जयपुर. देवस्थान विभाग के सरकारी मंदिरों में फुटफॉल बढ़ाने के लिए उद्देश्य से देवदर्शन यात्रा की शुरुआत की गई. देवस्थान विभाग ने भागवत कथा, रामायण पाठ, रुद्राभिषेक के आयोजन करने के बाद अब श्रद्धालुओं को देवदर्शन पदयात्रा कराई गई. इस देवदर्शन पदयात्रा के तहत परकोटे में स्थित सात मंदिरों के दर्शन श्रद्धालुओं को कराए गए. यात्रा में 500 से ज्यादा श्रद्धालु शामिल हुए. शनिवार को जयपुर के चारदीवारी से देवदर्शन यात्रा के साथ आगाज हुआ था.
बड़े व भव्य मंदिर : देवस्थान मंत्री शकुंतला रावत ने देवदर्शन यात्रा को रवाना किया. इस दौरान कई ट्रस्टों के संत-महंत भी मौजूद रहे. पदयात्रा देवस्थान कार्यालय परिसर स्थित सिरह ड्योढ़ी रामचंद्रजी के मंदिर में आकर संपन्न हुई. यात्रा के दौरान व्यापार मंडलों की ओर से यात्रा का स्वागत किया गया. मंत्री शकुंतला रावत ने बताया कि देवस्थान के बहुत बड़े और भव्य मंदिर हैं, लेकिन लोग इनके बारे में बहुत कम जानते हैं. इस देवदर्शन पदयात्रा का मुख्य उद्देश्य लोगों को इनके दर्शन कराने के साथ पूरी जानकारी देना भी है.
मंत्री शकुंतला रावत ने कहा कि इसकी शुरुआत परकोटे के सात मंदिरों की पदयात्रा के रूप में की गई है. देवदर्शन यात्रा में बड़ी चौपड़ स्थित लक्ष्मीनारायण बाइजी का मंदिर, चांदनी चौक स्थित बृजबिहारी का मंदिर, ब्रजनिधि जी का मंदिर, आनंद कृष्ण बिहारीजी का मंदिर, हवामहल के पास गोवर्धनजी का मंदिर, कल्की जी का मंदिर और सिरह ड्योढ़ी का मंदिर श्रीरामचंद्र जी को शामिल किया गया.
मंदिरों की खोई चमक को लौटाने का भी हुआ काम: देवस्थान विभाग के अधीन आने वाले धार्मिक स्थलों का ऐतिहासिक महत्व है. हर धार्मिक स्थल की अलग आस्था और जुड़ाव है. हाल ही में स्मार्ट सिटी मिशन के तहत वर्ल्ड हेरिटेज सिटी के मंदिरों की खोई चमक को लौटाने का काम भी हुआ है. इनमें देवस्थान के अधीन आने वाले मंदिरों के साथ ही हेरिटेज सूची में शामिल कई मंदिर हैं.