जयपुर. राहुल गांधी के महाराष्ट्र में सावरकर को लेकर दिए गए बयान के बाद एक बार फिर देश में कांग्रेस और भाजपा के नेता आमने-सामने हो गए हैं. इंदिरा गांधी की जयंती पर पुष्पांजलि करने (Dotasra on Indira Gandhi birth anniversary) के बाद प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि हमें गर्व है कि इंदिरा गांधी हमारी नेता रहीं हैं जो सत्ता नहीं जनता को सर्वोपरि मानती थीं. उन्होंने बतौर प्रधानमंत्री देश की सेवा में कार्यरत रहते हुए अपना बलिदान दे दिया. वहीं दूसरी ओर भाजपा जैसी पार्टी है जो सत्ता को सर्वोपरि मानती है और सावरकर जैसे नेताओं को इसलिए (Dotasra targeted bjp regarding savarkar) रोल मॉडल मानती है ताकि उन्हें हिंदू वोट मिलते रहें.
डोटासरा ने कहा कि हमें गर्व है कि हमारे पास ऐसी नेता थीं जिसने इस देश में संविधान की पालना करवाते हुए विदेशों में भारत का नाम रोशन करते हुए विशेष तौर पर गरीबों के लिए बेहतरीन शासन व्यवस्था दी. और जब जरूरत पड़ी तो पाकिस्तान का विभाजन कर बांग्लादेश अलग देश बनाकर पूरे विश्व में अपने नेतृत्व का लोहा मनवाया. डोटासरा ने कहा कि आज उसके विपरीत गरीबों को सहायता देने की बात कर नरेंद्र मोदी सत्ता में आए, लेकिन उसके बाद उन्होंने गरीबों से ज्यादा उद्योगपति मित्रों को आगे बढ़ाने का काम किया.
पढ़ें. डीसीसी दफ्तर की चाबी को लेकर कांग्रेस में रार, सड़क पर बैठकर मनाई इंदिरा गांधी जयंती
डोटासरा ने कहा कि आरएसएस के लोग राजनीतिक रोटियां सेंकने के लिए कुछ भी करने को तैयार हैं. उनके लिए देश सर्वोपरि नहीं है, उनके लिए सत्ता सर्वोपरि है. डोटासरा ने कहा कि सावरकर वीर होते तो अंग्रेजों से माफी नहीं मांगते. डोटासरा ने कहा कि इतिहास के पन्नों में जो बात दर्ज है कि सावरकर ने माफी मांगी ओर अंग्रेजों को कहा कि मैं आपके काम आऊंगा. आप मुझे पेंशन दें, जेल से रिहा करें और एक बार नहीं कई बार उन्होंने माफी मांगी.
डोटासरा ने कहा कि सावरकर का देश की आजादी में क्या रोल था, यह इसी बात से साबित होता है कि उन्होंने अंग्रेजों की मुखबिरी करने के लिए उनके साथ समझौता किया और उसके लिए पेंशन भी ली. डोटासरा ने कहा कि भाजपा ऐसी बातें इसलिए भी करती है ताकि उन्हें हिंदुओं का वोट मिलता रहे लेकिन हकीकत इतिहास के पन्नों में दर्ज है कि उन्होंने किस प्रकार से माफीनामा दिया और वह किस तरीके से सूचनाएं देते थे.