जयपुर. भाजपा शासन में सरकारी विद्यालयों के मेधावी छात्राओं के लिए खरीदी गई भगवा रंग की साइकिलों को विद्यालयों में जमा छात्र निधि और विकास कोष की राशि से काले रंग से पुतवाने के आदेश पर सियासत शुरू हो गई है.
भाजपा ने शिक्षा विभाग के इस आदेश को तुगलकी फरमान करार दिया है और इस मामले में शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा सहित प्रदेश सरकार पर जमकर जुबानी हमला बोला है. शिक्षा विभाग में हुए तबादलों में भी राजनीतिक भेदभाव का आरोप लगाते हुए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता जितेंद्र श्रीमाली और विधायक रामलाल शर्मा ने सरकार पर कई गंभीर आरोप लगाएं.
रामलाल शर्मा और जितेंद्र श्रीमाली के अनुसार प्रदेश कांग्रेस सरकार की हमेशा से इसी प्रकार की सोच रही है. यही कारण है कि पहले तो उन्होंने पाठ्यक्रम को बदला और महापुरुषों के नाम पर केवल गांधी और नेहरू परिवार को ही आगे रखा और अब जिस तरह शौर्य का प्रतीक भगवा रंग को लेकर सियासत की जा रही है वह बेहद शर्मनाक है. शर्मा के अनुसार छात्र निधि और विद्यालय विकास कोष का पैसा विद्यालयों और छात्रों के हितों में खर्च होना चाहिए .
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लेकिन विभाग अब इस पैसे से भगवा रंग की साइकिल का कलर काले रंग का करवाना चाह रहा है, जो बिल्कुल गलत और निंदनीय है. साथ ही विधायक रामलाल शर्मा ने शिक्षा विभाग में हुए तबादलों में राजनीतिक व्यवस्था का आरोप लगाते हुए यह तक कह डाला कि राजनीतिक द्वेषता के चलते 300 से 400 प्रिंसिपल और व्याख्याताओं ने तो वीआरएस के लिए भी आवेदन कर दिया है.
क्योंकि उन्हें अपने निवास से सैकड़ों किलोमीटर दूर जानबूझकर भेज दिया गया है. गौरतलब है कि प्रदेश का शिक्षा महकमा शुरू से ही सियासी विवादों और सुर्खियों में रहा है और अब भगवा रंग की साइकिल को काले रंग से पुतवाने के आदेश पर भी सियासत शुरू हो चुकी है.