ETV Bharat / state

कल्याण धणी के जयकारों से गूंजी छोटी काशी, किसी ने लगाई कनक दंडवत तो कोई नंगे पांव पदयात्रा में शामिल - कल्याण धणी की 58वीं लक्खी पदयात्रा

Diggi Kalyan Dhani yatra 2023 राजधानी जयपुर में ताडकेश्वर मंदिर से मंगलवार को डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा निकाली गई. जिसमें देशभर से आए हजारों श्रद्धालु शामिल हुए.

Diggi Kalyan Dhani yatra 2023
डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा
author img

By

Published : Aug 22, 2023, 1:47 PM IST

Updated : Aug 22, 2023, 2:17 PM IST

छोटी काशी से निकाली डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा

जयपुर. 'बाजै छै नौबत बाजा म्हारा डिग्गीपुरी का राजा' जैसे भजनों की स्वर लहरियां, हाथों में भगवा व पचरंगा ध्वज, आंखों में कल्याण धणी के दर्शन की ललक और जुबां पर कल्याण धणी के जयकारे के साथ डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा निकाली गई. यह पदयात्रा जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर से रवाना हुई. इस लक्खी पदयात्रा में हर साल की तरह ही इस बार भी पदयात्रियों के आस्था का सैलाब शहर की सड़कों पर देखने को मिला.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
पदयात्रा में भारी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु

आस्था व श्रद्धा से सराबोर छोटी काशी - छोटी काशी मंगलवार को आस्था और श्रद्धा से सराबोर हो उठी. श्रावण शुक्लपक्ष की छठ को कल्याण धणी की 58वीं लक्खी पदयात्रा रवाना हुई. इस पदयात्रा में भक्त चौड़ा रास्ता के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना हुए. जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा पद्मनाभ सिंह और गलता धाम के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के साथ ही अन्य संत-महंतों ने ध्वज दिखाकर पदयात्रा को विधिवत रूप से रवाना किया. इस दौरान भगवान शिव, बजरंगबली और राधाकृष्ण की सजीव झांकी भी सजाई गई थी. बैंड-बाजे के साथ हाथी पर पचरंगे ध्वज के पीछे-पीछे हजारों श्रद्धालु कल्याण धणी के जयकारे लगाते हुए पदयात्रा में शामिल हुए.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
पदयात्रा में शामिल झांकियां

इसे भी पढ़ें - जयपुर से डिग्गीपुरी कल्याण जी लक्खी पदयात्रा आज होगी रवाना, श्रद्धालुओं में उत्साह

5 दिन की पदयात्रा के बाद निज धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु - श्री कल्याण डिग्गीपुरी पदयात्रा संघ के तत्वावधान में ये पदयात्रा 85 किलोमीटर दूर टोंक स्थित डिग्गी कल्याण मंदिर पहुंचेगी. यात्रा में ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु मदरामपुरा, हरसूलिया, फागी और चोसला होकर पांच दिन बाद निज धाम डिग्गी पहुंचेंगे. इस दौरान जगह-जगह पदयात्रियों की ओर से भजन, कीर्तन और सत्संग के कार्यक्रम आयोजित होंगे. वहीं, पद्मनाभ सिंह ने बताया कि उनके नानाजी सवाई भवानी सिंह भी इस यात्रा को रवाना कराने पहुंचते थे. इस तरह धार्मिक आयोजनों से जुड़ना उन्हें अच्छा लगता है. हाल ही में वो तीज की सवारी में भी शामिल हुए थे.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
बैंड बाजे के साथ हुई पदयात्रा की शुरुआत

दर्शन मात्र से पूरी हो जाती हैं श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं - कल्याण धणी की लक्खी पदयात्रा में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात ही राजधानी पहुंच गए थे और शहर के कई मंदिरों व धर्मशालाओं में रात गुजारी. इसके बाद मंगलवार सुबह से ही हजारों की संख्या में पदयात्रियों के जत्थे ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना हुए. गलता धाम के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य ने बताया कि कुछ श्रद्धालु नंगे पांव तो कुछ कनक दंडवत लगाते हुए सतानत धर्म और भारत की परंपरा का निर्वहन करते नजर आए. मान्यता है कि इस पदयात्रा में शामिल होकर भगवान से जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी हो जाती है. बस इसी आस्था को लेकर हजारों की संख्या में देशभर के कोने-कोने से आए श्रद्धालु इस पदयात्रा में शामिल होते हैं. पदयात्रा संयोजक श्रीजी शर्मा ने बताया कि 1965 में रामेश्वरलाल शर्मा ने इस यात्रा की शुरुआत की थी. समय के साथ इसकी मान्यता बढ़ती चली गई और आज ये लक्खी पदयात्रा बन गई है.

इसे भी पढ़ें - जयपुर से श्रीडिग्गीपुरी कल्याणजी की 54वीं की लक्खी पदयात्रा रवाना

आपको बता दें कि डिग्गी कल्याण जी की लक्खी पदयात्रा में शामिल होने के लिए बांदीकुई, चाकसू, शाहपुरा, मनोहरपुर, दौसा, आमेर, भानपुर और बस्सी सहित कई स्थानों से छोटी पदयात्राएं सुबह ही चौड़ा रास्ता पहुंची. वहीं, पदयात्रियों की सेवा के लिए यात्रा मार्ग पर शहरभर के कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से प्रसाद स्टॉल्स लगाई गई. बहरहाल, यह पदयात्रा डिग्गी में कल्याण जी के निज मंदिर पहुंचेगी, जहां भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी और गंगोत्री से लाए गए गंगाजल से कल्याण जी के अभिषेक के साथ पूर्ण होगी.

