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CS Warned Officials: सीएस ने अधिकारियों को चेताया, जनप्रतिनिधियों को समारोह में आमंत्रित नहीं किया तो होगी कार्रवाई

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Published : Feb 24, 2023, 10:32 PM IST

सार्वजनिक कार्यक्रमों में चुने हुए जनप्रतिनिधियों को नहीं बुलाने पर सरकार सख्त हो गई है. ऐस अधिकारियों के खिलाफ अब कार्रवाई (CS Usha Sharma warned officials) होगी.

CM Ashok Gehlot warned officials
CM Ashok Gehlot warned officials

जयपुर. शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नाम को लेकर विधानसभा में उठे सवाल के बाद मुख्यसचिव ने सख्ती दिखाई है . सीएस उषा शर्मा ने सभी विभागों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि सांसदों, विधायकों को सार्वजनिक याराजकीय समारोहों के साथ भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नही करने वालों अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई होगी . पत्र में उस 12 मई 2020 निर्देशों का हवाला दिया जिसमें चुने हुए जन प्रतिनिधियों का सम्मान करने के लिए गाईड लाइन जारी की थी.

सीएस ने ये लिखा पत्रः मुख्यसचिव उषा शर्मा ने राजकीय विभागों , राजकीय उपक्रमों , बोर्डों , निगमों , स्वायत्तशासी संस्थाओं सहित सभी विभागों में पदस्थापित अधिकारियों को निर्देशात्मक को पत्र लिखा है. इस पत्र में शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नाम को लेकर उठ रहे सवाल पर सख्ती दिखाई है. सीएस उषा शर्मा ने सभी विभागों को लिखे पत्र में कहा कि लगातार आदेश जारी होने के बाद भी शिकायत मिल रही है कि सांसदों, विधायकों को सार्वजनिक या राजकीय समारोहों के साथ भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नही किया जा रहा है. दिशा निर्देशों की अवहेलना को राजस्थान सिविल सेवाएं (आचरण) नियम, 1971 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाता है. किसी भी अधिकारी की शिकायत सही पाई जाती है तो दोषी अधिकारी , कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में सभी अधिकारी निर्देशों की अक्सर से पालना करें.

इसे भी पढ़ें - सीएम गहलोत ने छत्तीसगढ़ से कोल ब्लॉक को लेकर की चर्चा, तो भूपेश बघेल ने रखी दी अपनी ये डिमांड

विधानसभा में उठा था मुद्दाः बता दें कि हाल ही में विधानसभा में विधायकों के विकास कार्यों की जानकारी और शिलान्यास लोकार्पण समारोह में पट्टिका पर स्थानीय विधायकों के नाम नहीं होने को लेकर सवाल उठे थे. सिवाना से विधायक हमीर सिंह भायल ने पूछा कि जो आदेश 2022 को जारी किया गया था , उसकी पालना हो रही है ? अगर पालना नहीं हो रही है तो जो कर्मचारी लापरवाह है उनके खिलाफ कोई कार्रवाई अब तक हुई ?.

इसके जवाब में आपदा प्रबंधन सहायक मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी और उस कमेटी निर्देश दिए थे. उसके हिसाब से परिपत्र जारी किया गया था इस संबंध में 2021 में 20 शिकायतें आई थी जिसमें से 17 का निस्तारण हो गया 2022 में 21 शिकायतें आई थी. सरकार के जवाब से संतुष्ट नही होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि मेरे पास भी लगातार इस तरह की शिकायत आ रही है, जो अधिकारी हैं उनको नियम पालना करने के लिए निर्देश दीजिए , अभी भी आदेश की पालना नहीं हो रही है.

जयपुर. शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नाम को लेकर विधानसभा में उठे सवाल के बाद मुख्यसचिव ने सख्ती दिखाई है . सीएस उषा शर्मा ने सभी विभागों को पत्र लिखकर निर्देशित किया है कि सांसदों, विधायकों को सार्वजनिक याराजकीय समारोहों के साथ भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नही करने वालों अधिकारियों पर विभागीय कार्रवाई होगी . पत्र में उस 12 मई 2020 निर्देशों का हवाला दिया जिसमें चुने हुए जन प्रतिनिधियों का सम्मान करने के लिए गाईड लाइन जारी की थी.

सीएस ने ये लिखा पत्रः मुख्यसचिव उषा शर्मा ने राजकीय विभागों , राजकीय उपक्रमों , बोर्डों , निगमों , स्वायत्तशासी संस्थाओं सहित सभी विभागों में पदस्थापित अधिकारियों को निर्देशात्मक को पत्र लिखा है. इस पत्र में शिलान्यास और लोकार्पण समारोह में चुने हुए जनप्रतिनिधियों के नाम को लेकर उठ रहे सवाल पर सख्ती दिखाई है. सीएस उषा शर्मा ने सभी विभागों को लिखे पत्र में कहा कि लगातार आदेश जारी होने के बाद भी शिकायत मिल रही है कि सांसदों, विधायकों को सार्वजनिक या राजकीय समारोहों के साथ भवनों का शिलान्यास और उद्घाटन समारोह में आमंत्रित नही किया जा रहा है. दिशा निर्देशों की अवहेलना को राजस्थान सिविल सेवाएं (आचरण) नियम, 1971 के प्रावधानों का उल्लंघन माना जाता है. किसी भी अधिकारी की शिकायत सही पाई जाती है तो दोषी अधिकारी , कर्मचारी के विरूद्ध नियमानुसार अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी. ऐसे में सभी अधिकारी निर्देशों की अक्सर से पालना करें.

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इसके जवाब में आपदा प्रबंधन सहायक मंत्री गोविंद राम मेघवाल ने कहा था कि विधानसभा अध्यक्ष की अध्यक्षता में कमेटी बनी थी और उस कमेटी निर्देश दिए थे. उसके हिसाब से परिपत्र जारी किया गया था इस संबंध में 2021 में 20 शिकायतें आई थी जिसमें से 17 का निस्तारण हो गया 2022 में 21 शिकायतें आई थी. सरकार के जवाब से संतुष्ट नही होने पर विधानसभा अध्यक्ष ने भी कहा कि मेरे पास भी लगातार इस तरह की शिकायत आ रही है, जो अधिकारी हैं उनको नियम पालना करने के लिए निर्देश दीजिए , अभी भी आदेश की पालना नहीं हो रही है.

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