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छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की निकाली शवयात्रा, हिरासत में लिए गए दिग्विजय सिंह चौटाला, सीएम को लिखा खून से खत

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Published : Aug 16, 2023, 5:09 PM IST

छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी है. बुधवार को कई छात्र नेता राजस्थान विश्वविद्यायल के भवनों पर चढ़कर प्रदर्शन किए तो वहीं कुछ छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर प्रदर्शन किया.

Digvijay Singh Chautala detained
Digvijay Singh Chautala detained
छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की निकाली शवयात्रा

जयपुर. छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र नेता अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर कुलपति आवास के बाहर दाह संस्कार किया. इनमें से दो छात्र पुलिस को चकमा देकर कुलपति आवास के अंदर जा घुसे, जिन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला गया. वहीं, एक अन्य छात्र नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खून से पत्र लिखकर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की तो कुछ छात्र प्रदर्शन के दौरान राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर के विज्ञान भवन, सेंट्रल लाइब्रेरी और एडम ब्लॉक की इमारत पर चढ़ गए. इससे पहले एक छात्र नेता पेट्रोल से भरी बोतल लेकर कुलपति सचिवालय में भी दाखिल हो गया था.

पहले निकाली शव यात्रा फिर किया दाह संस्कार - इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले अगस्त में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी है, जिसके बाद से ही छात्र नेता राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्र नेताओं की मानें तो मुख्यमंत्री खुद छात्र राजनीति से आगे बढ़कर आज मुख्यमंत्री बने हैं. बावजूद इसके राजनीति की पहली सीढ़ी तोड़ने में लगे हुए हैं. ऐसे में छात्रों का विरोध अब तेज होता जा रहा है. रविवार से भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं में से आधे से ज्यादा अस्पताल पहुंच चुके हैं तो बचे हुए छात्र नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.

इसे भी पढ़ें - छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की तबीयत बिगड़ी, अब तक 9 छात्रनेता पहुंचे अस्पताल

सीएम ने नहीं दिया संवेदनशीलता का परिचय - छात्रों ने कहा कि प्रदेश का छात्र आक्रोशित है और वो भूख हड़ताल कर रहे हैं. यहां तक कि पानी की टंकी पर चढ़कर अपने विरोध को जाहिर कर रहे हैं. कई छात्रों की तबीयत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. इसलिए उन्हें दर्शाना चाहते हैं कि जब वो छात्रों की सुध नहीं ले रहे हैं तो छात्रों के लिए वो भी मरे के समान हैं. उन्होंने कहा कि छात्र कब तक गांधीवादी तरीके से अपनी डिमांड रखेगा. ऐसे में अब वो धीरे-धीरे भगत सिंह की भूमिका में आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय नहीं दिया और उच्च शिक्षा मंत्री को यह तक नहीं पता कि छात्रों की डिमांड क्या है. आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति लापता हो गए हैं.

सीएम को लिखा खून से खत, दी ये चेतावनी - वहीं, एबीवीपी के छात्र नेता देव पलसानिया ने मुख्यमंत्री के नाम खून से पत्र लिखकर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जो छात्र संघ चुनाव नहीं करने का काला फैसला उन्होंने लिया है, उसे वापस लें. जो छात्र नेता छात्र हितों में 365 दिन यूनिवर्सिटी कैंपस में रहकर संघर्ष करते हैं, उनके हकों को दबाने का काम न करें. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्थान की छात्र शक्ति सड़कों पर उतरेगी, उसके जिम्मेदार केवल मुख्यमंत्री होंगे.

