जयपुर. राजधानी में सरकार के कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन के आदेश को लेकर जिला प्रशासन अभी भी संजीदा नहीं नजर आ रहा है. सरकार के कंटेनमेंट जोन में लॉकडाउन के आदेश के पहले दिन जिला प्रशासन की ओर से एक भी कंटेनमेंट जोन घोषित नहीं किया गया. जिला कलेक्ट्रेट में मंगलवार को कंटेनमेंट जोन को लेकर जिला प्रशासन, पुलिस और चिकित्सा अधिकारियों की बैठक हुई बैठक में कंटेनमेंट जोन को लेकर चर्चा हुई. लेकिन पुलिस और जिला प्रशासन के बीच सामंजस्य नहीं होने का कारण कंटेनमेंट जोन भी घोषित नही हो पा रहे. जिला प्रशासन और पुलिस की ओर से कंटेनमेंट जोन कौन घोषित करेगा इसे लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है.
शहर में बनाये जा रहे माइक्रो कंटेनमेंट जोन...
शहर में जब से लॉकडाउन हुआ है तब से कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. वर्तमान में माइक्रो कंटेनमेंट जोन बनाए जा रहे हैं. जिस घर में कोई कोरोना पॉजिटिव मरीज सामने आता है उस घर के लोगों को पाबंद किया जाता है. जिला प्रशासन, सीएमएचओ और पुलिस टेलीफोन के जरिए जानकारी भी लेते रहते हैं.
अब यह रहेगी व्यवस्था...
बैठक में तय किया गया है कि सीएमएचओ थाना पुलिस को पॉजिटिव मरीजों की सूची भेजेगा. इसके बाद थाना पुलिस अपने बीट कांस्टेबल को पॉजिटिव मरीजों के घर भेजेगी. बीट कांस्टेबल उस घर के मरीज और उस घर के लोगों को बाहर न निकलने के लिए पाबंद करेगी. चिकित्सा विभाग के टीम पॉजिटिव मरीजों के घर के बाहर नोटिस चस्पा करेगी ताकि लोगों को पता रहे कि उस घर में पॉजिटिव मरीज है.
सीएमएचओ प्रथम नरोत्तम शर्मा ने बताया कि जिला कलेक्टर के निर्देश पर थाना पुलिस को शहर में पॉजिटिव मरीजों के नाम और पते भिजवा दिए गए हैं. इसके बाद थाना पुलिस उन पर निगरानी रखेगी. इधर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र की टीम को भी कहा गया है कि वे शहर में अपने क्षेत्र में पॉजिटिव मरीजों पर नजर रखें और उनके घर के बाद नोटिस चस्पा करें.
वैक्सीनेशन को लेकर हुई चर्चा...
कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि मंगलवार को वैक्सीनेशन जिला टास्क फोर्स की बैठक आयोजित की गई थी. वैक्सीनेशन की व्यवस्था किस तरह से रहेगी उस पर चर्चा की गई. वैक्सीनेशन के लिए कोल्ड स्टोरेज की जगह वैक्सीनेशन वैन आदि को लेकर चर्चा की गई. कलेक्टर अंतर सिंह मेहरा ने कहा कि जिस तरह से जयपुर में पॉजिटिव मरीज बढ़ रहे हैं उसमें जिला प्रशासन की कोई लापरवाही नहीं है. उन्होंने कहा कि पॉजिटिव मरीजों के घर पर नोटिस चस्पा करने में जरूर ढिलाई बरती गई थी. अब पॉजिटिव मरीजो के घर के बाहर नोटिस चस्पा किया जाएगा.
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कलेक्टर अंतर सिंह नेहरा ने कहा कि जयपुर में 15 आरएएस अधिकारी इंसीडेंट कमांडर के रूप में भी काम कर रहे हैं. किसी विशेष परिस्थिति में इंसीडेंट कमांडर उपलब्ध नहीं होता है तो एसीपी मेडिकल ऑफिसर से चर्चा कर कंटेनमेंट जोन घोषित कर सकता है और इसमें वह तहसीलदार और नायब तहसीलदार की भी सलाह ले सकता है.