जयपुर. राजधानी समेत प्रदेश भर में असत्य पर सत्य की जीत का पर्व विजयदशमी हर्षोल्लास के साथ मनाया गया. बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माने जाने वाले पर्व के अवसर पर जयपुर में जगह-जगह रावण दहन किया गया. जयपुर के आदर्श नगर स्थित दशहरा मैदान में इस बार 105 फीट के रावण और 90 फीट के कुंभकरण का दहन किया गया. रावण दहन से पहले भव्य आतिशबाजी की गई. दशहरा मैदान में रावण दहन कार्यक्रम को लेकर सुरक्षा व्यवस्थाएं चाक चौबंद की गई. दूर-दूर से हजारों की संख्या में लोग रावण दहन कार्यक्रम को देखने के लिए दशहरा मैदान पहुंचे.
आदर्श नगर में विजयादशमी पर्व के अवसर पर विशाल दशहरे मेले का आयोजन किया गया. इस अवसर पर रावण दहन करने के लिए भगवान श्रीराम की विशेष झांकी सजाई गई. रावण दहन और दशहरे मेले के कार्यक्रम में कई जनप्रतिनिधि और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हुए. इस बार आदर्श नगर में रावण को आभासी स्वर्ण मुकुट के साथ आभासी स्वर्ण वस्त्र धारण करवाए गए. करीब आधे घंटे तक आतिशबाजी की गई और इतना ही समय दहन होने में भी लगा. इस दौरान रावण की आंखों से शोले, मुंह से आग के गोले, रावण की नाभि और सिर पर अग्नि चक्र और तलवार से चिंगारियां फुटती दिखाई दी. आसमान से बारिश की बौछारों की तरह आतिशबाजी होती हुई नजर आई. तलवार से सुनहरी चिंगारियां निकलते हुए भी दिखाया गया. रावण दहन के बाद राम मंदिर में भगवान राम का राज तिलक किया गया.
मुस्लिम परिवार बनाता है रावण : कार्यक्रम संयोजक राजीव त्यागी के मुताबिक 105 फीट का रावण और 90 फीट के कुंभकरण का पुतला बनाया गया था. कुछ लोग नवजात बच्चों को आशीर्वाद दिलाने के लिए रावण की पूजा करने के लिए आते हैं. इसलिए रावण का पुतला बनाते समय पवित्रता का भी ध्यान रखा जाता है. रावण का पुतला बनाते समय साफ सुथरी सामग्री उपयोग में ली जाती है. पुराना सामान इस्तेमाल नहीं किया जाता. मथुरा से एक मुस्लिम परिवार की पांचवीं पीढ़ी रावण बनाने के लिए आती है. विजयदशमी पर सबसे बड़ा आकर्षण रावण दहन का रहता है. इस दौरान भगवान श्री राम की शोभायात्रा भी निकाली गई. शोभायात्रा आदर्श नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए दशहरा मैदान तक पहुंची.