा पर स्कूलों में नियुक्ति दी जाएगी.