जयपुर. चुनावी वर्ष में हर वर्ग अपनी मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ आंदोलन कर रहा है. इस क्रम में सोमवार को बीते 4 साल से लंबित चल रही मांगों को लेकर प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापकों ने शहीद स्मारक पर धरना देते हुए स्कूलों में रिक्त चल रहे व्याख्याताओं के पदों को वरिष्ठ शिक्षकों की डीपीसी कर भरने जैसी मांगें उठाई.
प्रदेश के सेकंड ग्रेड टीचर्स ने जयपुर के शहीद स्मारक पर प्रदर्शन किया. इस दौरान प्रदेशभर के वरिष्ठ शिक्षकों ने राज्य सरकार के खिलाफ नारेबाजी की. राजस्थान वरिष्ठ शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष भैरू राम चौधरी ने बताया कि शैक्षिक अधीनस्थ सेवा नियम 2021 में संशोधन करवाकर 3 अगस्त, 2021 तक असमान विषय में डिग्री पूरी कर चुके और विश्वविद्यालयों में प्रवेश ले चुके वरिष्ठ अध्यापकों को व्याख्याता पदोन्नति में योग्य मानते हुए 2021-22, 2022-23 और 2023-24 तीन वर्ष की बकाया पदोन्नति जल्द करवाई जाए.
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वहीं सत्र 2013-14 से सत्र 2022-23 तक माध्यमिक से नवक्रमोन्नत करीब 13 हजार उच्च माध्यमिक विद्यालयों में अनिवार्य विषय हिंदी और अंग्रेजी के व्याख्याता पदों का सृजन कर 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की डीपीसी की करवाई की जाए. शिक्षकों का अंतर मण्डल स्थानांतरण पर वरिष्ठता विलोपन नहीं की जाए. साथ ही उन्होंने मांग की है कि नवक्रमोन्नत करीब 4500 उच्च माध्यमिक स्कूलों में जल्द से जल्द वैकल्पिक विषयों के पद सृजित कर 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की डीपीसी की करवाई जाए.
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने बीते दिनों वाइस प्रिंसिपल का पद सृजित किया, जिसे व्याख्याताओं से भरा गया. जबकि वाइस प्रिंसिपल को प्रिंसिपल पद पर पदोन्नति दी गई है. जिसकी वजह से उन अधिकारी वर्ग ने मुख्यमंत्री का सत्कार किया, लेकिन प्रदेश के वरिष्ठ अध्यापक और अध्यापक सरकार की अनदेखी से त्रस्त हैं. उन्होंने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगों पर ठोस कार्रवाई नहीं होती, तब तक उनका धरना जारी रहेगा.