जयपुर. राजधानी जयपुर की करधनी थाना पुलिस ने दिनदहाड़े गोली मारकर हत्या की वारदात का पर्दाफाश करने में सफलता हासिल की है. पुलिस ने दो शूटर और एक हत्या की सुपारी देने वाले आरोपी को गिरफ्तार किया है. पुलिस ने आरोपी रमेश मारवाल, कुंज बिहारी उर्फ तूफान और गिरधारी लाल योगी को गिरफ्तार किया है. आरोपी रमेश मारवाल ने अपने रिश्तेदार तूफान कुमावत को पड़ोसी आशीष कुमावत की हत्या की सुपारी दी थी. प्लॉट के विवाद के चलते पड़ोसी रमेश ने 25 अक्टूबर को आशीष कुमावत की हत्या करवाई थी.
पुलिस कमिश्नर बीजू जार्ज जोसफ के मुताबिक 25 अक्टूबर को करधनी इलाके में आशीष कुमावत की दिनदहाड़े एक्सप्रेस हाईवे पर अज्ञात बदमाशों ने सुबह 10 बजे गोली मार कर हत्या कर दी थी. मृतक आशीष कुमावत के बड़े भाई दीपक कुमावत ने करधनी थाने में हत्या का मामला दर्ज करवाया था. आशीष कुमावत को गोली मारने वाले कुंज बिहारी उर्फ तूफान कुमावत और हत्या करवाने वाले रमेश समेत तीन आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
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प्लॉट को लेकर चल रहा था विवाद: मृतक आशीष कुमावत और आरोपी रमेश दोनों ही वैशाली नगर इलाके में स्थित कुमावत बाड़ी में पड़ोसी थे. दोनों ही पक्ष के दो प्लॉट हैं, जिनकी कॉमन दीवार है. रमेश मारवाल ने अपने प्लॉट में मूर्ति बनाने का कारखाना लगा रखा है. दोनों ही प्लॉटों के गेट आपस में एक-दूसरे से सटे हुए हैं. आरोपी रमेश के प्लॉट का गेट करीब 30 फीट चौड़ा है जबकि आशीष कुमावत के प्लॉट का गेट करीब 5 फीट चौड़ा है. रमेश जब भी गेट खोलता था, तो आशीष कुमावत का गेट बंद हो जाता था. इसी तरह रमेश जब भी अपने गेट के सामने गाड़ी पार्क करता था, तो मृतक आशीष कुमावत का गेट बंद हो जाता था. इस बात को लेकर दोनों ही पक्षों में वर्ष 2020 से लगातार विवाद चल रहा था. विवाद के चलते दोनों पक्षों में आपस में कई बार झगड़ा और मारपीट भी हुई थी जिसके संबंध में वैशाली नगर थाने में मुकदमे भी दर्ज हैं
पोस्टमार्टम से गोली लगने की हुई थी पुष्टि: एडिशनल पुलिस कमिश्नर कैलाश चंद बिश्नोई के मुताबिक शुरुआत में एक्सीडेंट में आशीष कुमावत के घायल होने की बात सामने आई थी, लेकिन पोस्टमार्टम के दौरान मृतक की एक्स-रे में बुलेट दिखाई दी थी. आशीष की हत्या की पुष्टि होने पर पुलिस ने डीसीपी वेस्ट संजीव नैन और एडीसीपी राम सिंह के निर्देशन में स्पेशल टीम का गठन किया. शुरुआत में घटना को एक्सीडेंट के एंगल से तस्दीक की गई, लेकिन गोली मारने की घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई थी.
रिश्तेदार को वारदात में किया शामिल: 22 अक्टूबर को आरोपी कुंज बिहारी उर्फ तूफान कुमावत अपने दोस्त गिरधारी के साथ हत्या करने के लिए जयपुर आया था, लेकिन नाकाम होने के कारण 23 अक्टूबर को वापस अपने गांव नांवा चला गया. 24 अक्टूबर को तूफान अपने दोस्त गिरधारी के साथ मोटरसाइकिल से वापस जयपुर आया और वैशाली नगर के होटल में रुके. तूफान अपने साथी गिरधारी के साथ खिरणी फाटक अंडरपास पर आशीष के आने का इंतजार कर रहा था जैसे ही आशिष कुमावत मोटरसाइकिल से अंडरपास में घुसा, तो तूफान ने आशीष कुमावत का पीछा करना शुरू कर दिया. करीब डेढ़ किलोमीटर पीछा करने के बाद एक्सप्रेस हाईवे सर्विस रोड पर आशीष कुमावत की अपनी पिस्तौल से गोली मारकर हत्या कर दी. वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी वापस नांवा चले गए थे.
उधार चुकाने के लिए किया मर्डर: आरोपी कुंज बिहारी उर्फ तूफान कुमावत का रमेश के घर पर लंबे समय से आना-जाना था. तूफान बेरोजगार था. समय-समय पर रमेश से रुपए उधार लेता रहता था. तूफान रमेश से अब तक करीब 2 लाख रुपये उधार ले चुका था लेकिन बेरोजगार होने के चलते रुपए वापस नहीं लौट पाया. 6 महीने से आरोपी रमेश ने तूफान पर दबाव बनाया कि वह रुपए वापस नहीं दे सकता, तो आशीष कुमावत का मर्डर कर दे. तूफान कुमावत इस काम के लिए तैयार हो गया. पिछले 6 महीने से तूफान आशीष की हत्या के लिए रेकी कर रहा था. आरोपी रमेश ने तूफान को किसी भी हाल में दशहरे से पहले आशीष को मारने का अल्टीमेटम दिया था.रमेश ने तूफान को ये हिदायत दी थी कि या तो दशहरे तक आशीष कुमावत का मर्डर कर दे, नहीं तो उधार के रुपए वापस लौटा दे.