दूदू (जयपुर). देश आज चाहे कितना भी डिजिटल हो गया हो लेकिन गांवों में जाति-पाति और छुआछूत जैसी परंपरा चली आ रही हैं. ऐसे समय में आज भी दलितों को शादी में घोड़ी पर बैठने पर ऐतराज किया जाता है.
मामला राजधानी के दूदू उपखंड का है, जहां पर दूदू उपखंड के दांतरी ग्राम पंचायत के माधोपुर गांव में पांच थानों की पुलिस और अतिरिक्त जाब्ते के बीच दलित दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई. इस बिंदोरी में बाराती कम और पुलिसकर्मी ज्यादा नजर आए. वहीं, एडीएम सहित पुलिस के आला अधिकारी भी मौके पर मौजूद रहे.
बता दें कि दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने को लेकर होने वाले विवाद की आशंका के मद्देनजर प्रशासन ने सुरक्षा के बीच बिंदोरी निकलवाई. जानकारी के अनुसार पिछले साल अप्रैल महीने में दलित दूल्हे के घोड़े पर बैठने को लेकर विवाद हो गया था. उनका आरोप था कि गांव में दूल्हे को घोड़ी पर चढ़ने से दबंगों को ऐतराज है.
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उन्होंने कहा कि गांव में कुछ दबंग लोगों से भयभीत होकर दलित समाज के ग्रामीणों ने जयपुर ग्रामीण एसपी शंकर दत्त शर्मा को परिवाद देकर सुरक्षा की गुहार लगाई थी. जिसके बाद पुलिस सुरक्षा के बीच दलित दूल्हे की बिंदोरी निकाली गई. जिससे पूरा गांव छावनी में तब्दील हो गया.
इसके साथ ही दूल्हे के आगे बाराती नाच रहे थे और पुलिस की गाड़ी बारात के आगे और पीछे चलती नजर आई. हथियार बंद जवान दूल्हे के आगे-पीछे चलते नजर आए. इस दौरान जयपुर एडीएम राजेंद्र कविया, राजेंद्र सिंह शेखावत, नरेना थाना प्रभारी रघुवीर सिंह, जोबनेर थाना अधिकारी, सरपंच भंवरी देवी सहित कई पुलिस कर्मी मौजूद रहे.