ETV Bharat / state

चुनावी वर्ष से ठीक पहले राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी गठित करने की उठाई मांग, आगामी बजट से जताई अपेक्षा - Jaipur Latest News

2013 में प्रदेश में बने सिख गुरुद्वारा प्रबंध कमेटी एक्ट को लागू करते हुए कमेटी के गठन की मांग उठाई गई है. वर्तमान कांग्रेस सरकार के पांचवें और आखिरी बजट से पहले सिख समाज ने ये मांग उठाई है, ताकि गुरुद्वारों से संबंधित संपत्तियों को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सके और इतिहास को भी संजोया जा सके.

Rajasthan Sikh Samaj Gurdwara Management Committee
Rajasthan Sikh Samaj Gurdwara Management Committee
author img

By

Published : Dec 23, 2022, 10:46 PM IST

हरदीप सिंह डिबडिबा ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. सिख समाज के लोगों ने पार्टी पॉलिटिक्स ऊपर उठकर समाज के सामान्य मुद्दों पर मिलकर लड़ने का फैसला लेते हुए अपनी बात (Sikh Samaj in Rajasthan) सरकार के सामने रखी है. राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (अनौपचारिक) के अध्यक्ष हरदीप सिंह डिबडिबा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाई जा चुकी है. लेकिन राजस्थान में गुरुद्वारों को देवस्थान विभाग के अंतर्गत रखा गया है.

उन्होंने कहा कि जब अन्य समाजों के धार्मिक स्थलों को देवस्थान विभाग में शामिल नहीं किया गया तो फिर गुरुद्वारों को देवस्थान विभाग के अंतर्गत क्यों जोड़ा गया है. इससे गुरुद्वारों के प्रबंधन में भी दिक्कत आती है. ऐसे में उन्होंने 2013 में बनाए गए राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक्ट को लागू करने की मांग की. उन्होंने बताया कि इससे गुरुद्वारों से संबंधित संपत्तियों को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सकेगा. साथ ही राजस्थान में सिखों के इतिहास को भी संजोया जा सकेगा.

पढ़ें : गुरुद्वारे में सिख समाज ने की बैठक, रामगढ़ थाने के बाहर हजारों की संख्या में जुटे लोग...जमकर नारेबाजी, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

डिबडिबा ने कहा कि कमेटी नहीं होने की वजह से सिख समाज अपनी 10 हजार बीघा जमीन पोखरण में और बुड्ढा जोहड़ की जागीर गवां चुका है. उसके अलावा भी भरतपुर में गुरु हरगोविंद सिंह साहिब को दी गई जमीन नानक बावड़ी और अन्य ऐतिहासिक स्थानों को भी संरक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देवस्थान एक्ट हिंदू मंदिरों के मर्यादाओं के हिसाब से उनके रखरखाव के लिए है, जबकि सिखों की मर्यादाएं अलग हैं. ऐसे में सिखों को भी अपने गुरुद्वारों का प्रबंध अलग करने का अधिकार है. इसी के लिए प्रदेश सरकार से राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन करने की मांग की जा रही है.

इसके साथ ही सिख समाज ने समूचे विश्व के सिख समाज के बंदी सिख, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं (Demand of Gurdwara Management Committee) उनकी तत्काल रिहाई की मांग भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखने की बात कही. आपको बता दें कि प्रदेश में करीब 20 से 25 लाख सिख समाज के लोग हैं, जो प्रदेश की 13 से 15 विधानसभा सीटों पर डिसाइडिंग फैक्टर का काम करते हैं. ऐसे में चुनावी वर्ष से ठीक पहले सिख समाज ने एक मंच पर आकर अपनी मांग राज्य सरकार के सामने रखी है.

हरदीप सिंह डिबडिबा ने क्या कहा, सुनिए...

जयपुर. सिख समाज के लोगों ने पार्टी पॉलिटिक्स ऊपर उठकर समाज के सामान्य मुद्दों पर मिलकर लड़ने का फैसला लेते हुए अपनी बात (Sikh Samaj in Rajasthan) सरकार के सामने रखी है. राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (अनौपचारिक) के अध्यक्ष हरदीप सिंह डिबडिबा ने बताया कि पंजाब, हरियाणा, महाराष्ट्र, बिहार और दिल्ली जैसे राज्यों में सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी बनाई जा चुकी है. लेकिन राजस्थान में गुरुद्वारों को देवस्थान विभाग के अंतर्गत रखा गया है.

उन्होंने कहा कि जब अन्य समाजों के धार्मिक स्थलों को देवस्थान विभाग में शामिल नहीं किया गया तो फिर गुरुद्वारों को देवस्थान विभाग के अंतर्गत क्यों जोड़ा गया है. इससे गुरुद्वारों के प्रबंधन में भी दिक्कत आती है. ऐसे में उन्होंने 2013 में बनाए गए राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एक्ट को लागू करने की मांग की. उन्होंने बताया कि इससे गुरुद्वारों से संबंधित संपत्तियों को खुर्द-बुर्द होने से बचाया जा सकेगा. साथ ही राजस्थान में सिखों के इतिहास को भी संजोया जा सकेगा.

पढ़ें : गुरुद्वारे में सिख समाज ने की बैठक, रामगढ़ थाने के बाहर हजारों की संख्या में जुटे लोग...जमकर नारेबाजी, अतिरिक्त पुलिस बल तैनात

डिबडिबा ने कहा कि कमेटी नहीं होने की वजह से सिख समाज अपनी 10 हजार बीघा जमीन पोखरण में और बुड्ढा जोहड़ की जागीर गवां चुका है. उसके अलावा भी भरतपुर में गुरु हरगोविंद सिंह साहिब को दी गई जमीन नानक बावड़ी और अन्य ऐतिहासिक स्थानों को भी संरक्षण की जरूरत है. उन्होंने कहा कि देवस्थान एक्ट हिंदू मंदिरों के मर्यादाओं के हिसाब से उनके रखरखाव के लिए है, जबकि सिखों की मर्यादाएं अलग हैं. ऐसे में सिखों को भी अपने गुरुद्वारों का प्रबंध अलग करने का अधिकार है. इसी के लिए प्रदेश सरकार से राजस्थान सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी का गठन करने की मांग की जा रही है.

इसके साथ ही सिख समाज ने समूचे विश्व के सिख समाज के बंदी सिख, जो अपनी सजा पूरी कर चुके हैं (Demand of Gurdwara Management Committee) उनकी तत्काल रिहाई की मांग भी राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रखने की बात कही. आपको बता दें कि प्रदेश में करीब 20 से 25 लाख सिख समाज के लोग हैं, जो प्रदेश की 13 से 15 विधानसभा सीटों पर डिसाइडिंग फैक्टर का काम करते हैं. ऐसे में चुनावी वर्ष से ठीक पहले सिख समाज ने एक मंच पर आकर अपनी मांग राज्य सरकार के सामने रखी है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.