इसे भी पढ़ें - एबीवीपी की गांधीगिरी : छात्र संघ चुनाव कराने की कर रहे थे मांग, पुलिस आई तो कपड़े उतार बोले- मार लो डंडे

...तो इसलिए छात्र संघ चुनाव नहीं करा रही सरकार - इधर, 2003 से लेकर अब तक के विधानसभा चुनावी वर्ष में हुए छात्र संघ चुनाव के आंकड़ों को देखे तो एबीवीपी या निर्दलीय छात्र नेताओं का ही वर्चस्व रहा है. 2003 में एबीवीपी के जितेंद्र मीणा अध्यक्ष बने थे. 2008 में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए. इसके बाद 2013 में एबीवीपी के कानाराम जाट अध्यक्ष बने और 2018 में निर्दलीय विनोद जाखड़ ने अपना परचम फहराया था. ऐसे में विश्वविद्यालय की गलियारों में चर्चा है कि 2023 में गहलोत सरकार इसी वजह से छात्र संघ चुनाव कराने से बच रही है.

छात्र हित में खुद को शहीद करने को तैयार - पेट्रोल छिड़क ने वाले छात्र नेताओं ने कहा कि वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए खुद को कुलपति सचिवालय में बंद किए हैं. उन्होंने कहा कि कुलपति छात्रों के हितों में फैसले लेने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. ऊपर से छात्र संघ चुनाव न कराने के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा सरकार भी छात्र विरोधी है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर वो खुद को छात्र हितों में शहीद करने को भी तैयार हैं.

राजस्थान विश्वविद्यालय में इनसो का प्रदर्शन - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिग्विजय सिंह हैंडबॉल फेडरेशन के नेशनल अध्यक्ष हैं और वो छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में बुधवार को पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इस दौरान दिग्विजय सिंह के साथ करीब 50 छात्रों ने अपनी गिरफ्तारी दी.

छात्रों ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की निकाली शवयात्रा

जयपुर. छात्र संघ चुनाव कराने की मांग को लेकर छात्र नेता अपने-अपने तरीके से विरोध दर्ज कर रहे हैं. इसी क्रम में बुधवार को भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं ने उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर कुलपति आवास के बाहर दाह संस्कार किया. इनमें से दो छात्र पुलिस को चकमा देकर कुलपति आवास के अंदर जा घुसे, जिन्हें बलपूर्वक बाहर निकाला गया. वहीं, एक अन्य छात्र नेता ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को खून से पत्र लिखकर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की तो कुछ छात्र प्रदर्शन के दौरान राजस्थान विश्वविद्यालय परिसर के विज्ञान भवन, सेंट्रल लाइब्रेरी और एडम ब्लॉक की इमारत पर चढ़ गए. इससे पहले एक छात्र नेता पेट्रोल से भरी बोतल लेकर कुलपति सचिवालय में भी दाखिल हो गया था.

पहले निकाली शव यात्रा फिर किया दाह संस्कार - इस साल के आखिर में राजस्थान में विधानसभा चुनाव होने हैं. इससे ठीक पहले अगस्त में होने वाले छात्र संघ चुनाव पर सरकार ने रोक लगा दी है, जिसके बाद से ही छात्र नेता राज्य सरकार और विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ लगातार आंदोलन कर रहे हैं. छात्र नेताओं की मानें तो मुख्यमंत्री खुद छात्र राजनीति से आगे बढ़कर आज मुख्यमंत्री बने हैं. बावजूद इसके राजनीति की पहली सीढ़ी तोड़ने में लगे हुए हैं. ऐसे में छात्रों का विरोध अब तेज होता जा रहा है. रविवार से भूख हड़ताल पर बैठे छात्र नेताओं में से आधे से ज्यादा अस्पताल पहुंच चुके हैं तो बचे हुए छात्र नेताओं ने अपने समर्थकों के साथ बुधवार को उच्च शिक्षा मंत्री और कुलपति की शव यात्रा निकालकर अपना विरोध दर्ज कराया.

