ETV Bharat / state

मीटर रीडर की गड़बड़ी के लिए उपभोक्ता को नहीं किया जा सकता दंडित-जिला उपभोक्ता आयोग

author img

By

Published : May 22, 2023, 8:55 PM IST

जिला उपभोक्ता आयोग ने लाखों रुपए के बिजली के बिल के मामले में अपने आदेश में कहा कि मीटर रीडर की गड़बड़ी के लिए उपभोक्ता को दंडित नहीं किया जा सकता है.

मीटर रीडर की गड़बड़ी के लिए उपभोक्ता को नहीं किया जा सकता दंडित-जिला उपभोक्ता आयोग
District consumer commission on electric bill case

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-3 ने उपभोक्ता को लाखों रुपए का बिजली का बिल भेजने के मामले में कहा है कि मीटर रीडर की ओर से की गई गड़बड़ी के लिए उपभोक्ता को दंडित नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही आयोग ने उपभोक्ता को भेजे 3 लाख, 42 हजार 724 रुपए के बिल को निरस्त कर दिया है. आयोग ने कहा है कि यदि उपभोक्ता ने कोई राशि जमा कराई है, तो वह 12 फीसदी ब्याज सहित लौटाई जाए. इसके अलावा आयोग ने मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर 30 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश याकूब अली के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी के घरेलू बिजली कनेक्शन का सितंबर, 2017 का 17347 रुपए का बिल आया था. जिसे परिवादी ने जमा करा दिया. वहीं बिल जमा कराने के बाद भी बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने उसे 3 लाख 42 हजार 724 रुपए का बकाया बिल दिया और 5 अक्टूबर तक जमा नहीं कराने पर कनेक्शन काटने की धमकी दी. परिवादी पक्ष की ओर से दिखाई गई जमा रसीद पर भी कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में उसे मुआवजा दिलाया जाए. इसका विरोध करते हुए बिजली कंपनी की ओर से कहा गया कि परिवादी ने मीटर रीडर से मिलीभगत कर हर बार वास्तविक यूनिट से कम का बिल जमा कराया.

पढ़ेंः Jodhpur Consumer Protection Commission : दो साल तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया, देरी होने पर डिस्कॉम पर 200 रुपए प्रतिदिन जुर्माना

कंपनी की ओर से 5 जुलाई को जब मीटर उतारा गया था, तो उसका डिसप्ले आउट था. वहीं जब इसका बिलिंग डाटा रिपोर्ट के अनुसार जांच करने पर रीडिंग 55066 मिली. जबकि परिवादी को कुल 9568 यूनिट के बिल ही जारी हुए थे. ऐसे में मासिक औसत निकाल कर 55066 यूनिट में से 44564 यूनिट का बिल जारी किया गया था. परिवादी ने बिजली कर्मचारी से मिलीभगत कर वास्तविक राशि का भुगतान नहीं किया. ऐसे में परिवाद को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने बिजली बिल को निरस्त कर बिजली कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

जयपुर. जिला उपभोक्ता आयोग क्रम-3 ने उपभोक्ता को लाखों रुपए का बिजली का बिल भेजने के मामले में कहा है कि मीटर रीडर की ओर से की गई गड़बड़ी के लिए उपभोक्ता को दंडित नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही आयोग ने उपभोक्ता को भेजे 3 लाख, 42 हजार 724 रुपए के बिल को निरस्त कर दिया है. आयोग ने कहा है कि यदि उपभोक्ता ने कोई राशि जमा कराई है, तो वह 12 फीसदी ब्याज सहित लौटाई जाए. इसके अलावा आयोग ने मानसिक संताप और परिवाद व्यय के तौर पर जयपुर विद्युत वितरण निगम लिमिटेड पर 30 हजार रुपए का हर्जाना लगाया है. आयोग ने यह आदेश याकूब अली के परिवाद पर दिए.

परिवाद में कहा गया कि परिवादी के घरेलू बिजली कनेक्शन का सितंबर, 2017 का 17347 रुपए का बिल आया था. जिसे परिवादी ने जमा करा दिया. वहीं बिल जमा कराने के बाद भी बिजली कंपनी के कर्मचारियों ने उसे 3 लाख 42 हजार 724 रुपए का बकाया बिल दिया और 5 अक्टूबर तक जमा नहीं कराने पर कनेक्शन काटने की धमकी दी. परिवादी पक्ष की ओर से दिखाई गई जमा रसीद पर भी कर्मचारियों ने ध्यान नहीं दिया. ऐसे में उसे मुआवजा दिलाया जाए. इसका विरोध करते हुए बिजली कंपनी की ओर से कहा गया कि परिवादी ने मीटर रीडर से मिलीभगत कर हर बार वास्तविक यूनिट से कम का बिल जमा कराया.

पढ़ेंः Jodhpur Consumer Protection Commission : दो साल तक बिजली कनेक्शन नहीं दिया, देरी होने पर डिस्कॉम पर 200 रुपए प्रतिदिन जुर्माना

कंपनी की ओर से 5 जुलाई को जब मीटर उतारा गया था, तो उसका डिसप्ले आउट था. वहीं जब इसका बिलिंग डाटा रिपोर्ट के अनुसार जांच करने पर रीडिंग 55066 मिली. जबकि परिवादी को कुल 9568 यूनिट के बिल ही जारी हुए थे. ऐसे में मासिक औसत निकाल कर 55066 यूनिट में से 44564 यूनिट का बिल जारी किया गया था. परिवादी ने बिजली कर्मचारी से मिलीभगत कर वास्तविक राशि का भुगतान नहीं किया. ऐसे में परिवाद को खारिज किया जाए. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने बिजली बिल को निरस्त कर बिजली कंपनी पर हर्जाना लगाया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.