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Warning of Nurses : अपनी मांगों को लेकर अब प्रदेश के नर्सेज ने गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

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Published : Jun 24, 2023, 7:28 AM IST

चुनावी वर्ष में अपनी मांगों को लेकर अब प्रदेश के नर्सेज भी राज्य सरकार के खिलाफ आंदोलन की राह पर उतरने की तैयारी कर रहे हैं. नर्सेज ने वेतनमान, पदनाम और पदोन्नति जैसी मांगों को लेकर 1 जुलाई को एसएमएस अस्पताल में ध्यानाकर्षण आंदोलन की चेतावनी दी है.

Demands of Rajasthan Nurses
नर्सेज ने गहलोत सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा
अब प्रदेश के नर्सेज ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

जयपुर. नर्सेज के राजस्थान के दो बड़े संगठन राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन और राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर जॉइंट कमीशन के साथ सरकार से लड़ना चाहते हैं. राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल चौधरी ने कहा कि अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं, चिकित्सक बढ़ जाते हैं, विभागाध्यक्ष बढ़ जाते हैं, लेकिन नर्सेज के कैडर का गठन नहीं हो पाता है. यही नहीं, लंबे समय से केंद्र के समान वेतनमान और भत्ते, पदनाम परिवर्तन, संविदा और कॉन्ट्रैक्ट पर की गई भर्ती का विरोध और एएनएम-जीएनएम को पदोन्नति का लाभ की मांग चली आ रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ये निवेदन है कि राजस्थान के नर्सेस ने सरकार की विभिन्न योजनाओं को सीमित संसाधनों के साथ धरातल पर उतारा है. अब वही नर्सेज अपनी लंबित मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन देंगे. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वो प्रदेशभर के नर्सेज एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

पढ़ें : वर्गवार आरक्षण के विरोध में भूतपूर्व सैनिकों ने भरी हुंकार, सरकार को दी बड़े आंदोलन की चेतावनी

वहीं, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के ही कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है. राजस्थान के नर्सेज के लिए सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पूरे सेवाकाल में केवल एक मात्र प्रमोशन से सेवानिवृत्त हो जाते हैं. अगर नर्सिंग ऑफिसर बना है तो 36 साल की सेवा के बाद नर्सिंग ऑफिसर पद से ही सेवानिवृत्त हो जाता है, क्योंकि आगे पदोन्नति के पद अवरुद्ध हैं.

पद क्रिएट कर रखे हैं, लेकिन संख्या इतनी कम है की पदोन्नति हो ही नहीं पाती. यही हालात वेतनमान के हैं. इसी को लेकर अब शुरुआत जयपुर के एसएमएस अस्पताल से करेंगे. जहां 1 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 10 जुलाई को संगठनात्मक मीटिंग कर प्रांत व्यापी आंदोलन की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी, जिसमें धरना, प्रदर्शन, रैली, अनशन के साथ-साथ हड़ताल और सामूहिक कार्य बहिष्कार भी शामिल होगा.

अब प्रदेश के नर्सेज ने राज्य सरकार के खिलाफ खोला मोर्चा

जयपुर. नर्सेज के राजस्थान के दो बड़े संगठन राजस्थान राज्य नर्सेज एसोसिएशन और राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन 11 सूत्री मांग पत्र को लेकर जॉइंट कमीशन के साथ सरकार से लड़ना चाहते हैं. राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के प्रदेश अध्यक्ष कार्यकाल चौधरी ने कहा कि अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं, चिकित्सक बढ़ जाते हैं, विभागाध्यक्ष बढ़ जाते हैं, लेकिन नर्सेज के कैडर का गठन नहीं हो पाता है. यही नहीं, लंबे समय से केंद्र के समान वेतनमान और भत्ते, पदनाम परिवर्तन, संविदा और कॉन्ट्रैक्ट पर की गई भर्ती का विरोध और एएनएम-जीएनएम को पदोन्नति का लाभ की मांग चली आ रही है.

उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से ये निवेदन है कि राजस्थान के नर्सेस ने सरकार की विभिन्न योजनाओं को सीमित संसाधनों के साथ धरातल पर उतारा है. अब वही नर्सेज अपनी लंबित मांगों को लेकर सीएम को ज्ञापन देंगे. उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगे नहीं मानी जाती है तो वो प्रदेशभर के नर्सेज एक बड़ा आंदोलन करेंगे.

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वहीं, राजस्थान नर्सेज एसोसिएशन के ही कार्यवाहक प्रदेश अध्यक्ष नरेंद्र सिंह शेखावत ने बताया कि संयुक्त संघर्ष समिति का गठन किया गया है. राजस्थान के नर्सेज के लिए सबसे बड़े दुर्भाग्य की बात है कि पूरे सेवाकाल में केवल एक मात्र प्रमोशन से सेवानिवृत्त हो जाते हैं. अगर नर्सिंग ऑफिसर बना है तो 36 साल की सेवा के बाद नर्सिंग ऑफिसर पद से ही सेवानिवृत्त हो जाता है, क्योंकि आगे पदोन्नति के पद अवरुद्ध हैं.

पद क्रिएट कर रखे हैं, लेकिन संख्या इतनी कम है की पदोन्नति हो ही नहीं पाती. यही हालात वेतनमान के हैं. इसी को लेकर अब शुरुआत जयपुर के एसएमएस अस्पताल से करेंगे. जहां 1 जुलाई को विरोध प्रदर्शन किया जाएगा. इसके बाद 10 जुलाई को संगठनात्मक मीटिंग कर प्रांत व्यापी आंदोलन की रूपरेखा निर्धारित की जाएगी, जिसमें धरना, प्रदर्शन, रैली, अनशन के साथ-साथ हड़ताल और सामूहिक कार्य बहिष्कार भी शामिल होगा.

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