जयपुर. उदयपुर के एक पॉलिटेक्निक कॉलेज में डीन रहे विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की 'क्लास' यानी 16वीं विधानसभा में इस बार कुछ विधायक पीएचडी होल्डर, प्रोफेशनल ग्रेजुएट हैं तो कुछ महज साक्षर ही हैं. ये विधायक विधानसभा अध्यक्ष के सामने न सिर्फ अपने क्षेत्र के लोगों का प्रतिनिधित्व करेंगे, बल्कि अपने क्षेत्र से संबंधित मुद्दों पर तार्किक बहस भी करेंगे.
प्रदेश की जनता ने अपनी नई सरकार चुन ली है. हालांकि, अभी प्रदेश को मुख्यमंत्री, दो उपमुख्यमंत्री और सदन को चलाने वाले विधानसभा अध्यक्ष ही मिल पाए हैं. अब इंतजार नई कैबिनेट का है. इस बार मतदाताओं ने सदन में जिन माननीयों को बैठने के लिए चुना है, उनमें 9 विधायक ऐसे हैं, जिन्होंने विभिन्न विषयों में पीएचडी की हुई है. वहीं, चार विधायक ऐसे भी है जिनकी शैक्षणिक योग्यता सिर्फ साक्षरता के मापदंडों को पूरा कर पाती है.
137 विधायक ग्रेजुएट या उससे ज्यादा : इलेक्शन वॉच और एडीआर ने वर्तमान विधायकों की ओर से घोषित शिक्षा आधारित रिपोर्ट में इसका जिक्र है, जिसके अनुसार विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी की अध्यक्षता में चलने वाले सदन में इस बार 9 पीएचडी होल्डर विधायक बैठेंगे. वहीं, नए विधायकों में कुछ कम पढ़े लिखे भी हैं. प्रदेश के वर्तमान 199 विधयकों में से 26 प्रतिशत यानी 52 विधायकों की शैक्षणिक योग्यता 5वीं से 12वीं के बीच है. 69 फीसदी यानी 137 विधायकों की शैक्षणिक योग्यता स्नातक या उससे ज्यादा है.
अनुभव के साथ जोश : इनके अलावा 6 विधायक डिप्लोमा धारक हैं, जबकि चार सिर्फ साक्षर हैं. 16वीं विधानसभा में 67 विधायक ऐसे हैं, जिनकी उम्र 25 से 50 वर्ष है. 130 विधायक 51 से 80 उम्र के बीच के हैं और दो विधायकों की उम्र 83 साल है. यानी इस बार विधानसभा चुनाव में अनुभव के साथ-साथ युवा जोश और शैक्षणिक योग्यता रखने वाले विधायकों के बीच में विभिन्न मुद्दों पर मंथन होगा.