इसे भी पढ़ें - छात्रसंघ चुनाव कराने की मांग को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे छात्रों की तबीयत बिगड़ी, अब तक 9 छात्रनेता पहुंचे अस्पताल

सीएम ने नहीं दिया संवेदनशीलता का परिचय - छात्रों ने कहा कि प्रदेश का छात्र आक्रोशित है और वो भूख हड़ताल कर रहे हैं. यहां तक कि पानी की टंकी पर चढ़कर अपने विरोध को जाहिर कर रहे हैं. कई छात्रों की तबीयत बिगड़ती जा रही है, लेकिन प्रशासन के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है. इसलिए उन्हें दर्शाना चाहते हैं कि जब वो छात्रों की सुध नहीं ले रहे हैं तो छात्रों के लिए वो भी मरे के समान हैं. उन्होंने कहा कि छात्र कब तक गांधीवादी तरीके से अपनी डिमांड रखेगा. ऐसे में अब वो धीरे-धीरे भगत सिंह की भूमिका में आ रहे हैं. मुख्यमंत्री ने संवेदनशीलता का परिचय नहीं दिया और उच्च शिक्षा मंत्री को यह तक नहीं पता कि छात्रों की डिमांड क्या है. आरोप लगाया कि विश्वविद्यालय के कुलपति लापता हो गए हैं.

सीएम को लिखा खून से खत, दी ये चेतावनी - वहीं, एबीवीपी के छात्र नेता देव पलसानिया ने मुख्यमंत्री के नाम खून से पत्र लिखकर छात्र संघ चुनाव कराने की मांग की. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री से यही उम्मीद लगाए बैठे हैं कि जो छात्र संघ चुनाव नहीं करने का काला फैसला उन्होंने लिया है, उसे वापस लें. जो छात्र नेता छात्र हितों में 365 दिन यूनिवर्सिटी कैंपस में रहकर संघर्ष करते हैं, उनके हकों को दबाने का काम न करें. उन्होंने चेतावनी देते हुए कहा कि राजस्थान की छात्र शक्ति सड़कों पर उतरेगी, उसके जिम्मेदार केवल मुख्यमंत्री होंगे.

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...तो इसलिए छात्र संघ चुनाव नहीं करा रही सरकार - इधर, 2003 से लेकर अब तक के विधानसभा चुनावी वर्ष में हुए छात्र संघ चुनाव के आंकड़ों को देखे तो एबीवीपी या निर्दलीय छात्र नेताओं का ही वर्चस्व रहा है. 2003 में एबीवीपी के जितेंद्र मीणा अध्यक्ष बने थे. 2008 में छात्र संघ चुनाव नहीं हुए. इसके बाद 2013 में एबीवीपी के कानाराम जाट अध्यक्ष बने और 2018 में निर्दलीय विनोद जाखड़ ने अपना परचम फहराया था. ऐसे में विश्वविद्यालय की गलियारों में चर्चा है कि 2023 में गहलोत सरकार इसी वजह से छात्र संघ चुनाव कराने से बच रही है.

छात्र हित में खुद को शहीद करने को तैयार - पेट्रोल छिड़क ने वाले छात्र नेताओं ने कहा कि वो आर-पार की लड़ाई लड़ने के लिए खुद को कुलपति सचिवालय में बंद किए हैं. उन्होंने कहा कि कुलपति छात्रों के हितों में फैसले लेने में पूरी तरह से विफल रहे हैं. ऊपर से छात्र संघ चुनाव न कराने के फैसले ने यह साबित कर दिया है कि मौजूदा सरकार भी छात्र विरोधी है. ऐसे में जरूरत पड़ने पर वो खुद को छात्र हितों में शहीद करने को भी तैयार हैं.

राजस्थान विश्वविद्यालय में इनसो का प्रदर्शन - हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला के भाई दिग्विजय सिंह चौटाला को पुलिस ने हिरासत में ले लिया. दिग्विजय सिंह हैंडबॉल फेडरेशन के नेशनल अध्यक्ष हैं और वो छात्र संघ चुनाव की मांग को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस में प्रदर्शन कर रहे थे. ऐसे में बुधवार को पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इस दौरान दिग्विजय सिंह के साथ करीब 50 छात्रों ने अपनी गिरफ्तारी दी.

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