छोटी काशी से निकाली डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा

जयपुर. 'बाजै छै नौबत बाजा म्हारा डिग्गीपुरी का राजा' जैसे भजनों की स्वर लहरियां, हाथों में भगवा व पचरंगा ध्वज, आंखों में कल्याण धणी के दर्शन की ललक और जुबां पर कल्याण धणी के जयकारे के साथ डिग्गी कल्याणधणी की पदयात्रा निकाली गई. यह पदयात्रा जयपुर के चौड़ा रास्ता स्थित ताड़केश्वर मंदिर से रवाना हुई. इस लक्खी पदयात्रा में हर साल की तरह ही इस बार भी पदयात्रियों के आस्था का सैलाब शहर की सड़कों पर देखने को मिला.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
पदयात्रा में भारी संख्या में शामिल हुए श्रद्धालु

आस्था व श्रद्धा से सराबोर छोटी काशी - छोटी काशी मंगलवार को आस्था और श्रद्धा से सराबोर हो उठी. श्रावण शुक्लपक्ष की छठ को कल्याण धणी की 58वीं लक्खी पदयात्रा रवाना हुई. इस पदयात्रा में भक्त चौड़ा रास्ता के ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना हुए. जयपुर के पूर्व राजपरिवार के महाराजा पद्मनाभ सिंह और गलता धाम के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य के साथ ही अन्य संत-महंतों ने ध्वज दिखाकर पदयात्रा को विधिवत रूप से रवाना किया. इस दौरान भगवान शिव, बजरंगबली और राधाकृष्ण की सजीव झांकी भी सजाई गई थी. बैंड-बाजे के साथ हाथी पर पचरंगे ध्वज के पीछे-पीछे हजारों श्रद्धालु कल्याण धणी के जयकारे लगाते हुए पदयात्रा में शामिल हुए.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
पदयात्रा में शामिल झांकियां

इसे भी पढ़ें - जयपुर से डिग्गीपुरी कल्याण जी लक्खी पदयात्रा आज होगी रवाना, श्रद्धालुओं में उत्साह

5 दिन की पदयात्रा के बाद निज धाम पहुंचेंगे श्रद्धालु - श्री कल्याण डिग्गीपुरी पदयात्रा संघ के तत्वावधान में ये पदयात्रा 85 किलोमीटर दूर टोंक स्थित डिग्गी कल्याण मंदिर पहुंचेगी. यात्रा में ग्रामीण और शहरी श्रद्धालु मदरामपुरा, हरसूलिया, फागी और चोसला होकर पांच दिन बाद निज धाम डिग्गी पहुंचेंगे. इस दौरान जगह-जगह पदयात्रियों की ओर से भजन, कीर्तन और सत्संग के कार्यक्रम आयोजित होंगे. वहीं, पद्मनाभ सिंह ने बताया कि उनके नानाजी सवाई भवानी सिंह भी इस यात्रा को रवाना कराने पहुंचते थे. इस तरह धार्मिक आयोजनों से जुड़ना उन्हें अच्छा लगता है. हाल ही में वो तीज की सवारी में भी शामिल हुए थे.

Shree Kalyan Diggipuri Padyatra in Jaipur
बैंड बाजे के साथ हुई पदयात्रा की शुरुआत

दर्शन मात्र से पूरी हो जाती हैं श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं - कल्याण धणी की लक्खी पदयात्रा में शामिल होने के लिए हजारों की संख्या में श्रद्धालु सोमवार देर रात ही राजधानी पहुंच गए थे और शहर के कई मंदिरों व धर्मशालाओं में रात गुजारी. इसके बाद मंगलवार सुबह से ही हजारों की संख्या में पदयात्रियों के जत्थे ताड़केश्वर महादेव मंदिर से रवाना हुए. गलता धाम के पीठाधीश्वर अवधेशाचार्य ने बताया कि कुछ श्रद्धालु नंगे पांव तो कुछ कनक दंडवत लगाते हुए सतानत धर्म और भारत की परंपरा का निर्वहन करते नजर आए. मान्यता है कि इस पदयात्रा में शामिल होकर भगवान से जो भी मन्नत मांगी जाती है, वो पूरी हो जाती है. बस इसी आस्था को लेकर हजारों की संख्या में देशभर के कोने-कोने से आए श्रद्धालु इस पदयात्रा में शामिल होते हैं. पदयात्रा संयोजक श्रीजी शर्मा ने बताया कि 1965 में रामेश्वरलाल शर्मा ने इस यात्रा की शुरुआत की थी. समय के साथ इसकी मान्यता बढ़ती चली गई और आज ये लक्खी पदयात्रा बन गई है.

इसे भी पढ़ें - जयपुर से श्रीडिग्गीपुरी कल्याणजी की 54वीं की लक्खी पदयात्रा रवाना

आपको बता दें कि डिग्गी कल्याण जी की लक्खी पदयात्रा में शामिल होने के लिए बांदीकुई, चाकसू, शाहपुरा, मनोहरपुर, दौसा, आमेर, भानपुर और बस्सी सहित कई स्थानों से छोटी पदयात्राएं सुबह ही चौड़ा रास्ता पहुंची. वहीं, पदयात्रियों की सेवा के लिए यात्रा मार्ग पर शहरभर के कई धार्मिक व सामाजिक संगठनों की ओर से प्रसाद स्टॉल्स लगाई गई. बहरहाल, यह पदयात्रा डिग्गी में कल्याण जी के निज मंदिर पहुंचेगी, जहां भव्य शोभायात्रा भी निकाली जाएगी और गंगोत्री से लाए गए गंगाजल से कल्याण जी के अभिषेक के साथ पूर्ण होगी.

Last Updated : Aug 22, 2023, 2:17 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.